ETV Bharat / state

Mission 2024: विपक्षी एकता की कवायद के बीच CM नीतीश के चुनाव लड़ने की चर्चा, क्या PM मोदी को देंगे टक्कर?

author img

By

Published : May 7, 2023, 2:23 PM IST

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी एकजुटता की कवायद में जुटे हुए हैं. साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर वो लगातार विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं और मिशन 2024 की रणनीति बना रहे हैं. इन सबके बीच नीतीश कुमार के लोकसभा चुनाव में मैदान में उतरने की बात भी सामने आ रही है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

नीतीश कुमार
नीतीश कुमार

नीतीश के चुनाव लड़ने पर राजनीति

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मिशन 2024 (Nitish Kumar Mission 2024) के तहत एक तरफ विपक्षी एकजुटता की कवायद कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ उनके लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा भी शुरू हो गई है. बिहार में महागठबंधन बनाने के बाद से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) लगातार नरेंद्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री नहीं बनने देने की बात कहते रहे हैं. ऐसे में यह रणनीति भी प्रधानमंत्री मोदी को टक्कर देने के रूप में माना जा रहा है.

ये भी पढ़ें- Opposition Unity : 9 मई को ओडिशा सीएम से मिलेंगे नीतीश, पटना में महाजुटान से पहले दिखेगा 'नवीन' समीकरण?

नीतीश कुमार के चुनाव लड़ने की चर्चा: जिस प्रकार से नीतीश कुमार के चुनाव लड़ने की चर्चा हो रही है. उसका पार्टी की ओर से खंडन भी नहीं किया जा रहा है. खुद मुख्यमंत्री ने भी इससे इंकार नहीं किया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता तो यहां तक कह रहे हैं कि नीतीश कुमार कहीं से चुनाव लड़े जीत पक्की है. लेकिन राजनीतिक विशेषज्ञ कह रहे हैं कि नीतीश कुमार तभी चुनाव लड़ने का ऐलान करेंगे, जब विपक्ष की एकजुटता हो जाएगी. ऐसे में फिलहाल नीतीश कुमार के चुनाव लड़ने को लेकर सस्पेंस बना हुआ है.

2005 के बाद से नहीं लड़ें हैं चुनाव: साल 2005 में नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बने, उसके बाद से उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा है. हालांकि, उससे पहले वो विधायक भी बने हैं और सांसद भी बने, केंद्र में मंत्री भी रहे हैं. लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद से वो विधान परिषद के सदस्य बनते रहे हैं. बिहार में जब महागठबंधन बना तो उस समय भी नीतीश कुमार के चुनाव लड़ने की चर्चा होने लगी.

कौशलेंद्र कुमार अपनी सीट छोड़ने को तैयार: जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने तो यहां तक कहा कि फूलपुर और कई स्थानों से नीतीश कुमार के चुनाव लड़ने का ऑफर भी आया है. बाद में नीतीश कुमार ने इसका खंडन कर दिया. अब जब नीतीश कुमार विपक्षी एकजुटता के मुहिम में सूत्रधार बने हुए हैं और स्टीयरिंग सीट पर बैठे हुए हैं तो फिर से उनके चुनाव लड़ने की चर्चा शुरू हो गई है. नालंदा के जदयू के वर्तमान सांसद कौशलेंद्र कुमार ने तो आगे बढ़कर अपनी सीट छोड़ने की बात तक कह दी है.

नीतीश कहीं से भी लड़ें, जीत पक्की: पार्टी के वरिष्ठ नेता भगवान सिंह कुशवाहा का तो यहां तक कहना है कि, नीतीश कुमार चुनाव क्यों नहीं लड़ सकते हैं. वो कहीं से भी चुनाव लड़ेंगे तो उनकी जीत पक्की है. वहीं जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार का कहना है कि नीतीश कुमार चुनाव लड़ेंगे कि नहीं लड़ेंगे, यह फैसला तो पार्टी करेगी. उनकी राय भी जानेगी.

"नीतीश कुमार चुनाव क्यों नहीं लड़ सकते हैं. वो कहीं से भी चुनाव लड़ेंगे तो उनकी जीत पक्की है. वहीं जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार का कहना है कि नीतीश कुमार चुनाव लड़ेंगे कि नहीं लड़ेंगे, यह फैसला तो पार्टी करेगी. उनकी राय भी जानेगी."- भगवान सिंह कुशवाहा, वरिष्ठ नेता, जदयू

नीतीश कुमार है विजनरी लीडर: राजनीतिक विश्लेषक रवि उपाध्याय का कहना है कि, नीतीश कुमार जिस प्रकार से विपक्षी एकजुटता की मुहिम चला रहे हैं और स्टीयरिंग सीट पर बैठे हुए हैं. वैसे में जबतक विपक्षी एकजुटता नहीं हो जाती है, तबतक नीतीश कुमार चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं हो सकते हैं. क्योंकि देश में उदाहरण भी है. अरविंद केजरीवाल ने जो किया, उनका क्या हश्र हुआ सब ने देखा है. नीतीश कुमार विजनरी लीडर हैं. इसलिए उस तरह का कोई फैसला नहीं लेंगे.

जनता नीतीश के साथ नहीं- बीजेपी: बीजेपी के नेता तंज कस रहे हैं. बीजेपी प्रवक्ता विनोद शर्मा का कहना है कि, नीतीश कुमार को बताना चाहिए कि चुनाव लड़ सकते हैं. क्योंकि जनता भूल गई है कि नीतीश कुमार चुनाव भी लड़ सकते हैं. 2005 से बैक डोर से ही मुख्यमंत्री बनते रहे हैं. ऐसे रिजल्ट सबको पता है कहीं से चुनाव लड़ें, हारना तय है. नालंदा से भी लड़ेंगे तो जीतेंगे नहीं, क्योंकि अब जनता उनके साथ नहीं है.ॉ

"नीतीश कुमार को बताना चाहिए कि चुनाव लड़ सकते हैं. क्योंकि जनता भूल गई है कि नीतीश कुमार चुनाव भी लड़ सकते हैं. 2005 से बैक डोर से ही मुख्यमंत्री बनते रहे हैं. ऐसे रिजल्ट सबको पता है कहीं से चुनाव लड़ें, हारना तय है. नालंदा से भी लड़ेंगे तो जीतेंगे नहीं, क्योंकि अब जनता उनके साथ नहीं है."- विनोद शर्मा, प्रवक्ता, बीजेपी

विपक्षी एकजुटता के साथ चुनाव लड़ने की चर्चा: नीतीश कुमार महागठबंधन में शामिल होने के बाद अपने गृह जिला नालंदा में कई दिनों तक भ्रमण किया था. उस समय भी चर्चा शुरू हो गई थी. अब जब से विपक्षी एकजुटता की मुहिम में लगे हैं, एक बार फिर से उनके चुनाव लड़ने की चर्चा जोर पकड़ रही है. क्योंकि कर्नाटक चुनाव के बाद बिहार में विपक्षी दलों की बड़ी बैठक नीतीश कुमार की अगुवाई में हो सकता है. पार्टी के नेता कहते भी रहे हैं कि देश में नरेंद्र मोदी को कोई टक्कर दे सकता है तो वह नीतीश कुमार ही हैं. जब नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने का अभियान शुरू किया है, तो ऐसे में चुनाव लड़ने की चर्चा भी उसी से जोड़कर देखा जा रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.