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बिहार में 7 जुलाई से चलेगा फाइलेरिया उन्मूलन अभियान, 6 जिलों में होगा दवा का वितरण

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Published : Jul 6, 2022, 11:19 AM IST

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे (Health Minister Mangal Pandey) ने कहा है कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिए बिहार प्रतिबद्ध होकर काम कर रहा है. हाथी पांव से पीड़ित व्यक्ति एक आम व्यक्ति की तुलना में शारीरिक रूप से कार्य करने में अक्षम हो जाते हैं. फाइलेरिया से बचाव के लिए विभाग सामूहिक दवा सेवन अभियान के दौरान घर-घर पहुंचकर लोगों को निशुल्क दवा सेवन कराना सुनिश्चित करता है.

फाइलेरिया सामूहिक दवा सेवन अभियान
फाइलेरिया सामूहिक दवा सेवन अभियान

पटना: बिहार में 7 जुलाई से फाइलेरिया सामूहिक दवा सेवन अभियान (Filariasis mass drug use campaign ) की शुरुआत होगी. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे (Health Minister Mangal Pandey) ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 7 जुलाई से राज्य के 6 जिलों में सामूहिक के दवा सेवन अभियान चलाया जाएगा. इस दौरान 5 जिले नवादा, समस्तीपुर, रोहतास, लखीसराय और नालंदा में लोगों को दो दवा डीईसी और अल्बेंडाजोल खिलाई जाएगी. जबकि दरभंगा जिले में लोगों को 3 दवाएं डीईसी, अल्बेंडाजोल और आइवामेंक्टिन दवा खिलाई जाएगी. राज्य में दिसंबर 2021 तक हाथीपांव के 73519 मरीज और हाइड्रोसील के 17084 मरीज हैं. फाइलेरिया गंभीर रोगों की सूची में शामिल हैं.

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फाइलेरिया सामूहिक दवा सेवन अभियान: स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा है कि अभियान के दौरान इन 6 जिलों में 22285279 लोगों को फाइलेरिया की दवा पिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसको लेकर 6 जुलाई को अभियान का राज्य स्तरीय शुभारंभ पटना से किया जाएगा. इसके साथ ही इस मौके पर फाइलेरिया और कालाजार की कम्युनिकेशन कैंपेनिंग की भी शुरुआत की जाएगी. फाइलेरिया के साथ कालाजार कार्यक्रम के प्रति जन समुदाय में जागरुकता और व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए कई प्रकार के संचार प्रचार सामग्री विकसित किए गए हैं. इस मुहिम में बिहार के प्रसिद्ध अभिनेता मनोज बाजपेयी को भी शामिल किया गया है और इनके साथ कम्युनिकेशन प्रचार सामग्री तैयार की गई है, जिसमें लघु वीडियो और पोस्टर शामिल है.


फाइलेरिया के लक्षण: आमतौर पर फाइलेरिया के कोई लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते. हालांकि बुखार, बदन में खुजली और पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द व सूजन की समस्या होती है. इसके अलावा पैरों और हाथों में सूजन, हाइड्रोसिल (अंडकोषों की सूजन) भी फाइलेरिया के लक्षण हैं. चूंकि इस बीमारी में हाथ और पैरों में हाथी के पांव जैसी सूजन आ जाती है, इसलिए इस बीमारी को हाथीपांव कहा जाता है. वैसे तो फाइलेरिया का संक्रमण बचपन में ही आ जाता है, लेकिन कई सालों तक इसके लक्षण नजर नहीं आते.

ऐसे करें फाइलेरिया से बचाव: फाइलेरिया चूंकि मच्छर के काटने से फैलता है, इसलिए बेहतर है कि मच्छरों से बचाव किया जाए। इसके लिए घर के आस-पास व अंदर साफ-सफाई रखें. पानी जमा न होने दें और समय-समय पर कीटनाशक का छिड़काव करें. फुल आस्तीन के कपड़े पहनकर रहें. सोते वक्त हाथों और पैरों पर व अन्य खुले भागों पर सरसों या नीम का तेल लगाएं. हाथ या पैर में कही चोट लगी हो या घाव हो तो उसे साफ रखें. साबुन से धोएं और फिर पानी सुखाकर दवा लगाएं.

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