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Bihar Politics : नित्यानंद राय और लालू यादव की साख दांव पर, 'गोवर्धन महोत्सव' से यदुवंशियों को गोलबंद करेगी BJP

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 13, 2023, 7:00 PM IST

बिहार में धर्म और राजनीति साथ-साथ चलती है. जातिगत वोट राजनीतिज्ञ के लिए हथियार की तरह हैं. लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर बिहार में वोट बैंक की सियासत शुरू हो गई है. यदुवंशी सम्मेलन के जरिए भाजपा लालू को पटखनी देना चाहती है. क्योंकि लालू यादव अब बिहार में एक्टिव हो चुके हैं और अपने पुराने वोट बैंक की गोलबंदी में भी जुट गए हैं. ऐसे में बीजेपी का ये कदम यदुवंशी वोटबैंक में सेंधमारी को लेकर देखा जा रहा है. पढ़ें पूरी खबर-

गोवर्धन महोत्सव पर कृष्ण और कंस की लड़ाई
गोवर्धन महोत्सव पर कृष्ण और कंस की लड़ाई
गोवर्धन महोत्सव के जरिए बीजेपी का शक्ति प्रदर्शन

पटना : बिहार में राष्ट्रीय जनता दल MY समीकरण की राजनीति करती है. 14% यादव वोट बैंक पर लालू अपना कब्जा मानते हैं. लेकिन भाजपा भी 14% वोट बैंक पर अपना दवा मानती है. लोकसभा चुनाव 2024 के पहले भाजपा और राष्ट्रीय जनता दल में यदुवंशी वोट बैंक को लेकर जोर आजमाइश शुरू हो गई है. गोवर्धन पूजा के मौके पर भाजपा शक्ति प्रदर्शन करने की तैयारी कर रही है.

बीजेपी का मिशन 'यदुवंशी' समागम : केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय 14 नवंबर को गोवर्धन पूजा के मौके पर का समागम करने जा रहे हैं. बापू सभागार में 10000 से ज्यादा यदुवंशियों को पार्टी की सदस्यता दिलाई जा रही है. तमाम वैसे नेता पार्टी में शामिल हो रहे हैं जो राजद से ताल्लुक रखते हैं. भाजपा कोटे के तमाम यादव समुदाय से आने वाले नेता कार्यक्रम को लेकर सक्रिय हैं. नित्यानंद राय कार्यक्रम को लीड कर रहे हैं, तो संयोजक की भूमिका में वरिष्ठ नेता नवल किशोर यादव हैं. इसके अलावा पूर्व मंत्री रामसूरत राय भी सक्रिय हैं. पोस्टर में नंदकिशोर यादव, रामकृपाल यादव, अशोक यादव सरीखे नेताओं को जगह दी गई है.

'कृष्ण और कंस की लड़ाई' : भाजपा नेताओं का दावा है कि बिहार में 10 लोकसभा सीट ऐसी हैं, जहां पर यादव निर्णायक भूमिका में है. तमाम सीटें भाजपा के पक्ष में जाती हैं. अररिया, कटिहार, किशनगंज, मधेपुरा ऐसी लोकसभा सीटें हैं जहां पर यादव वोटर निर्णायक होते हैं. बीजेपी इन लोकसभा क्षेत्र में मजबूत है. लालू प्रसाद यादव बिहार की राजनीति में एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं. यादव वोटर को गोल बंद करने में जुटे हैं. लालू प्रसाद यादव की रणनीति को ध्वस्त करने के लिए बीजेपी ने तमाम यदुवंशी नेताओं को मैदान में उतारा है. गोवर्धन पूजा के जरिए पूरे बिहार में मैसेज देने की तैयारी है.

ईटीवी भारत GFX.
ईटीवी भारत GFX.

गोवर्धन पूजा की मान्यता : आपको बता दें कि पौराणिक कथाओं के अनुसार गोवर्धन पूजा का इतिहास इस रूप में बताया गया है कि इंद्रदेव के घमंड के चलते पूरे गांव में तूफान और बारिश का प्रकोप आ गया था. श्री कृष्ण ने अपनी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठाकर बृजवासियों की रक्षा की थी. इसके बाद से हर साल गोवर्धन की पूजा की जाने लगी.

गोवर्धन महोत्सव के संयोजक नवल किशोर यादव ने कहा है कि ''हम लोग बड़ा आयोजन करने जा रहे हैं. बड़ी संख्या में यदुवंशी भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं. यह लड़ाई कृष्ण और कंस की है, जिसमें कंस की हार तय है.''

राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता तनवीर हसन ने कहा है कि ''गृह मंत्री अमित शाह ने मुजफ्फरपुर में यादवों के विरोध में बयान दिया था. नुकसान की भरपाई के लिए भाजपा के यादव नेता कार्यक्रम करने जा रहे हैं. लेकिन इससे उनका कोई फायदा होने वाला नहीं है. यादव पूरी तरह राष्ट्रीय जनता दल के साथ इंटैक्ट हैं.''

वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी ने कहा है कि ''लालू प्रसाद यादव की रणनीति से निपटने के लिए भाजपा के यादव नेता आगे आए हैं. एक और जहां वह वोट बैंक में सेंधमारी करना चाहते हैं, वहीं दूसरी तरफ पार्टी के अंदर अपनी ताकत को भी दिखाना चाहते हैं. भाजपा की नजर यादव वोट बैंक पर ही है. कार्यक्रम के जरिए पार्टी संदेश देना चाहेगी कि भाजपा के साथ भी बड़ी संख्या में यादव वोटर हैं.''

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गोवर्धन महोत्सव के जरिए बीजेपी का शक्ति प्रदर्शन

पटना : बिहार में राष्ट्रीय जनता दल MY समीकरण की राजनीति करती है. 14% यादव वोट बैंक पर लालू अपना कब्जा मानते हैं. लेकिन भाजपा भी 14% वोट बैंक पर अपना दवा मानती है. लोकसभा चुनाव 2024 के पहले भाजपा और राष्ट्रीय जनता दल में यदुवंशी वोट बैंक को लेकर जोर आजमाइश शुरू हो गई है. गोवर्धन पूजा के मौके पर भाजपा शक्ति प्रदर्शन करने की तैयारी कर रही है.

बीजेपी का मिशन 'यदुवंशी' समागम : केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय 14 नवंबर को गोवर्धन पूजा के मौके पर का समागम करने जा रहे हैं. बापू सभागार में 10000 से ज्यादा यदुवंशियों को पार्टी की सदस्यता दिलाई जा रही है. तमाम वैसे नेता पार्टी में शामिल हो रहे हैं जो राजद से ताल्लुक रखते हैं. भाजपा कोटे के तमाम यादव समुदाय से आने वाले नेता कार्यक्रम को लेकर सक्रिय हैं. नित्यानंद राय कार्यक्रम को लीड कर रहे हैं, तो संयोजक की भूमिका में वरिष्ठ नेता नवल किशोर यादव हैं. इसके अलावा पूर्व मंत्री रामसूरत राय भी सक्रिय हैं. पोस्टर में नंदकिशोर यादव, रामकृपाल यादव, अशोक यादव सरीखे नेताओं को जगह दी गई है.

'कृष्ण और कंस की लड़ाई' : भाजपा नेताओं का दावा है कि बिहार में 10 लोकसभा सीट ऐसी हैं, जहां पर यादव निर्णायक भूमिका में है. तमाम सीटें भाजपा के पक्ष में जाती हैं. अररिया, कटिहार, किशनगंज, मधेपुरा ऐसी लोकसभा सीटें हैं जहां पर यादव वोटर निर्णायक होते हैं. बीजेपी इन लोकसभा क्षेत्र में मजबूत है. लालू प्रसाद यादव बिहार की राजनीति में एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं. यादव वोटर को गोल बंद करने में जुटे हैं. लालू प्रसाद यादव की रणनीति को ध्वस्त करने के लिए बीजेपी ने तमाम यदुवंशी नेताओं को मैदान में उतारा है. गोवर्धन पूजा के जरिए पूरे बिहार में मैसेज देने की तैयारी है.

ईटीवी भारत GFX.
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गोवर्धन पूजा की मान्यता : आपको बता दें कि पौराणिक कथाओं के अनुसार गोवर्धन पूजा का इतिहास इस रूप में बताया गया है कि इंद्रदेव के घमंड के चलते पूरे गांव में तूफान और बारिश का प्रकोप आ गया था. श्री कृष्ण ने अपनी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठाकर बृजवासियों की रक्षा की थी. इसके बाद से हर साल गोवर्धन की पूजा की जाने लगी.

गोवर्धन महोत्सव के संयोजक नवल किशोर यादव ने कहा है कि ''हम लोग बड़ा आयोजन करने जा रहे हैं. बड़ी संख्या में यदुवंशी भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं. यह लड़ाई कृष्ण और कंस की है, जिसमें कंस की हार तय है.''

राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता तनवीर हसन ने कहा है कि ''गृह मंत्री अमित शाह ने मुजफ्फरपुर में यादवों के विरोध में बयान दिया था. नुकसान की भरपाई के लिए भाजपा के यादव नेता कार्यक्रम करने जा रहे हैं. लेकिन इससे उनका कोई फायदा होने वाला नहीं है. यादव पूरी तरह राष्ट्रीय जनता दल के साथ इंटैक्ट हैं.''

वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी ने कहा है कि ''लालू प्रसाद यादव की रणनीति से निपटने के लिए भाजपा के यादव नेता आगे आए हैं. एक और जहां वह वोट बैंक में सेंधमारी करना चाहते हैं, वहीं दूसरी तरफ पार्टी के अंदर अपनी ताकत को भी दिखाना चाहते हैं. भाजपा की नजर यादव वोट बैंक पर ही है. कार्यक्रम के जरिए पार्टी संदेश देना चाहेगी कि भाजपा के साथ भी बड़ी संख्या में यादव वोटर हैं.''

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