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दर्द बांकी हैः BJP और JDU नेताओं ने एक दूसरे पर लगाया गठबंधन धर्म का पालन नहीं करने का आरोप

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Published : Dec 22, 2022, 5:39 PM IST

बिहार में 9 अगस्त 2022 को NDA टूट गया था. जेडीयू गठबंधन (mahagathbandhan in Bihar) से अलग हो गया था. आज पांच महीने बाद भी इसमें से धुआं निकल रही है. BJP और JDU के नेता एक दूसरे पर गठबंधन धर्म का पालन नहीं करने का आरोप लगा रहे हैं. जदयू का मानना है कि चिराग पासवान के जरिए भाजपा ने जदयू को कमजोर करने का काम किया. वहीं भाजपा की ओर से कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार विश्वसनीय पार्टनर नहीं हैं.

बिजेन्द्र यादव
बिजेन्द्र यादव

एनडीए में टूट की वजह.

पटना : बिहार में गठबंधन (Alliance in Bihar) का स्वरूप बदले हुए लगभग पांच महीना हो गया है, लेकिन इसकी टीस अभी बांकी है. बदली हुई परिस्थितियों में भी भाजपा और जदयू के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. जदयू ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा को गठबंधन टूट के लिए जिम्मेदार ठहराया तो भाजपा की तरफ से भी पलटवार किया गया है. दरअसल, बिजेन्द्र यादव बिहार में जहरीली शराब कांड (Chapra Hooch Tragedy) पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे, तभी उन्हें NDA में टूट दर्द सता गया.

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गठबंधन धर्म का पालनः जदयू का मानना है कि भाजपा की वजह से बिहार में सियासी जमीन कमजोर करने का प्रयास किया गया. चिराग पासवान के जरिए भाजपा ने जदयू को कमजोर करने का काम किया. जदयू नेता और ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा कि हम लगातार गठबंधन धर्म निभा रहे थे, लेकिन भाजपा के लोग हमें कमजोर करने में जुटे थे. एक और जहां चिराग पासवान को मेरे खिलाफ खड़ा किया गया तो दूसरी तरफ भाजपा का हमें समर्थन भी नहीं मिला. हमने हमेशा गठबंधन धर्म का पालन किया था.

आरोप का जवाब : विजेंद्र यादव ने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल और तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा की वजह से गठबंधन टूटा. विजेंद्र यादव के आरोपों पर भाजपा की ओर से भी जवाब दिया गया. पार्टी की ओर से कहा गया कि नीतीश कुमार किसी भी गठबंधन के विश्वसनीय पार्टनर नहीं हैं. पूर्व मंत्री जीवेश मिश्र ने कहा कि ललन सिंह और विजेंद्र यादव ने ही नीतीश कुमार को महागठबंधन में ले जाने का काम किया है. अब वह अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं.

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पहली बार 1998 में हुआ था गठबंधनः JDU और BJP के बीच पहली बार 1998 में गठबंधन हुआ था. बीजेपी की ओर से नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री का उम्मीदवार घोषित करना नीतीश को रास नहीं आया. 16 जून 2013 को बीजेपी ने मोदी को लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया तो नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ नाता तोड़ लिया. इस तरह से 17 साल पुराने नाते को तोड़ दिया. 2017 में महागठबंधन में दरार पड़ गई. 26 जुलाई को नीतीश कुमार ने प्रदेश के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया. बाद में नीतीश कुमार ने फिर बीजेपी के सहयोग से सरकार बनाई.

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