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Bihar Politics: लालू की पटना वापसी पर बिहार में राजनीतिक हलचल तेज, महागठबंधन में भी लिए जा सकते हैं कई अहम फैसले

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Published : Apr 29, 2023, 9:49 AM IST

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के कई महीनों बाद बिहार आने से महागठबंधन के अंदर मंत्रिमंडल विस्तार से लेकर बोर्ड निगम और 20 सूत्री के गठन पर फैसला हो सकता है. ऐसे तो महागठबंधन में कोआर्डिनेशन कमेटी की मांग भी लंबे समय से होती रही है. अब देखना ये है कि लालू यादव के बिहार आने के बाद महागठबंधन में क्या कुछ राजनीतिक बैठकों और फैसलों का दौर शुरू होता है.

लालू की पटना वापसी पर बिहार में राजनीतिक हलचल तेज

पटनाः राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव कल शुक्रवार को दिल्ली से पटना पहुंचे. कई महीनों बाद बिहार आने पर उनके समर्थकों में भी काफी उत्साह हैं. लालू प्रसाद यादव किडनी ट्रांसप्लांट कराकर पिछले कई महीनों से दिल्ली स्थित मीसा भारती के आवास पर स्वास्थ्य लाभ ले रहे थे, अब उनके बिहार दौरे से बिहार में सियासी हलचल तेज हो गई है. लालू यादव के बिहार दौरे में विपक्षी एकजुटता को लेकर भी बड़ी पहल हो सकती है. कांग्रेस नेताओं के साथ मुलाकात के बाद नीतीश कुमार लगातार विपक्ष के नेताओं से मिल रहे हैं और उसमें लालू यादव सहयोग कर रहे हैं, ऐसी चर्चा है कि बिहार में भी एक बड़ी बैठक विपक्ष के प्रमुख दलों की हो सकती है. इसके अलावा वामपंथी दलों और हम के तरफ से लगातार कोआर्डिनेशन कमेटी की मांग हो रही है, उम्मीद है इस पर भी कोई फैसला लिया जा सकता है.

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मंत्रिमंडल विस्तार पर हो सकता है फैसलाः बिहार में महागठबंधन के अंदर कई मुद्दों पर पेच फंसा हुआ है. मंत्रिमंडल का विस्तार पिछले साल ही होना था लेकिन लगातार लटक रहा है. कांग्रेस की ओर से दो मंत्री पद मांगा जा रहा है वहीं तेजस्वी यादव के पास 5 विभाग है. दो मंत्री पद आरजेडी के भी हैं, लेकिन तेजस्वी यादव कांग्रेस को केवल एक मंत्री पद देना चाहते हैं और पेंच यही फंसा हुआ है. दूसरी तरफ जीतन राम भी अपने बेटे के लिए एक और विभाग चाहते हैं. संभव है लालू प्रसाद यादव के बिहार दौरे से मंत्रिमंडल विस्तार को अंतिम रूप दिया जाए. निगम आयोग और बोर्ड के गठन का मामला महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से ही लटका हुआ है कोई भी फार्मूला अब तक तय नहीं हो पाया है. एक सौ से अधिक आयोग बोर्ड निगम हैं, उसमें से कुछ ही कोर्ट के निर्देश पर सरकार ने गठन किया है जबकि अधिकांश खाली पड़ा है.

महागठबंधन के नेताओं की उम्मीदें बढ़ीः महागठबंधन में 7 घटक दल है और सातों दल के कार्यकर्ता और नेता बड़ी उम्मीद लगाए हुए हैं कि लालू प्रसाद यादव के दौरे से इस पर भी कुछ हल निकालने की कोशिश की जा सकती है. वहीं, 20 सूत्री का गठन भी बिहार में पिछले कई सालों से नहीं हो रहा है. महागठबंधन की सरकार बनी तो इसकी चर्चा शुरू हो गई इसका भी समाधान निकालने की कोशिश हो सकती है. महागठबंधन के अंदर कोऑर्डिनेशन कमिटी को लेकर भी लगातार मांग होती रही है हालांकि इस पर सहमति बनेगी इसका चांस कम ही है क्योंकि आरजेडी और जदयू के नेता नहीं चाहते हैं यह बने. जदयू और आरजेडी के नेता लगातार कहते भी रहे हैं कि महागठबंधन के अंदर कोई विवाद नहीं है जबकि सरकार के फैसले को लेकर ही वामपंथी दलों हम और यहां तक कि कांग्रेस की तरफ से कई बार नाराजगी जताई जाती रही है.

कोआर्डिनेशन कमेटी को लेकर चर्चा तेजः पिछले दिनों आरजेडी विधायकों की तरफ से लगातार बयान दिए जा रहे थे उसके कारण भी महागठबंधन सरकार के लिए मुश्किल बढ़ी थीं, हालांकि फिलहाल बयानों पर लगाम लगा हुआ है. एक तरफ वामपंथी दल के नेता भी भी मांग कर रहे हैं कि लालू प्रसाद आए हैं तो महागठबंधन के शीर्ष नेता बैठकर कोआर्डिनेशन कमेटी को लेकर चर्चा करें और जो भी बड़े मुद्दे हैं उसका समाधान हो. माले अभी भी कह रही है कि जब लालू प्रसाद यादव आये हैं, तो महागठबंधन के शीर्ष नेता बैठकर बड़े मुद्दों पर फैसला लें. वरिष्ठ पत्रकार जी पी चौधरी का भी कहना है कि जो भी लटके मामले हैं उन सब पर चर्चा हो सकती है. साथ ही विपक्षी एकजुटता को लेकर लालू प्रसाद यादव बिहार से बड़ी पहल कर सकते हैं.

"देखिये हम हमेशा से कहते आ रहे हैं कि कोआर्डिनेशन कमेटी बने, मिनिमम साझा कार्यक्रम तय हो, कई मुद्दें हैं टीचर नियामवली, टाडा कैदी और भी कई ऐसी हमारी मांगे हैं जिस पर विचार हो और उस पर एक फैसला हो, महागठबंधन के शीर्ष नेता बैठकर बड़े मुद्दों पर फैसला लें"- मनोज मंजिल, माले विधायक

"अब लालू यादव आए हैं तो कई मुद्दों पर चर्चा होगी, जो भी बड़े फैसले हैं लिए जा सकते हैं. विपक्षी एकजुटता को लेकर भी कुछ हो सकता है. नीतीश कुमार ने दिल्ली में कांग्रेस से मुलाकात की थी, लालू यादव भी समर्थन कर रहे हैं. अब बिहार आए हैं तो चर्चा तेज हो गई है कि बिहार से भी कोई बड़ी पहल हो सकती है 2024 को लेकर"- जेपी चौधरी, वरिष्ठ पत्रकार

'महागठबंधन के अंदर कोई मुद्दे लटके नहीं हैं. लालू प्रसाद यादव के बिहार आने से ऐसा नहीं है कि महागठबंधन के मुद्दों पर चर्चा होगी. उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महागठबंधन के अंदर फैसला लेने के लिए सक्षम हैं"- राहुल शर्मा, जदयू प्रवक्ता

"लालू प्रसाद यादव के बिहार आने से बीजेपी खेमे में बेचैनी है जिस प्रकार से पिछले साल बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी है उससे बीजेपी के लोग घबराए हुए हैं. जनता भी चाहती है कि परिवर्तन हो और आने वाले समय बिहार से महागठबंधन 2024 में बड़ा परिवर्तन करेगी, ये मैसेज पूरे देश में जा रहा है"- एजाज अहमद प्रवक्ता आरजेडी

विपक्षी एकजुटता के साथ महागठबंधन के भी कई मुद्दे: 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर नीतीश कुमार विपक्षी एकजुटता का प्रयास कर रहे हैं अभी सरकार ने आनंद मोहन और 26 आजीवन करावास का कैद काट रहे कैदियों को छोड़ने का बड़ा फैसला लिया है, लेकिन सरकार पर कई तरह के आरोप लग रहे हैं लालू प्रसाद यादव के आने से महागठबंधन के नेताओं को इनसे निपटने में मदद मिलेगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लालू प्रसाद यादव से मुलाकात भी कर चुके हैं, लंबी वार्ता नहीं हुई है लेकिन आने वाले दिनों में जब मुलाकात होगी तो आगे की रणनीति जरूर तय होगी विपक्षी एकजुटता के साथ महागठबंधन के अंदर जो भी मामले लटके हैं उसे भी शॉट आउट करने की कोशिश जरूर की जाएगी.

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