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संसद में उठा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में गड़बड़ी का मुद्दा, तो बिहार में शुरू हुआ सियासी संग्राम

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Published : Dec 16, 2021, 8:12 AM IST

Updated : Dec 16, 2021, 10:37 AM IST

सड़क
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बिहार में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत हुई गड़बड़ियों को लेकर मंत्रियों ने अपन बयान दिया है. यह मामला संसद में भी उठाया गया था. पढ़ें पूरी खबर...

पटना: भारत सरकार ने 25 दिसंबर 2000 को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana) की शुरुआत की थी. इस योजना का प्रमुख उद्देश्‍य ग्रामीण इलाकों में 500 या इससे अधिक आबादी वाले (पहाड़ी और रेगिस्‍तानी क्षेत्रों में 250 लोगों की आबादी वाले गांव) सड़क-संपर्क से वंचित गांवों को बारहमासी सड़कों से जोड़ना है. लेकिन इस योजना के तहत बन रही सड़कों को लेकर बिहार में सियासी संग्राम छिड़ गया है.

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बिहार में ग्रामीण इलाकों को जोड़ने के लिए ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना के साथ मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत सड़कों का निर्माण कार्य चल रहा है. कुल मिलाकर 1,29,209 बस्तियों में से बिहार अब तक 68,174 बस्तियों को कनेक्टिविटी प्रदान करने में सक्षम है. 68,174 बस्तियों में से लगभग 45,672 बस्तियों को केंद्र प्रायोजित प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत अवशेष 22,693 बस्तियों को राज्य की योजनाओं के तहत कवर किया जाना है.

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साल 2015 तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना पूरी तरह केंद्रीय स्तर पर वित्त पोषित था लेकिन उसके बाद केंद्र का हिस्सा 60 प्रतिशत और राज्य का हिस्सा 40% हो गया. साल 2020 तक राज्य के 4,643 संपर्क विहीन टोलों में कुल 3,977 किलोमीटर सड़क का निर्माण करने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन अब तक लक्ष्य पूरा नहीं हो सका है. निर्माण कार्य भी गुणवत्ता पूर्ण तरीके से नहीं किया गया.

देखें रिपोर्ट.

बिहार में सरकार ने 6,162 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों को अपग्रेड करने का लक्ष्य रखा है. निर्माण कार्य में विलंब के पीछे कई वजह है कई जगहों पर तो जमीन विवाद के चलते निर्माण कार्य अधर में है, तो कई निर्माण कार्य कोर्ट में लंबित मामलों के चलते अधर में हैं. कई जगहों पर ठेकेदार ही ब्लैक लिस्टेड हो चुके हैं.

भाजपा सांसद रामकृपाल यादव ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत धीमी निर्माण कार्य और गुणवत्ता को लेकर संसद में सवाल उठाया, तो राजनीतिक बखेड़ा खड़ा हो गया. रामकृपाल यादव ने कहा कि सड़क निर्माण में गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा जा रहा है. जिसके चलते सड़क जल्द ही खराब हो जा रही हैं. हालांकि रामकृपाल यादव के आरोपों पर जदयू सांसद ने प्रतिरोध किया.

मामला संसद में उठा, तो राजद को मौका मिल गया राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि भाजपा और जदयू नेता नूरा कुश्ती खेल रहे हैं. नीति आयोग में भी बिहार सरकार को आईना दिखाया प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में गड़बड़ी की शिकायत ने राज्य सरकार को 1 तरीके से बेनकाब कर दिया.

'प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना महत्वकांक्षी परियोजना है. छोटे गांव और गलियों को भी सड़कों से जोड़ा जा रहा है. कुछ इलाकों से शिकायतें मिल रही है, तो उस पर कार्रवाई भी की जा रही है.' -प्रेम रंजन पटेल, भाजपा प्रवक्ता

'सड़क निर्माण में देश के सामने बिहार ने उदाहरण पेश किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बिहार के सड़क निर्माण की तारीफ की है. सड़क निर्माण को लेकर बिहार को कटघरे में खड़ा करना ठीक नहीं है.' -अरविंद निषाद, जदयू प्रवक्ता

वहीं पूरे मामले पर बिहार सरकार के मंत्री प्रमोद कुमार का कहना है कि सड़क निर्माण को लेकर जो तथ्य सामने आए हैं, उस पर समीक्षा बैठक की जरूरत है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह समीक्षा बैठक कर कारणों का पता लगाएंगे और फिर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.

बता दें कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का सबसे लक्ष्य गांव के लोगों को फायदा दिलाना है. जहां छोटे किसान शहरों से सीधे जुड़ सकेंगे और अपनी फसल बेच पाएंगे. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में सड़कों को सही रखना यानी अगर किसी तरह की परेशानी से सड़क खराब होती है तो उसका भी ख्याल रखा जाएगा.

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Last Updated :Dec 16, 2021, 10:37 AM IST
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