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योजनाओं की सिर्फ 41 प्रतिशत राशि ही खर्च कर पाई है बिहार सरकार

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Published : Feb 7, 2020, 4:40 PM IST

Updated : Feb 7, 2020, 8:06 PM IST

पिछले कुछ सालों में खर्च को लेकर बिहार सरकार पर लगातार सवाल खड़े होते रहे हैं. योजना विकास विभाग के सचिव मनीष वर्मा का कहना है कि विभागों की ओर से राशि सरेंडर नहीं करने के कारण खर्च प्रतिशत कम दिख रहा है.

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पटनाः बिहार सरकार की वार्षिक योजना हर साल बढ़ रही है. पिछले 4 सालों की बात करें तो 2016-17 में ये राशि 64 हजार 126 करोड़ थी, जो 2018-19 में बढ़कर 82 हजार 269 करोड़ हो गई. वहीं, वर्तमान वित्तीय वर्ष में ये 1 लाख करोड़ से अधिक का है.

हालांकि खर्च हर साल घट रहा है. वर्तमान वित्तीय वर्ष में केवल 2 महीने बचे हैं और खर्च 41% ही हुआ है. योजना विकास विभाग के सचिव मनीष वर्मा का कहना है कि विभागों की ओर से राशि सरेंडर नहीं करने के कारण खर्च प्रतिशत कम दिख रहा है.

देखें पूरी रिपोर्ट

लगातार घट रहा है खर्च प्रतिशत
बिहार सरकार की वार्षिक योजना मद की राशि हर साल बढ़ रही है.

  • 2016-17 में 64126 करोड़
  • 2017-18 में 70316 करोड़
  • 2018-19 में 82269 करोड़
  • 2019-20 में 100000 करोड़ (अनुमानित)

लेकिन खर्च की बात करें, तो

  • 2016-17 में 99.81%
  • 2017-18 में 94.6%
  • 2018-19 में घटकर 90.89%

वर्तमान वित्तीय वर्ष में जनवरी तक केवल 41% ही राशि खर्च हो पाई है.

2 महीने में कैसे खर्च होगी 59 प्रतिशत राशि
पिछले कुछ सालों में खर्च को लेकर बिहार सरकार पर लगातार सवाल खड़े होते रहे हैं. सरकार साल के अंतिम कुछ महीनों में ही योजना मद की अधिकांश राशि खर्च करती है. महालेखाकार की ओर से भी इस पर कई बार सवाल उठाए गए हैं.

Intro:पटना-- बिहार सरकार का वार्षिक योजना हर साल बढ़ रहा है पिछले 4 सालों की बात करें तो 2016 -17 में 64 126 करोड़ था जो 2018-19 में बढ़कर 82269 करोड़ हो गया और वर्तमान वित्तीय वर्ष में यह 100000 करोड़ से अधिक का है, लेकिन खर्च हर साल घट रहा है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में केवल 2 महीने शेष रह गए हैं और खर्चे 41 परसेंट ही हुआ है। योजना विकास विभाग के सचिव मनीष वर्मा का कहना है कि विभागों की ओर से राशि सरेंडर नहीं करने के कारण खर्च प्रतिशत कम दिख रहा है।


Body:योजना की खर्च प्रतिशत लगातार घट रहा ---
बिहार सरकार का वार्षिक योजना मद की राशि हर साल बढ़ रही है 2016 -17 में 64126 करोड़
दो 2017 18 में 70316 करोड
2018 19 में 82269 करोड
2,019 20 में 100000 करोड़ से अधिक का हो गया है ।लेकिन खर्च की बात करें तो
2016 -17 में 99.81%
वही 2017- 18 में 94. 6 प्रतिशत
2018 -19 में घटकर 90 .89% हो गया और वर्तमान वित्तीय वर्ष में जनवरी तक केवल 41% ही राशि खर्च हो पाई है। योजना विकास विभाग के सचिव मनीष वर्मा का कहना है कि विभागों की ओर से राशि सरेंडर नहीं करने के कारण जो खर्च प्रतिशत है वह कम दिख रहा है।
बाईट-- मनीष वर्मा सचिव योजना विकास विभाग


Conclusion: 2 महीने में कैसे खर्च होगा 59 प्रतिशत राशि--
पिछले कुछ सालों में खर्च को लेकर बिहार सरकार पर लगातार सवाल खड़े होते रहे हैं । सरकार साल के अंतिम कुछ महीनों में ही योजना मद की राशि अधिकांश राशि खर्च करती है। महालेखाकार की ओर से भी इस पर कई बार सवाल उठाए गए हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष में भी खर्च की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। ऐसे में देखना है बचे 2 महीने में 59 प्रतिशत राशि कैसे खर्च सरकार करती है।
अविनाश, पटना।
Last Updated : Feb 7, 2020, 8:06 PM IST
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