पटनाः बिहार सरकार की वार्षिक योजना हर साल बढ़ रही है. पिछले 4 सालों की बात करें तो 2016-17 में ये राशि 64 हजार 126 करोड़ थी, जो 2018-19 में बढ़कर 82 हजार 269 करोड़ हो गई. वहीं, वर्तमान वित्तीय वर्ष में ये 1 लाख करोड़ से अधिक का है.
हालांकि खर्च हर साल घट रहा है. वर्तमान वित्तीय वर्ष में केवल 2 महीने बचे हैं और खर्च 41% ही हुआ है. योजना विकास विभाग के सचिव मनीष वर्मा का कहना है कि विभागों की ओर से राशि सरेंडर नहीं करने के कारण खर्च प्रतिशत कम दिख रहा है.
लगातार घट रहा है खर्च प्रतिशत
बिहार सरकार की वार्षिक योजना मद की राशि हर साल बढ़ रही है.
- 2016-17 में 64126 करोड़
- 2017-18 में 70316 करोड़
- 2018-19 में 82269 करोड़
- 2019-20 में 100000 करोड़ (अनुमानित)
लेकिन खर्च की बात करें, तो
- 2016-17 में 99.81%
- 2017-18 में 94.6%
- 2018-19 में घटकर 90.89%
वर्तमान वित्तीय वर्ष में जनवरी तक केवल 41% ही राशि खर्च हो पाई है.
2 महीने में कैसे खर्च होगी 59 प्रतिशत राशि
पिछले कुछ सालों में खर्च को लेकर बिहार सरकार पर लगातार सवाल खड़े होते रहे हैं. सरकार साल के अंतिम कुछ महीनों में ही योजना मद की अधिकांश राशि खर्च करती है. महालेखाकार की ओर से भी इस पर कई बार सवाल उठाए गए हैं.