ETV Bharat / state

जीवन के 16 संस्कारों के इर्द-गिर्द है भोजपुरी लोक गायिकी, इसमें फैले अश्लीलता को करना होगा दूर : शैलेन्द्र मिश्र

author img

By

Published : Nov 13, 2019, 1:39 AM IST

पूर्वांचली लोक गायिकी और पूर्वांचली संस्कृति अपने सौंदर्य के कारण देश ही नहीं दुनिया भर में जानी जाती है, लेकिन इस पर अश्लीलता में घिरे होने के आरोप लगते रहे हैं. हालांकि, वर्तमान समय में कुछ ऐसे गीतकार और गायक हैं, जो भोजपुरी लोक गायिकी को उसके मूल रूप में फिर से प्रसिद्ध करने में जुटे हुए हैं. इन्हीं में एक जाना पहचाना नाम है, शैलेंद्र मिश्र का. ईटीवी भारत ने शैलेंद्र मिश्र से खास बातचीत की.

Bhojpuri folk singer Shailendra Mishra

नई दिल्ली/ पटना: राजधानी में आयोजित पूर्वांचल सांस्कृतिक मेले में प्रस्तुति के लिए भोजपुरी लोक गायक शैलेंद्र मिश्र को भी आमंत्रित किया गया था. मंच से शैलेंद्र मिश्र की प्रस्तुति को तो दर्शकों ने सराहा ही, उनके कार्यक्रम की समाप्ति पर जिस तरह उनसे गीतों को लेकर फरमाइश थी, वह बताने के लिए काफी थी कि देश की राजधानी में भी पूर्वांचली संस्कृति और अश्लीलता मुक्त भोजपुरी गायकों और गीतों के कद्रदानों की कमी नहीं है.

दर्शकों का किया धन्यवाद
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए शैलेंद्र मिश्र ने इसके लिए दर्शकों का धन्यवाद किया. शैलेंद्र मिश्र ने नाम लिए बिना उन लोगों को निशाने पर लिया, जो लोक गायकी के नाम पर अश्लीलता परोस रहे हैं और इसे बढ़ावा दे रहे हैं.

शैलेन्द्र मिश्र ने ईटीवी भारत से की बात

'भोजपुरी को अश्लीलता से मुक्त कराने का प्रयास'
उन्होंने कहा कि अपने साथियों के साथ वे इसे लेकर भी काम कर रहे हैं कि भोजपुरी फिल्मों को भी अश्लीलता के दायरे से मुक्त किया जा सके. उन्होंने बताया कि संगीत निर्देशक के रूप में उनकी एक फिल्म आने वाली है, कोहबर. कोहबर एक फीचर फिल्म होगी. हालांकि उससे पहले शॉर्ट फिल्म के रूप में यह पहले ही खूब पसंद की जा चुकी है. पूर्वांचली लोकगायिकी की महत्ता बताते हुए शैलेंद्र मिश्र ने कहा कि पूर्वांचली लोक गायिकी जीवन के 16 संस्कारों के इर्द-गिर्द है. हम जन्म के समय सोहर गाते हैं और जीवन के अंतिम समय में निर्गुण.

Intro:पूर्वांचली लोक गायिकी और पूर्वांचली संस्कृति अपने सौंदर्य के कारण देश ही नहीं दुनिया भर में जानी जाती है. लेकिन इसपर अश्लीलता में घिरे होने के आरोप लगते रहे हैं. हालांकि वर्तमान समय में कुछ ऐसे गीतकार और गायक हैं, जो भोजपुरी लोक गायिकी को उसके मूल रूप में फिर से प्रसिद्ध करने में जुटे हुए हैं. इन्हीं में एक जाना पहचाना नाम है, शैलेंद्र मिश्र का. ईटीवी भारत ने शैलेंद्र मिश्र से खास बातचीत की.




Body:नई दिल्ली: 10 से 12 नवंबर के बीच दिल्ली के कनॉट प्लेस में दिल्ली सरकार द्वारा आयोजित किए गए पूर्वांचल सांस्कृतिक मेले में प्रस्तुति के लिए शैलेंद्र मिश्र को भी आमंत्रित किया गया था. मंच से शैलेंद्र मिश्र की प्रस्तुति को तो दर्शकों ने सराहा ही, उनके कार्यक्रम की समाप्ति पर जिस तरह उनसे गीतों को लेकर फरमाइश थी, वह बताने के लिए काफी थी कि देश की राजधानी में भी पूर्वांचली संस्कृति और अश्लीलता मुक्त भोजपुरी गायकों व गीतों के कद्रदानों की कमी नहीं है.

ईटीवी भारत से बातचीत में भी शैलेंद्र मिश्र ने इसके लिए दर्शकों का धन्यवाद किया. शैलेंद्र मिश्र ने नाम लिए बिना उन लोगों को निशाने पर लिया, जो लोक गायकी के नाम पर अश्लीलता परोस रहे हैं और इसे बढ़ावा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि अपने साथियों के साथ वे इसे लेकर भी काम कर रहे हैं कि भोजपुरी फिल्मों को भी अश्लीलता के दायरे से मुक्त किया जा सके.


Conclusion:उन्होंने बताया कि संगीत निर्देशक के रूप में उनकी एक फिल्म आने वाली है, कोहबर. कोहबर एक फीचर फिल्म होगी. हालांकि उससे पहले शॉर्ट फिल्म के रूप में यह पहले ही खूब पसंद की जा चुकी है. पूर्वांचली लोकगायिकी की महत्ता बताते हुए शैलेंद्र मिश्र ने कहा कि पूर्वांचली लोक गायिकी जीवन के 16 संस्कारों के इर्द-गिर्द है. हम जन्म के समय सोहर गाते हैं और जीवन के अंतिम समय में निर्गुण.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.