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पुरानी गलतियों से सीख लेकर शिक्षा विभाग ने जारी किया यह महत्वपूर्ण आदेश

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Published : May 18, 2021, 7:12 AM IST

Updated : May 18, 2021, 12:40 PM IST

शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को सोमवार को पंचायती राज संस्था के तहत शिक्षकों की नियुक्ति से जुड़ा एक आदेश जारी किया है. इस आदेश में विभाग ने साफ किया है कि किसी भी सूरत में नियुक्त शिक्षकों के शैक्षणिक और प्रशैक्षनिक प्रमाणपत्र आदि का संधारण संबंधित नियोजन इकाई के अध्यक्ष के स्तर पर नहीं किया जाएगा.

पटना
पटना

पटना: शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को सोमवार को पंचायती राज संस्था के तहत शिक्षकों की नियुक्ति से जुड़ा एक आदेश जारी किया है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने यह आदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि छठे चरण के शिक्षक नियोजन से जुड़े तमाम डाक्यूमेंट्स को किसी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी के पास ही जमा रखना है.

किसी भी हाल में शिक्षक नियोजन से जुड़ा कोई भी डॉक्यूमेंट ग्राम पंचायत, पंचायत समिति या जिला परिषद के सदस्यों के पास नहीं होना चाहिए.

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क्यों जारी हुआ आदेश
दरअसल, साल 2019 के जुलाई-अगस्त महीने में बिहार में छठे चरण के शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया शुरू हुई थी. यह नियोजन की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हुई है, जबकि बिहार में 15 जून को ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद के निर्वाचित सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है.

शिक्षक नियोजन एवं सेवा शर्त नियमावली 2012 के तहत शिक्षकों की नियुक्ति के लिए गठित समिति के अध्यक्ष संबंधित पंचायती राज संस्था के अध्यक्ष होते हैं. संबंधित पंचायती राज संस्था के कार्यपालक पदाधिकारी नियुक्ति के लिए गठित समिति के सदस्य सचिव होते हैं. नियोजन इकाई के स्तर पर अभ्यर्थी जब आवेदन देते हैं, तो वह सदस्य सचिव के स्तर पर संधारित किया जाता है.

नियुक्ति के बाद नियोजन से संबंधित सभी डॉक्यूमेंट जैसे आवेदन पत्र, मेधा सूची, चयन सूची, नियुक्ति पत्र की प्रति और शिक्षक के शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र का संधारण भी नियुक्ति हेतु गठित समिति के सदस्य सचिव के स्तर पर किया जाता है.

शैक्षणिक और प्रशैक्षनिक प्रमाणपत्र का संधारण ऐसे होगा
यही वजह है कि शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव संजय कुमार ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को आदेश जारी किया है. उन्होंने सभी डीईओ से संबंधित ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी को जुलाई-अगस्त 2019 से प्रारंभ किए गए नियुक्ति से संबंधित सभी डॉक्यूमेंट का संधारण अपने-अपने कार्यालय में करने को कहा है. उन्होंने अपने आदेश में यह स्पष्ट किया है कि किसी भी सूरत में यह डॉक्यूमेंट या पूर्व से नियुक्त शिक्षकों के शैक्षणिक और प्रशैक्षनिक प्रमाणपत्र आदि का संधारण संबंधित नियोजन इकाई के अध्यक्ष के स्तर पर नहीं किया जाएगा.

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पूर्व की गलतियों से मिली सीख
शिक्षा विभाग का यह महत्वपूर्ण आदेश उसके पूर्व की गलतियों से मिली सीख का नतीजा है. बिहार में वर्ष 2006 से 2015 के बीच नियुक्त हुए एक लाख से ज्यादा शिक्षकों के फोल्डर गायब हैं. नियोजन से संबंधित डॉक्यूमेंट नहीं मिलने की वजह से फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी कर रहे शिक्षकों की निगरानी जांच अब तक पूरी नहीं हुई है.

पटना हाई कोर्ट ने इस बाबत शिक्षा विभाग को कई बार फटकार भी लगाई है. यही वजह है कि अब शिक्षा विभाग पहले की गलती दोहराना नहीं चाहता और नियोजन से संबंधित सभी डॉक्यूमेंट को जमा रखने की जिम्मेदारी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी को दी गई है.

छठे चरण के तहत नियोजन
बिहार में छठे चरण के नियोजन के तहत 90,700 प्राथमिक और मध्य विद्यालय शिक्षकों के पद जबकि करीब 30,000 माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों के पद भरे जाने हैं.

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Last Updated : May 18, 2021, 12:40 PM IST
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