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'औरंगाबाद में 6 लड़कियों का जहर खाना किसी साजिश का हिस्सा', ऐपवा की महासचिव का बयान

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Published : Apr 12, 2022, 10:16 PM IST

Aipwa general secretary Meena Tiwari
औरंगाबाद में 6 लड़कियों का जहर खाना साजिश का हिस्सा

पटना के छज्जू बाग स्थित भाकपा माले के कार्यालय में भाकपा माले की इकाई ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी (Aipwa general secretary Meena Tiwari ) ने औरंगाबाद में 6 लड़कियों के द्वारा सामूहिक जहर खाने से चार की मौत मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की. उन्होंंने कहा कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि किसी बड़ी साजिश को ढकने का प्रयास है.

पटना: औरंगाबाद के चिरैला गांव में बीते 8 अप्रैल को 6 लड़कियों के सामूहिक रूप से जहर खाने (6 Girls Consume Poison in Aurangabad) का मामला गरमा रहा है. जिसमें से 4 की मौत हो गयी थी. जिसको लेकर मंगलवार को भाकपा माले की इकाई ऐपवा (CPI-ML Unit Aipwa) ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की. ऐपवा की महासचिव मीना कहा कि 6 दलित लड़कियों के द्वारा सामूहिक रूप से जहर खाने का मामला प्रकाश में आने के बाद ऐपवा की टीम घटनास्थल पर जांच के लिए पहुंची. टीम में राज्य सह सचिव रीता वर्णवाल समेत 10 लोग शामिल थे. यह आत्महत्या नहीं बल्कि किसी बड़ी साजिश को ढकने का प्रयास प्रतीत हो रहा है.

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प्रेम प्रसंग में जहर खाने का मामला: मीना तिवारी ने कहा कि उनकी टीम जब वहां पहुंची तो गांव के कुछ लोगों ने कहा कि प्रेम प्रसंग में जहर खाने का मामला है, जबकि पीड़ित परिवार प्रेम प्रसंग के मामले को नकार रहा है. उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार के सदस्यों ने बताया कि वे लोग गांव में केवल 15 घर हैं. वे रोज कमाने खाने वाले हैं. ऐसे में वह इस मामले में खुलकर कुछ बोलना नहीं चाहते. उन लोगों को सुरक्षा का डर है. उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम को लेकर सवाल उठता है कि आखिर दवा की दुकानों पर आसानी से लड़कियों को जहर कैसे मिल गया. यह आत्महत्या नहीं बल्कि किसी बड़ी साजिश को ढकने का प्रयास प्रतीत हो रहा है.

उच्च स्तरीय जांच और पीड़ित परिजनों को मिले मुआवजा: उन्होंने कहा कि ने एक मृतक लड़की के परिवार वालों ने बताया कि लड़की का मोबाइल गांव के आदमी के पास है. उस पर जो फोन किया गया तो भद्दी-भद्दी गालियां दी गई और धमकाया गया. इसके साथ ही दोबारा मोबाइल के लिए फोन नहीं करने के लिए कहा गया. उन्होंने कहा कि वह इस मामले की उच्च स्तरीय जांच और पीड़ित परिजनों को उचित मुआवजा के साथ-साथ दलित टोले में कायम भय के माहौल को खत्म करने की मांग है. इसके साथ ही दो जीवित बची लड़कियों के बयान दर्ज कर उन्हें सुरक्षा और सरकारी खर्चे पर उनकी पढ़ाई व रोजगार की व्यवस्था सरकार करे. इस मांग को लेकर वह आगामी 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के अवसर पर पूरे राज्य में भाकपा माले और ऐपवा के बैनर तले विरोध करेंगी.

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