ETV Bharat / state

Patna News: BSEIDC के पदाधिकारियों और कर्मियों पर गिरी गाज, केके पाठक ने दिए वेतन कटौती के आदेश

author img

By

Published : Jun 22, 2023, 6:50 AM IST

शिक्षा विभाग
शिक्षा विभाग

बिहार में शिक्षा के अधारभूत संरचना के कार्यों में सुस्ती और धीमी रफ्तार के कारण बीएसईआईडीसी के कर्मचारियों और पदाधिकारियों पर गाज गिरी है. शिक्षा विभाग की ओर से एक पत्र जारी कर इनके वेतन में 10% की कटौती का आदेश दिया गया है. पत्र में ये भी कहा गया है कि गया है कि विभाग के निर्देशों का दृढ़ता पूर्वक अनुपालन सुनिश्चित करते हुए योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाई जाए.

पटना: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की गाज बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड के पदाधिकारियों और कर्मियों पर आखिरकार गिर ही गई. अपर मुख्य सचिव ने निगम के सभी कर्मियों, पदाधिकारियों के वेतन में 10% कटौती का आदेश जारी किया है. शिक्षा विभाग द्वारा इस संबंध में पत्र भी जारी कर दिया गया है.

ये भी पढ़ेंः Bihar Education : अब 14 जून को होगी सभी विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार की बैठक, विभागीय आदेश पत्र जारी

विभागीय समीक्षा में सामने आई कमियांः शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की ओर से जारी पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि गत 17 जून को बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड की विस्तृत समीक्षा की गई. जिसमें यह सामने आया कि निगम की कार्य क्षमता बहुत ही सोचनीय है और प्रगति लगभग शून्य है. योजनाओं की समीक्षा से पता चला कि सभी प्रकार के निर्माण कार्य काफी धीमी गति से चल रहे हैं एवं परियोजना व्यय बहुत धीमा है. रोजाना निगम केवल एक करोड़ 86 लाख ही व्यय करता है, लेकिन उसकी स्थापना खर्च प्रतिदिन का लगभग 7.5 लाख रुपये है.

स्कूलों के निर्माण में कोई प्रगति नहींः पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि निगम को प्रतिदिन जो सेंटेज की राशि प्राप्त होती है, उससे निगम का दैनिक खर्च बहुत मुश्किल से चल पाता है. साथ ही भारी मात्रा में फिक्स डिपॉजिट और अन्य प्रकार की राशि निगम में पड़ी हुई है. जबकि क्षेत्र में स्कूलों के निर्माण में कोई प्रगति नहीं है. समीक्षा के क्रम में यह भी बताया गया कि इस वक्त 2313 करोड़ रुपए विभिन्न मदों में रखे गए हैं. जबकि निगम प्रतिदिन एक करोड़ 86 लाख रुपये ही खर्च कर पा रहा है. काम में बहुत सारी ब्यूरोक्रेट्रिक अड़चनें व्यर्थ में खड़ी की गई है. जिससे न सिर्फ व्यर्थ की राशि बर्बाद होती है बल्कि योजनाओं का क्रियान्वयन भी काफी धीमा पड़ जाता है. निगम में मुख्य अभियंता और उनकी टीम प्रश्नों का संतोषजनक उत्तर नहीं दे पा रहे थे.

योजना के कार्यों में तेजी लाने के निर्देशः निगम में कार्यरत योजना में तेजी लाने के लिए कई निर्देश निर्गत किए जाते हैं, इसके अनुसार चुकी निगम में काम लगभग नगण्य है अतः अगले आदेश तक निगम के सभी कर्मी जून माह 2030 के प्रभाव से अपने कुल वेतन का केवल 90% ही प्राप्त करेंगे. दिनांक 24 जून को शिक्षा भवन में फिर समीक्षा होगी और स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ तो अपेक्षित प्रगति नहीं करने वाले पदाधिकारियों, कर्मियों को कार्यमुक्त किया जाएगा एवं पदाधिकारियों कर्मियों के वेतन पैकेज को कम करने की कार्रवाई की जाएगी.

तकनीकी निविदा के निष्पादन में भी विलंब: इसके अलावा यह भी निर्देश जारी किया गया कि तकनीकी निविदा के निष्पादन में अनावश्यक विलंब देखा गया, यह सुनिश्चित किया जाए कि तकनीकी निविदा का निष्पादन एक सप्ताह के भीतर हो जाए. आपत्ति आमंत्रित करने का समय छोटी योजनाओं (दो करोड़ रुपये तक) के लिए तीन दिन रखा जाए. बड़ी योजनाएं जो दो करोड़ रुपए से अधिक की है, उनके लिए एक सप्ताह का वक्त तय किया जाए. तकनीकी निविदा में समर्पित कागजातों का सत्यापन समानांतर रूप से चलता रहे, अगर सत्यापन के बाद वह कागजात फर्जी पाया जाता है तो संवेदन को किसी भी स्टेज पर ब्लैक लिस्ट किया जाए.

अगले सप्ताह दोबारा होगी समीक्षाः शिक्षा विभाग की समीक्षा में यह भी पाया गया कि स्कूलों में छोटे-छोटे दो कमरे, तीन कमरे अतिरिक्त बनाने के लिए सॉइल टेस्टिंग की जा रही है. ऐसी छोटी योजनाओं में करीब 250 योजनाएं हैं. जिनमें सभी की सॉइल टेस्टिंग कराई जा रही है. यह न केवल बहुत खर्चीला है बल्कि उसमें समय भी बहुत बर्बाद होता है. इसलिए शिक्षा विभाग का सुझाव होगा कि जहां स्कूलों के अतिरिक्त कमरे बनाने की बात है तो सॉइल टेस्टिंग केवल वही कराई जाए. जहां तीन तल्ला या अधिक काम कराया जा रहा है. सॉइल टेस्टिंग में होने वाले खर्च की भरपाई भारत सरकार या राज्य सरकार नहीं करती है बल्कि यह व्यय निगम के आंतरिक स्रोतों से करनी पड़ेगी. अगले सप्ताह इन विषयों पर शिक्षा भवन में फिर से बैठक की जाएगी. जहां सभी पदाधिकारी प्रतिवेदन के साथ उपस्थित रहेंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.