पटना: बिहार राज्य परिवहन विभाग की स्थिति मौजूदा वक्त में चाहे जैसी भी हो, लेकिन विभाग के सचिव 2020 में किए गए कार्यों को बेहतर बता रहे हैं. राज्य के परिवहन सचिव संजय अग्रवाल का कहना है कि लॉकडाउन में स्पेशल ट्रेनों से बिहार पहुंचने वाले लाखों लोगों को राज्य परिवहन विभाग की बसों ने घरों तक पहुंचाया. जो विभाग की सबसे बड़ी चुनौती थी.
विभाग के लिए थी बड़ी चुनौती
इस साल बिहार सरकार के कुछ विभागों पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी थी. कोरोना काल में लाखों लोग बिहार वापस लौट रहे थे. लिहाजा सरकार के लिए सभी को घरों तक पहुंचाना बड़ी चुनौती है. राज्य परिवहन विभान ने जिम्मेदारियों को निवर्हन करते हुए करीब 25 से 30 लाख लोगों को वक्त पर घरों तक पहुंचाया.
हर एक दिन चलती थी 7000 बसें
परिवहन सचिव का दावा है कि कोरोना काल में 25 से 30 लाख लोगों को बसों से घरों तक पहुंचाया गया है. विभाग के पास अपनी बसों की भारी कमी थी. लेकिन जिम्मेदारियों को निभाते हुए विभाग ने प्राइवेट और स्कूल बसों को किराये पर लेकर हर एक 7000 बसें चलाई. जिससे लाखों लोग अपने-अपने घर तक पहुंच पाए.
![BSRTC की बसें](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/9905836_bsrtc.jpeg)
मुश्किल घड़ी में जनता के साथ परिवहन विभाग
मुश्किल परीक्षा की घड़ी से गुजरते हुए परिवहन विभाग ने हर स्टेशन पर बड़ी संख्या में बसें उपलब्ध कराई. परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने इस वर्ष की यादें ताजा करते हुए ईटीवी भारत को बताया कि लाखों की संख्या में बिहार से बाहर रह रहे लोगों के लिए रेलवे से इजाजत लेकर विशेष ट्रेनों का इंतजाम किया गया. जब इन ट्रेनों से बड़ी संख्या में लोग बिहार पहुंचे तो उन्हें स्टेशन से ही बिल्कुल मुफ्त बस की सुविधा उपलब्ध कराई गई और वह भी उनके घर तक.
![संजय अग्रवाल, परिवहन सचिव](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-pat-transport-department-safarnama-special-pkg-7200694_10122020191454_1012f_02814_759.jpg)
लोगों को दी गई फ्री बस सेवा
संजय अग्रवाल ने कहा कि हमारे लिए बड़ा टास्क था. शुरुआत में जब बसें नहीं चल रही थी तब लोगों को कुछ परेशानी जरूर हुई. क्योंकि उन्हें पैदल ही अपना सफर तय करना पड़ा. लेकिन बाद में जब ट्रेन और बस से चलने लगी तब लोगों को बिल्कुल फ्री सर्विस देकर उनके घर तक पहुंचाने का इंतजाम परिवहन विभाग ने किया.
प्रदूषण कम करना बड़ी चुनौती
परिवहन सचिव ने कहा कि आने वाले साल में उनके लिए एक बड़ा चैलेंज वाहनों से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रण करना है और इसके लिए विभाग तमाम जरूरी इंतजाम कर रहा है. विभाग की तरफ से जो महत्वपूर्ण कार्य इस साल शुरू किए गए हैं उसमें सबसे बड़ा काम बड़ी संख्या में प्रदूषण जांच केंद्र खोलना रहा है. पहले करीब 250 प्रदूषण जांच केंद्र बिहार में थे. जिसे बढ़ाकर इस साल 1000 तक पहुंचाया गया और अगले साल 1000 और नए वाहन प्रदूषण जांच केंद्र बिहार में खुलने की योजना है.
CNG बसों और ऑटो का परिचालन
पटना में सीएनजी बसों का परिचालन शुरू हुआ है और बड़ी संख्या में सीएनजी ऑटो बिहार में चल रहे हैं.पटना में कई सीएनजी स्टेशन खोले गए हैं. अगले साल भी बड़ी संख्या में सीएनजी स्टेशन खोलने की परिवहन विभाग की योजना है. बिहार में परिवहन विभाग रेवेन्यू कलेक्शन के मामले में भी अग्रणी विभागों में से है. वर्ष 2018-19 में जहां परिवहन विभाग का कुल रेवेन्यू कलेक्शन 2067 करोड़ रुपए रहा था, वह 2019-20 में बढ़कर 2712 करोड़ रुपए हो गया.
![पटना में सीएनजी स्टेशन](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/9905836_cng.jpg)
इसमें कोई कोई शक नहीं है कि इस साल परिवहन विभाग के लिए काम करना चुनौती से कम नहीं था. यह भी सच है कि राजस्व में बढ़ोतरी हुई है लेकिन इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि ज्यादातर विभाग की बसों में जो सुविधाएं यात्रियों को मिलनी चाहिए थी वह नहीं मिल रहा है.