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बिहार: 5 साल में सड़क हादसों में गई 30292 लोगों की जान, तेज रफ्तार और अनट्रेंड ड्राइवर बड़ी वजह

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Published : Apr 6, 2021, 8:08 PM IST

Updated : Apr 6, 2021, 8:24 PM IST

बिहार में हर साल हजारों लोगों की जान सड़क पर चली जाती है. इसकी बड़ी वजह सड़क पर बेतहाशा बेलगाम दौड़ती तेज रफ्तार गाड़ियां और अनट्रेंड ड्राइवर हैं. सड़क दुर्घटनाओं के विश्लेषण से पता चलता है कि 78% हादसे ड्राइवर की गलती से होते हैं. 2016 से नवंबर 2020 तक 30,292 लोगों की मौत सड़क दुर्घटना में हुई है.

Road accident
सड़क हादसा

पटना: पिछले कुछ सालों में बिहार में सड़क निर्माण के क्षेत्र में काफी काम हुआ. गड्डों से पटी सड़कें चिकनी हो गईं और दो लेन की सड़क चार लेन की बन गई. सड़कें अच्छी हुईं तो इसपर लोग तेज रफ्तार से वाहन चलाने लगे. वाहनों की तेज रफ्तार और अनट्रेंड ड्राइवरों की वजह से पिछले कुछ सालों में सड़क हादसों में तेजी से वृद्धि हुई है. पांच साल में राज्य में 30292 लोगों की जान सड़क हादसे में गई है.

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अनट्रेंड ड्राइवर हादसों की बड़ी वजह
बिहार में हर साल हजारों लोगों की जान सड़क पर चली जाती है. इसकी बड़ी वजह सड़क पर बेतहाशा बेलगाम दौड़ती तेज रफ्तार गाड़ियां और अनट्रेंड ड्राइवर हैं. लोग बिना ट्रेनिंग और पर्याप्त प्रैक्टिस के सड़क पर वाहन चलाना शुरू कर देते हैं. इसकी बड़ी वजह बिहार में ड्राइवर को ट्रेनिंग देने वाले सरकारी संस्थान की कमी भी है. लाइसेंस जारी करने में भी लाइसेंसिंग अथॉरिटी की तरफ से लापरवाही बरती जाती है. इसके कारण धड़ल्ले से बिना ड्राइविंग टेस्ट के ड्राइविंग लाइसेंस निर्गत कर दिए जाते हैं.

देखें रिपोर्ट

78% हादसों की वजह ड्राइवर की गलती
सड़क दुर्घटनाओं के विश्लेषण से पता चलता है कि 78% हादसे ड्राइवर की गलती से होते हैं. इनकी मुख्य वजह वाहनों को तेज रफ्तार से चलाना और ओवरलोडिंग है. बिहार आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आंकड़े के अनुसार 2016 से नवंबर 2020 तक 30,292 लोगों की मौत सड़क दुर्घटना में हुई है. इसके साथ ही हजारों लोग घायल हुए हैं.

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यातायात के नियमों का पालन जरूरी
"बिहार में बिना लाइसेंस के ही लोग गाड़ी चलाने लगते हैं. उनके पास गाड़ी चलाने का कोई ट्रेनिंग नहीं होता और न ही उन्हें यातायात के नियमों की जानकारी होती है, जिसके कारण दुर्घटनाएं ज्यादा हो रही हैं."- प्रद्युम्न कुमार, बाइक सवार

"यातायात के नियमों का कड़ाई से पालन कराना बेहद जरूरी है. जब परिवहन विभाग की ओर से जांच अभियान चलाया जाता है तो कुछ हद तक लोग सही तरीके से वाहन चलाते हैं. जैसे ही पुलिस प्रशासन की ओर से जांच अभियान में ढील दी जाती है एक बार फिर लोग ओवर स्पीडिंग, ओवरलोडिंग और नियम तोड़ते हुए वाहन चलाना शुरू कर देते हैं."- राजीव भूषण, पटनावासी

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"दुर्घटनाएं कम करने के लिए 4 'E' पर काम करना बेहद जरूरी है. इनमें एनफोर्समेंट यानि ट्रैफिक रूल्स का कड़ाई से अनुपालन कराना, एजुकेशन यानि ट्रैफिक रूल्स और ड्राइविंग स्किल्स की जानकारी देना, इंजीनियरिंग यानि सही तकनीक और जरूरत के मुताबिक सड़क निर्माण और इमरजेंसी मेडिकल सर्विस यानी सड़क दुर्घटना की स्थिति में तुरंत मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराना शामिल हैं."- व्यास जी, उपाध्यक्ष, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण

हर जिले में खुल रहा ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल
परिवहन विभाग हर जिले में ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोल रहा है, जिनमें अत्याधुनिक तरीके से ड्राइविंग सीखने की पूरी व्यवस्था होगी. औरंगाबाद में पहले से ही भारी वाहन चालकों के लिए ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खुल चुका है. इसके अलावा पटना के फुलवारी शरीफ में ड्राइविंग ट्रैक का निर्माण चल रहा है, जिसमें अत्याधुनिक तरीके से ड्राइविंग स्किल्स सिखाया जाएगा.

sanjay agrawal
परिवहन विभाग के सचिव संजय अग्रवाल.

"आने वाले समय में साइंटिफिक तरीके से गाड़ी चलाना सीखने के बाद ही ड्राइवर को ड्राइविंग लाइसेंस जारी होगा. कोई भी बिना ड्राइविंग टेस्ट दिए ड्राइविंग लाइसेंस नहीं ले सकेगा. इनसे सड़क दुर्घटनाओं में कमी होगी. इनके अलावा यातायात के नियमों का पालन कराने के लिए सघन वाहन जांच अभियान भी चल रहा है, जिनमें लोगों के हेलमेट पहनने और सीट बेल्ट लगाने का कड़ाई से अनुपालन कराया जाता है."- संजय कुमार अग्रवाल, सचिव, परिवहन विभाग

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Last Updated : Apr 6, 2021, 8:24 PM IST
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