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हल्की बारिश से खुली नवादा प्रशासन की पोल, समाहरणालय परिसर में आया सैलाब.

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Published : Jul 25, 2019, 3:14 PM IST

समाहरणालय परिसर में आया सैलाब

समाहरणालय के मुख्यद्वार से होते हुए जो नाले बने हुए हैं, वो अक़्सर जाम ही रहते हैं. इससे परिसर से समय पर पानी की निकासी नहीं हो पाती है.

नवादा : जिले में पिछले दो दिनों से हो रही बारिश ने प्रशासन की बरसात को लेकर की गई तैयारी की पोल खोलकर रख दी है. पूरा शहर जलजमाव से परेशान है. नवादा समाहरणालय में सैलाब आ गया है. इसके मुख्य गेट से अंदर जाने के लिए रास्ते नहीं बचे हैं. बड़े अधिकारी तो अपनी गाड़ी से कार्यालय तक पहुंच जाते हैं, लेकिन आमलोगों को काफी दिक्कतें हो रही हैं. यही हाल सदर अस्पताल का भी है थोड़ी सी बारिश में यह जलमग्न हो जाता है. मौजूदा स्थिति ऐसी है कि समाहरणालय परिसर में आये सैलाब से लोग अपनी गाड़ियां धोने का काम करते हैं. इन सबके बावजूद जिला प्रशासन की आंखें नहीं खुल रही हैं.

नाले की ब्लॉकिंग बना जलजमाव का सबसे बड़ा कारण
समाहरणालय के मुख्यद्वार से होते हुए जो नाले बने हुए हैं, वो अक़्सर जाम ही रहते हैं. इससे परिसर से समय पर पानी की निकासी नहीं हो पाती है. इसी वजह से यहां थोड़ी सी बारिश में ही जलजामव कि स्थिति उत्पन्न हो जाती है. यहां आने-जानेवाले अधिकारी-पदाधिकारी सहित आमलोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

समाहरणालय परिसर में आया सैलाब

नाला निर्माण की फाइलें पड़ी हैं लंबित
एक बड़े नाले के निर्माण के लिए भवन निर्माण विभाग की ओर से प्रस्ताव भेजा गया है लेकिन अभी तक वो फाइलें लंबित पड़ी है. जिसके कारण नाले निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो सकी है.


जलजामव दूर करने के लिए नाले का निर्माण जरूरी
नगर परिषद के कार्यपाल अभियंता देवेंद्र सुमन का कहना है कि, कलेक्ट्रिएट में जलजामव दूर करने के लिए नाले का निर्माण जरूरी है. कलेक्ट्रिएट और जो भी सरकारी भवन हैं उनके अंदर भवन निर्माण विभाग काम करता है. इसके लिए भवन निर्माण के इंजीनियर से बात हुई है उन्होंने बताया कि इसके लिए एक बड़े नाले के निर्माण के लिए प्रस्ताव भेजा हुआ है जिसकी स्वीकृति अभी तक विभाग से नहीं मिली है. आउटर फॉल ड्रेन बनने के बाद यह समस्या दूर हो जाएगी.

Intro:नवादा। जिले में पिछले दो दिनों की बारिश ने प्रशासन की ओर से बरसात को लेकर की गई तैयारी का पोल खोलकर रख दी है। पूरा शहर जलजमाव से त्रस्त है। नवादा समाहरणालय में सैलाब आ गया है। समाहरणालय के मुख्य गेट से अंदर जाने के रास्ते नहीं बचे हैं बड़े अधिकारी तो अपने गाड़ी से कार्यालय तक पहुंच जाते हैं लेकिन आमलोगों को काफी दिक्कतें आती है। यही हाल सदर अस्पताल का भी है थोड़ी सी बारिश में यह जलमग्न हो जाता है। मौजूदा स्थिति ऐसी है कि समाहरणालय परिसर में आये सैलाब से लोग अपनी गाड़ियां धोने का काम करते हैं। इन सब दृश्यों के देखने के बावजूद जिला प्रशासन की आंखें नहीं खुल रही है।

नाले की ब्लॉकिंग बना जलजमाव का सबसे बड़ा कारण

समाहरणालय के मुख्यद्वार से होते हुए एक नाले बने हुए हैं जो अक़्सर जाम ही रहती है यही वजह है कि परिसर से पानी की निकासी ससमय नहीं हो पाती है जिसके कारण समाहरणालय परिसर में थोड़ी सी बारिश में ही जलजामव कि स्थिति उत्पन्न हो जाती है जिसे समाहरणालय आने-जानेवाले अधिकारी-पदाधिकारी सहित आमलोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

नाले का निर्माण की फाइलें पड़ी है लंबित

हालांकि एक बड़े नाले के निर्माण के लिए भवन निर्माण विभाग की ओर से प्रस्ताव भेजा गया है लेकिन अभी तक वो फाइलें लंबित पड़ी है। जिसके कारण नाले निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो सकी है। अब इससे सहज अंदाज लगाया जा सकता है कि सरकारी काम सूबे में कितने तीव्र गति से चल रही है।

क्या कहते हैं पदाधिकारी

नगर परिषद के कार्यपाल अभियंता देवेंद्र सुमन का कहना है कि, कलेक्ट्रिएट में जलजामव दूर करने के लिए नाले का निर्माण जरूरी है। कलेक्ट्रिएट क्या जो भी सरकारी भवन हैं उनके अंदर भवन निर्माण विभाग काम करता है नगर परिषद नहीं करता।इसके लिए भवन निर्माण के इंजीनियर से मेरी बात हुई है उन्होंने बताया है कि इसके लिए एक वृहत नाले के निर्माण के लिए प्रस्ताव भेजा हुआ है जिसकी स्वीकृति अभी तक विभाग से नहीं मिली है। आउटर फॉल ड्रेन बनने के बाद यह समस्या दूर हो जाएगी।



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