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मिश्री गोप हत्याकांड के दो दोषियों को उम्रकैद, बच्ची से दुष्कर्म मामले में दोषी को 25 साल की जेल

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Published : Oct 4, 2021, 10:59 PM IST

नालंदा मिश्री गोप हत्याकांड दो दोषियों को उम्रकैद
नालंदा मिश्री गोप हत्याकांड दो दोषियों को उम्रकैद

बिहारशरीफ व्यवहार न्यायालय के जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. रमशेचन्द्र द्विवेदी ने मिश्री गोप हत्याकांड के दोषियों पूर्व गिरियक प्रखंड़ प्रमुख रामशरण यादव एवं उनके भाई इन्द्रदेव यादव को दोषी पाते हुये भादस की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास काी सजा सुनायी. वहीं, दूसरे मामले में बच्ची से रेप मामले में एक दोषी को 25 साल की सजा मिली है.

नालंदा: बिहारशरीफ व्यवहार न्यायालय (Bihar Sharif Court) के जिला एवं सत्र न्यायाधीश डा. रमशेचन्द्र द्विवेदी ने मिश्री गोप हत्याकांड के दोषियों पूर्व गिरियक प्रखंड़ प्रमुख रामशरण यादव एवं उनके भाई इन्द्रदेव यादव को दोषी पाते हुये भादस की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास काी सजा सुनायी. इसके साथ हीं ढाई-ढाई लाख रूपये कुल पांच लाख रूपये की जुर्माना भी अदा करना होगा.

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जुर्माने की राशि अदा न करने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. जुर्माने का राशि का 4 लाख रूपये मृतक के आश्रित को भुगतान का आदेश दिया गया. अभियोजन पक्ष से अधिवक्ता सुनील कुमार पांडेय ने सजा निर्धारण पर बहस करते हुए अधिकतम सजा देने की कोर्ट से गुजारिश की. उन्होंने बहस किया की यह मामला रेयर और रेयरेस्ट का है जिसमें लाठी से पीट पीट कर भीड़ के सामने मृतक की हत्या कर दी गई.

मृतक के पुत्र सह मामले के सूचक अजय कुमार उर्फ धनंजय कुमार के फर्द बयान पर गिरियक थाना के तहत आरोप दर्ज किया गया है जिसके अनुसार आरोपी व मृतक गिरियक थाना निवासी तथा आपस में पड़ोसी है. मृतक मिश्री गोप उर्फ मिश्री प्रसाद 10 वर्षों बाद घर आ रहा था तथा कई बसों के मालिक थे. व्यवसायिक प्रतिद्धंदिता से पूर्व से दुश्मनी थी. मृतक बहुत वर्षों से घर पर नहीं रहते थे, न ही आते थे.

10 वर्षों बाद एक अक्टूबर 19 के सुबह 7 बजे वह अपने घर जा रहे थे. आरोपियों ने उन्हें देख घर पहुंचने के पहले ही घेराबंदी कर लाठी से यह कह कर अंधाधु़ंध पिटाई करने लगे आज इसे जान मार देना है. कुल सात आरोपियों पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी. जिसमें साक्ष्य के अभाव में इस मामले के पांच आरोपियों उमेश, सुजीत, विवेक, दीपक व कुणाल को रिहा कर दिया गया मामले के विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष से कुल 9 साक्षियों का अधिवक्ता सुनील कुमार पांडेय ने परीक्षण किया था.

वहीं, दुष्कर्म के एक मामले में बिहारशरीफ व्यवहार न्यायालय के षष्टम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह पाक्सो स्पेशल न्यायधीश आशुतोष कुमार ने दुष्कर्म के दोषी को 25 वर्ष कारावास की सजा सुनायी. 11 वर्षीय बच्ची संग दुष्कर्म के अंजाम देने के आरोपी दिनेश चौहान को साक्ष्य सही पाये जाने पर 28 सितंबर को भादस की धारा 376, 506 तथा पाक्सो अधिनियम के तहत दोषी करार किया था.

सजा निर्धारण पर फैसला देते हुए आरोपी को पाक्सो एक्ट के तहत 25 वर्ष कारावास तथा भादस की धारा 506 के तहत एक वर्ष कारावास की सजा दी. दोनों सजाएं साथ साथ चलेगी. इसके अलावा आरोपी को 10 हजार रूपया जुर्माना जिसे अदा न करने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. कोर्ट ने पीड़िता को पीड़ित प्रतिकर क्षतिपूर्ति के तहत 6 लाख रूपया मुआवजा भुगतान का आदेश दिया.अभियोजन पक्ष से स्पेशल पाक्सो पीपल जगत नारायण सिन्हा ने बहस करते हुए अधिकतम सजा देने की कोर्ट से अनुशंसा की मामले की विचारण के दौरान सात साक्षियों का परीक्षण किया था.

पीड़िता के मां की फर्द बयान पर महिला थाना में आरोप दर्ज किया गया था. जिसके अनुसार पीड़िता घटना के दिन 14 जुलाई 20 के शाम में अपनी घर के आगे बैठी हुई थी, तभी आरोपी वहां आया और किसी बहाने से बहलाकर अपने साथ अंधेरे व सुनसान घर में ले गया. जहां पीड़िता का मुंह जबरन बंद कर घटना को अंजाम दिया तथा किसी को बताने पर परिवार समेत जान मारने की धमकी दी थी.

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