वायरल फीवर का कहर: SKMCH और केजरीवाल के बाद अब सदर अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं पीड़ित बच्चे

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Published : Sep 10, 2021, 6:54 PM IST

Ward made for children in MCH of Muzaffarpur Sadar Hospital regarding viral fever
Ward made for children in MCH of Muzaffarpur Sadar Hospital regarding viral fever ()

मुजफ्फरपुर में वायरल बुखार का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. एसकेएमसीएच के पीकू वार्ड और केजरीवाल अस्पताल में दबाव बढ़ने पर सदर अस्पताल के एमसीएच भवन में बच्चों के लिए वार्ड बनाया गया है. यहां अब तक तीन बच्चों को भर्ती किया गया है. पढ़ें पूरी खबर..

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में जारी वायरल फीवर (Viral Fever) का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. शहर के तीन बड़े अस्पतालों में लगातार छोटे बच्चे अभी भी वायरल बुखार से ग्रसित होकर आ रहे हैं. सबसे अधिक मरीजों का दबाव एसकेएमसीएच (SKMCH) के पीकू वार्ड और केजरीवाल अस्पताल (Kejriwal Hospital) में देखा जा रहा है. ऐसे में यहां अभी 350 से अधिक प्रभावित बच्चे इलाजरत हैं.

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वहीं, इन अस्पतालों पर बढ़ रहे दबाव को कम करने के लिए अब जिले के सदर अस्पताल में नए बने मातृ शिशु सदन में बच्चों के लिए वार्ड बना दिया गया है. यहां भी वायरल बुखार के तीन बच्चे भर्ती है. जिनका इलाज चल रहा है.

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सदर अस्पताल के वरीय चिकित्सक डॉ. सीके दास ने बताया कि जो बच्चे बीमार होकर आ रहे हैं. उन्हें स्वस्थ होने में चार से पांच दिन लग जा रहा है. इससे घबराने की जरूरत नहीं है. मौसम के उतार-चढ़ाव के कारण बच्चे बीमार हो रहे हैं.

चिकित्सक ने बताया कि बच्चों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सदर अस्पताल में एमसीएच (MCH) भवन के एक तल को शिशु वार्ड में तब्दील कर दिया गया है. जहां कुछ बच्चे इलाजरत भी हैं. वहीं बच्चों के परिजनों ने इलाज की व्यवस्था पर संतोष जताया है.

बात दें कि मुजफ्फरपुर के सभी पीएचसी में पिछले सात दिनों के मिले आंकड़े को मिलाकर जिले में वायरल बुखार के कुल 846 मामले सामने आने की आधिकारिक पुष्टि हुई है. जानकारी के अनुसार, वायरल फीवर के संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित जिले के साहेबगंज प्रखंड रहा है. जहां सबसे अधिक 317 बच्चे बीमार हुए हैं. वहीं मीनापुर, मोतीपुर और कटरा भी डेंजर जोन में रहे है.

बता दें कि बिहार में वायरल फ्लू (Viral flu) के मामले बढ़ने लगे हैं और बच्चे इससे ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं. वायरल फ्लू में बच्चों की स्थिति गंभीर हो रही है. इस मौसम में ह्यूमिडिटी बहुत अधिक रहती है. इस बार वायरल फ्लू की संख्या में काफी इजाफा देखने को मिला है और बच्चे इसमें काफी संक्रमित हो रहे हैं और उनकी स्थिति गंभीर भी हो रही है. बच्चों के अलावा वयस्क भी संक्रमित हो रहे हैं. मगर बच्चों में सीवियर मामले बढ़ रहे हैं. वातावरण में ह्यूमिडिटी होने और तापमान अधिक होने की वजह से इनफ्लुएंजा एबीसीडी जितने भी वायरस है, वो ज्यादा एक्टिव रहते हैं.

ऐसे में वायरल फ्लू से बचाव का भी वही इलाज है जो कोरोना का है. कोविड-19 प्रोटोकॉल जैसे कि हैंड हाइजीन, चेहरे पर मास्क और संक्रमित व्यक्ति का अन्य लोगों से दूरी काफी कारगर है. अगर बच्चे को सामान्य बुखार के अलावा डायरिया या डिसेंट्री होता है या फिर बच्चे को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है, तो तुरंत उसे नजदीकी अस्पताल में ले जाएं, क्योंकि ऐसे केस में एडमिट करने की आवश्यकता पड़ती है.

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