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कुढ़नी में वीआईपी बहुत आगे, भाजपा का हारना तय : मुकेश सहनी

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Published : Dec 1, 2022, 7:15 AM IST

कुढ़नी में वीआईपी बहुत आगे
कुढ़नी में वीआईपी बहुत आगे

वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने विकासशील इंसान पार्टी के कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव के प्रत्याशी नीलाभ के समर्थन में प्रचार किया. उन्होंने कहा कि कुढ़नी विधानसभा में वीआईपी को सभी समाज का समर्थन मिल रहा है. पढ़ें पूरी खबर-

मुजफ्फरपुर: विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी ने कहा कि कुढ़नी विधानसभा में होने वाले उप चुनाव में वीआईपी सबसे आगे है. जबकि भाजपा और महागठबंधन का हारना तय है. उन्होंने कहा वीआईपी का आज की तिथि में किसी से कोई मुकाबला भी नहीं है. बता दें कुढ़नी में 5 दिसंबर को वोटिंग होगी और 8 दिसंबर को नतीजे आ जाएंगे.

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''कुढ़नी का सामाजिक समीकरण वीआईपी के पक्ष में है. पार्टी मजबूती से कुढ़नी विधानसभा उप चुनाव में अपने प्रत्याशी उतारी है. स्थानीय जनता अपने बेटे को जिताने के लिए फैसला ले चुकी है''- मुकेश सहनी, वीआईपी चीफ

मुकेश सहनी ने कहा कि भाजपा और महागठबंधन दोनों के प्रत्याशी बाहरी हैं, जबकि वीआईपी के प्रत्याशी नीलाभ कुढ़नी का बेटा है. वीआईपी को सभी समुदाय का साथ मिल रहा है. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि प्रचार में वीआईपी सबसे आगे है. सबसे बड़ी बात है कि युवा वीआईपी के साथ हैं.

क्यों हुई सीट खालीः दरअसल अनिल साहनी का टिकट घोटाले में नाम आया है जिसमें दोषी करार होने के बाद उनकी सदस्यता को रद्द कर दिया गया. वहीं पर पांच दिसंबर को अब चुनाव हो रहा है और 8 दिसंबर को नतीजे आएंगे. महागठबंधन की तरफ से कुढ़नी विधानसभा की सीट जदयू के खाते में गई है और जदयू ने यहां से पूर्व मंत्री और 10 साल तक विधायक रहे मनोज कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है. जबकि बीजेपी ने केदार गुप्ता को टिकट दिया है.

क्या है जातिगत समीकरणः कुढ़नी में कुल मिलाकर 3 लाख 10 हजार 987 से ज्यादा मतदाता हैं. जातीय समीकरण की बात करें तो पहले नंबर पर लगभग 40 हजार मतदाताओं के साथ कुशवाहा जाति हैं. दूसरे नंबर पर वैश्य समाज के लोग आते हैं, जिनके मतदाताओं की संख्या तकरीबन 33 हजार के आसपास है. इसके अलावा 25 हज़ार मतदाताओं के साथ सहनी समाज तीसरे नंबर पर है. चौथे नम्बर पर करीब 23 हज़ार मतदाताओं के साथ यादव समाज के लोग हैं. इसके अलावा कुर्मी जाति के लोग भी अच्छी खासी संख्या में मौजूद हैं. वहीं अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति मतदाताओं की संख्या लगभग 19 प्रतिशत है. मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी लगभग 22 हज़ार के आसपास है. अगड़ी जाति के करीब 45 हज़ार मतदाता हैं.

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