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मधेपुराः शहर के कई वार्ड में घुसा बाढ़ का पानी, लोगों की बढ़ी परेशानी

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Published : Jul 16, 2020, 3:56 PM IST

एक तरफ कोरोना महामारी की मार तो दूसरी तरफ घर में पानी के तांडव ने लोगों के दर्द को और बढ़ा दिया. इसका असर खासकर मजदूर और गरीब तबके के लोगों पर सबसे ज्यादा हुआ है. तीन दिन से पानी से घिरे बदहवास पीड़ित अपनी समस्या को बताते हुए वार्ड पार्षद के सामने रो पड़े.

वार्ड पार्षद
वार्ड पार्षद

मधेपुराः शहर के कई वार्ड में बाढ़ का पानी घुस गया है. जिससे लोग काफी परेशान हैं. प्रभावित मुहल्लों का जायजा लेने के लिए वार्ड पार्षद रेखा देवी घुटने भर पानी में चलकर पीड़ितों तक पहुंची और उन्हें उचित मुआवजा देने का आश्वासन दिया.

वार्ड संख्या 14 के सर्वाधिक प्रभावित मुहल्लों का जायजा लेने पहुंची वार्ड पार्षद ने स्वीकार किया कि निचले इलाके में बसे लोगों के घर में तीन से चार फीट पानी है. जिस कारण उन्हें काफी क्षति भी हुई है और फिलहाल खाने पीने और रहने की काफी परेशानी है.

पानी में खड़ी  वार्ड पार्षद व अन्य
पानी में खड़ी वार्ड पार्षद व अन्य

लागातार बढ़ रहा है नदी का जलस्तर
मधेपुरा जिला मुख्यालय से गुजरने वाली नदी में अचानक जलस्तर बढ़ने से शहर के कई वार्ड के घरों में पानी घुस गया है. इतना ही नहीं लागातार नदी में जलस्तर घटने के बजाय और बढ़ते जा रहा है. अचानक मुहल्ले में पानी आ जाने से घर के एक भी सामान को नहीं निकाला जा सका. किसी तरह लोग बाल बच्चे को लेकर घर से निकलकर सड़क पर पनाह लिए हुए हैं.

पानी में डूबा गांव
पानी में डूबा गांव

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वार्ड पार्षद ने दिलाया मदद का भरोसा
हैरत की बात तो यह है कि जिला मुख्यालय में फंसे पीड़ितों को तीन दिन गुजर जाने के बाद भी यहां के अधिकारियों की नींद नहीं खुली. अब अंदाजा लगाया जा सकता है कि सुदूर ग्रामीण इलाकों में पानी से घिरे लोगों का क्या हाल होगा. हालांकि तीन दिन बाद ही सही वार्ड संख्या 14 की वार्ड पार्षद रेखा देवी ने प्रभावित मुहल्लों का जायजा लिया. उन्होंने अधिकारी से तुरंत बात कर मुआवजा देने और ऊंची जगहों पर रहने की व्यवस्था कराने का आश्वाशन दिया.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

वार्ड पार्षद के सामने रो पड़े पीड़ित
वहीं, तीन दिन से पानी से घिरे बदहवास पीड़ित अपनी समस्या को बताते हुए वार्ड पार्षद के सामने फफक पड़े. उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि वे क्या करें और कैसे बाल बच्चों का भरण पोषण करें. एक पीड़ित ने यहां तक कह दिया कि अगर हमारी समस्या को गंभीता से नहीं लिया गया तो घर बार छोड़कर दूसरे जगह पलायन कर जाएंगे.

बयान देते बाढ़ पीड़ित
बयान देते बाढ़ पीड़ित
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