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मधेपुरा: कुपोषण को लेकर जागरूक करने के लिए पोषण मेला आयोजित, लोगों ने बताया दिखावा

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Published : Sep 15, 2019, 12:16 PM IST

हाल में आए एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार कुपोषित जिलों की सूची में मधेपुरा देशभर में दूसरे स्थान पर है. लोगों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने और जागरुकता फैलाने के लिए पोषण जागरुकता मेला का आयोजन किया गया.

पोषण मेला उद्घाटन समारोह

मधेपुरा: रविवार को जिले में पोषण मेला का उद्घाटन किया गया. कुपोषित बच्चे और ऐनिमिक गर्भवती महिलाओं की रेस में मधेपुरा देशभर में दूसरे पायदान पर है. लोगों को जागरूक करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से पोषण मेला आयोजित किया गया है. इस मेले का आयोजन स्थानीय बीएन मंडल स्टेडियम में किया गया.

गौरतलब है कि हाल में आए एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार कुपोषित जिलों की सूची में मधेपुरा देशभर में दूसरे स्थान पर है. लोगों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने और जागरुकता फैलाने के लिए पोषण जागरुकता मेला का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन डीएम नवदीप शुक्ला ने किया.

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लोगों में बांटे गए फल

कुपोषण को लेकर सरकार चिंतित- डीएम
मौके पर डीएम ने कहा कि जागरुकता के अभाव में समस्या बढ़ रही है. उन्होंने लोगों को कहा कि आसपास ही कुपोषण से मुक्ति के साधन उपलब्ध हैं, जो कम खर्च में मिल सकता है. उसे पहचानकर उपयोग में लाएं. समाज को कुपोषण मुक्त, मजबूत और स्वच्छ बनाएं. उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन बढ़ते कुपोषण को लेकर चिंतित है. कार्यक्रम में पोषक तत्व और खाद्य गर्भवती महिलाओं को मुहैया कराए जाएंगे.

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कार्यक्रम में मौजूद लोग

स्थानीय लोगों ने मेले को बताया दिखावा
कुपोषण जागरुकता मेला पर स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं और लोगों ने आपत्ति जताई. सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि जिले में बच्चों में कुपोषण और गर्भवती महिलाओं के ऐनिमिक होने के कारण रोजाना मौत हो रही है. ऐसे में यह मेला दिखावा और छलावा है.

पोषण मेला उद्घाटन समारोह

जनप्रतिनिधि कर रहे बंदरबाट
लोगों ने आरोप लगाया कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर मिलने वाले पोषाहार को अधिकारी और सेविका लूटकर खा रहे हैं. अगर आंगनबाड़ी केंद्रों पर ईमानदारी से पोषाहार का वितरण किया जाता तो समाज में कुपोषित बच्चों और ऐनिमिक महिलाओं की इतनी संख्या नहीं होती.

Intro:मधेपुरा देश का दूसरा जिला बन गया है जहां कुपोषित बच्चे व ऐनिमिक गर्भवती महिला की संख्या सर्वाधिक है।इसलिए लोगों को जागरूक करने के लिए किया गया पोषण मेला का आयोजन।उल्लेखनीय बात तो यह है कि आंगनबाडी केंद्रों पर मिलने बाला पोषाहार पीड़ितों को मिलने के बजाय,बंदर बांट कर डकार जाते हैं अधिकारी व कर्मी।इसीलिए है ये स्थिति।


Body:बता दें कि कुपोषित ज़िलों की सूची में मधेपुरा का स्थान देश में दूसरा है।इसका खुलासा सरकारी रिपोर्ट में हुआ है।इसलिए लोगों को कुपोषण से मुक्ति के लिए पोषण जागरूकता मेला का आयोजन स्थानीय बीएन मंडल स्टेडियम में किया गया।जिसका विधिवत उदघाटन मधेपुरा के जिला पदाधिकारी नवदीप शुक्ला ने किया ।इस मौके पर डीएम श्री शुक्ला ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे अपने परिवार व पड़ोस के लोगों को कुपोषण के प्रति जागरूक करें।आस पास में कुपोषण से मुक्ति का साधन उपलब्ध है जो कम खर्च में मिल सकता है उसे पहचानकर उपयोग में लाएं ।कुपोषण से मुक्ति मिल सके और मजबूत व स्वच्छ समाज का निर्माण हो सके।कुपोषण जागरूकता मेला पर स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता ध्यानी यादव एवं अन्य लोगों ने सवाल उठाते हुए कहा कि एक तरफ बच्चों में कुपोषण तथा गर्भवती महिलाओं में ऐनिमिक होने के कारण दिन प्रीति दिन मौते हो रही है। उन्होंने कहा कि ये मेला झूठ मूठ का आडंबर है।आंगनबाड़ी केंद्रों पर मिलने बाला पोषाहार को अधिकारी और सेविका लूटकर खा रही है।अगर आंगनबाड़ी केंद्रों पर ईमानदारी से पोषाहार का वितरण किया जाता तो,समाज में कुपोषित बच्चे व ऐनिमिक महिला की इतनी संख्या नहीं रहती ।दूसरी तरफ गर्भवती महिलाओं ने आरोप लगाया कि उन्हें आंगनबाड़ी केंद्र पोषाहार के रूप में आज तक चावल,दाल,अंडा सहित किसी तरह का लाभ नहीं मिला है।बाइट---1--शिव रानी देवी---पीड़ित महिला।बाइट--2---ध्यानी यादव--सामाजिक कार्यकर्ता।बाइट--3---नवीद शुक्ला-डीएम मधेपुरा।


Conclusion:मधेपुरा से रुद्रनारायण की रिपोर्ट।
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