किशनगंजः बिहार के किशनगंज सीमा से सटे पश्चिम बंगाल में ग्वालपोखर थाना क्षेत्र के पांतापाड़ा गांव में एक चोरी के मामले में शनिवार सुबह आरोपी को पकड़ने गई पुलिस टीम पर भीड़ ने हमला कर दिया, जिसमें किशनगंज के थाना प्रभारी अश्विनी कुमार की मौत हो गई.
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तीन लोग गिरफ्तार
इस मामले में पश्चिम बंगाल पुलिस की मदद से तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि किशनगंज सदर के थाना प्रभारी अश्विनी कुमार सदर थाना क्षेत्र में बाइक चोरी की घटना की जांच के क्रम में एक आरोपी को पकड़ने के लिए पूरी टीम के साथ पश्चिम बंगाल के पांतापाड़ा गए थे.
पुलिस टीम को गांव वालों ने घेरा
पुलिस की टीम जैसे ही उस गांव में पहुंची, लोगों ने पुलिस टीम को घेर लिया. आसपास के लोग भी वहां जमा हो गये. इतने में पुलिस टीम भी अपने को बचाने में जुट गई. लोगों के हमले में मौके पर ही थाना प्रभारी की मौत हो गई.
'थाना प्रभारी छापेमारी करने वहां पहुंचे थे और यह घटना घटी है. इस मामले में पश्चिम बंगाल की पुलिस की मदद से मुख्य आरोपी मोहम्मद फिरोज आलम सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. अन्य लोगों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है. मृतक पुलिस अधिकारी पूर्णिया के जानकीनगर के रहने वाले थे. परिजनों के मांगों को पूरा किया जाएगा.' -सुरेश कुमार चौधरी, पुलिस महानिरीक्षक, पूर्णिया प्रक्षेत्र
'पूर्णिया के पुलिस महानिरीक्षक और किशनगंज के पुलिस अधीक्षक घटनास्थल पर तत्काल पहुंचे और मामले की जांच की. बिहार के पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल खुद पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक से बात की है. दोषी कोई भी हो उन्हें सजा दिलाई जाएगी.' -जितेंद्र कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय), बिहार
परिजनों को साजिश की आशंका
इधर, शहीद पुलिस अधिकारी का शव किशनगंज पुलिस लाइन लाया गया, जहां उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. इस बीच, शहीद पुलिस अधिकारी के परिजनों ने घटना के पीछे साजिश की आशंका व्यक्त की है. परिजनों का आरोप है कि किशनगंज सदर थाना प्रभारी अश्विनी कुमार पूरी टीम के साथ आरोपी को पकड़ने गए थे. ऐसे में टीम के अन्य सभी सदस्य सकुशल वापस आ गए और उनकी हत्या कर दी गई. परिजनों का कहना है कि छापेमारी में गए अन्य अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के फोन के कॉल डिटेल निकाले जाएं और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो.
'यहां की विधि व्यवस्था और पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़े होते हैं. हम लोग गांव में थे. आज सुबह 7 बजे फोन पर भाई की मौत की खबर मिली. जिसके बाद हम लोग किशनगंज के लिए रवाना हो गए. किशनगंज पुलिस और विधि व्यवस्था ने भैया का साथ नहीं दिया. भैया के साथ इतना पुलिस फोर्स थे. पुलिस अधिकारी थे. उनको कुछ नहीं हुआ और मेरे भैया वहां पर शहीद हो गए. उनके साथ मॉब लिंचिंग हो गई. यह घटना दुखद है. जिनके साथ ऐसी घटना होती है, सभी को आश्वासन दे दी जाती है. क्या होगा ऐसे आश्वासन का.' -प्रवीण कुमार, शहीद एसएचओ के छोटे भाई
'हम लोगों को संदेह हो रहा है. हमारे भाई साहब कैसे आगे चले गए. उनके साथ साजिश कैसे हो गयी. उनके साथ जो भी थे, उनका कॉल डिटेल खंगाला जाए.' -मनीष कुमार, शहीद एसएचओ के भाई
'इनकाउंटर में अगर गोली लगने से उनकी जान जाती तो अलग बात थी. लेकिन बेरहमी से उनकी हत्या हुई है. उस जगह उन्हें अकेला छोड़ दिया गया. जिसके कारण उनकी मौत हो गयी. हमारी मांग है कि उचित न्याय मिले. जो भी घटना में दोषी हैं, पकड़े जाएं.' -रिंकी देवी, परिजन
दी गई श्रद्धांजलि
किशनगंज टाउन थाना अध्यक्ष शहीद अश्विनी कुमार को पुलिस लाइन में गार्ड ऑफ ऑनर के साथ, उन्हें अंतिम विदाई दी गयी. पूर्णिया जिले के जानकी नगर थाना क्षेत्र के आजाद चौक स्थित पैतृक गांव में थाना अध्यक्ष का अंतिम संस्कार किया जाएगा. बंगाल के इस्लामपुर अस्पताल से शहिद थाना अध्यक्ष का पार्थिव शरीर किशनगंज के पुलिस लाइन पहुंचते ही उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लग गया. पुलिस के जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देकर सलामी दी. पूर्णिया रेंज के आईजी सुरेश कुमार चौधरी ने कहा कि शहीद इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार के परिजनों के मांगों को पूरा किया जाएगा.
राज्यपाल को लिखा पत्र
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल को पत्र लिखकर पुलिस पदाधिकारी के हत्या पर चिंता व्यक्त की है और कार्यवाही की मांग की गई है.
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