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कटिहार: औचक निरीक्षण के दौरान मरीजों की बदहाली देख भड़के SDM, डॉक्टरों को लगाई फटकार

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Published : Sep 8, 2019, 8:18 PM IST

औचक निरीक्षण के लिए पहुंचे एसडीएम

अस्पताल की बदहाली देखकर एसडीएम अधिकारियों परर आग-बबूला हो उठे. उन्होंने वहां मौजूद इंचार्ज को जमकर फटकार लगाई. यह वारदात जब कैमरे में कैद हुई तो अधिकारी भड़क उठे.

कटिहार: प्रदेश के सदर अस्पतालों का हाल किसी से छिपा नहीं है. स्वास्थ्य व्यवस्था में बेहतरी के सीएम नीतीश कुमार के दावे सरकारी अस्पतालों में फेल दिखाई पड़ते हैं. कटिहार के सदर अस्पताल से मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीर सामने आई हैं. दरअसल, यहां एसडीएम के औचक निरीक्षण के दौरान एक मरीज नंग-धड़ंग हाल में मिला.

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डॉक्टरों को लगाई फटकार

अस्पताल की बदहाली देखकर एसडीएम अधिकारियों पर आग-बबूला हो उठे. उन्होंने वहां मौजूद इंचार्ज को जमकर फटकार लगाई. यह वारदात जब कैमरे में कैद हुई तो अधिकारी भड़क उठे. आनन-फानन में मरीज को चादर से ढका गया. वहीं, अस्पताल के मेडिसन स्टोर में आधे से ज्यादा दवाइयां गायब मिली.

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बदहाली पड़ा मरीज

जगह-जगह पसरी दिखी गंदगी
गौरतलब है कि जिले की 33 लाख आबादी का बोझ सदर अस्पताल के कंधे पर है. ऐसे में जिलाधिकारी के निर्देश पर सदर एसडीएम नीरज कुमार ने अस्पताल का औचक निरीक्षण किया. अचानक एसडीएम को अस्पताल में देखकर अधिकारियों में हड़कंप मच गया. इस दौरान एसडीएम को अस्पताल परिसर में जगह-जगह गंदगी पसरी दिखी. साथ ही वार्ड के पंखे और बत्तियां भी खराब मिले.

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अस्पताल परिसर में फैली गंदगी

दवाइयों के स्टॉक की होगी जांच
मौके पर सिविल सर्जन डॉ. मुर्तजा अली भी मौजूद थे. कटिहार सदर एसडीएम नीरज कुमार ने बताया कि अस्पताल के स्टोर में 71 प्रकार की दवाइयां मौजूद होनी चाहिए थी. लेकिन, 38 दवाइयां ही अभी उपलब्ध हैं. बाकी दवाइयां क्यों नहीं है या कहां गई इसकी जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि अस्पताल के हालात अच्छे नहीं हैं. औचक निरीक्षण की पूरी जांच रिपोर्ट जिला पदाधिकारी को सौंपी जाएगी.

औचक निरीक्षण करने पहुंचे एसडीएम
Intro:......बिहार के स्वास्थ्यमंत्री मंगल के अस्पताल की अमंगल गाथा .....। अधिकारियों के औचक निरीक्षण में मिला इलाज के नाम पर बजबजाती गंदगियों के बीच मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीर , नंग - धड़ंग मरीज .....। कैमरे ने जब मामले को अपने जद में लिया तो अधिकारी हो गये नाराज तो आनन - फानन में कपड़े से ढंक शर्म का नकाब पहनाया गया ....। बात इतनी भर ही नहीं दवाओं के स्टोर से उपलब्ध मेडिसिन में आधे से अधिक भी मिले गायब....। बाबुओं ने कहा कि जिला पदाधिकारी को करेगें रिपोर्ट ताकि पूरा सच सरकार तक पहुँचाया जाये.....।


Body:बजबजाते गंदगियों के बीच इलाज के नाम पर अस्प्ताल के बेड पर नंग - धड़ंग यह मरीज...की तस्वीर बिहार के कटिहार सदर अस्पताल की हैं । इस सदर अस्प्ताल पर जिले के तैतीस लाख आबादी के इलाज की जिम्मेदारी हैं ....। बताया जाता हैं कि जिला पदाधिकारी के निर्देश पर सदर एसडीएम नीरज कुमार अस्प्ताल के जमीनी हकीकत से रु - ब - रु होने के लिये सरप्राइज विजिट पर हॉस्पिटल पहुँचे .....। अस्प्ताल पहुँचे एसडीएम को देख कर्मचारियों में हड़कम्प मच गया । मौके पर सिविल सर्जन डॉ मुर्तजा अली भी पहुँच गये । शुरू हुआ विजिट का दौर....लेकिन जैसे ही यह कारवाँ मेल सर्जिकल में दाखिल हुआ तो बजबजाती गंदगियों ने सबका खैरमकदम किया ....। किसी बेड जैसे - तैसे गन्दे बैडशीट तो किसी पर बेजान पड़े मरीज ....। हद तो यह हो गयी कि जैसे ही इस कारवाँ ने नजर दौड़ायी तो बेड पर इलाज के नाम पर नंग - धड़ंग मरीज.....। यह देखकर सभी की नजरें शर्म से झुक गयी । कैमरे ने मानवता को शर्मसार कर देने वाले बाबुओं के सामने प्रबंधन की पोल को अपने जद में ले लिया । आनन - फानन में बाबुओं के आदेश पर शर्म के कपड़ें का पीड़ित को नकाब पहनाया गया ....। बात सिर्फ इतनी भर नहीं , जब टीम ने दवा भंडार की जाँच की तो आधे से अधिक दवा स्टोर में मिले ही नहीं ....। कटिहार सदर एसडीएम नीरज कुमार ने बताया कि अस्प्ताल के स्टोर में 71 प्रकार की दवाइयाँ होनी चाहिये थी लेकिन उसमें 38 ही दवाइयाँ अभी उपलब्ध हैं । अब दवा कहाँ हैं या कहाँ गयी , जाँच की जा रहीं हैं । उन्हें प्रबंधन द्वारा बताया गया कि पारिवारिक समस्या से ग्रसित एक मानसिक रोगी को भर्ती कराया गया जिसे नंग - धड़ंग हालात में मिला हैं , उसे कपड़ा पहनाना कर दूसरे वार्ड में तत्काल शिफ्ट किया गया हैं .....। उन्होंने बताया कि हालात अच्छे नहीं हैं और पूरी जाँच रिपोर्ट वह जिला पदाधिकारी को सौपेगें .....।


Conclusion:कटिहार सदर अस्पताल का यह काला चिट्ठा का यह खुलासा तब हुआ हैं जब सुशासन बाबू के ही अधिकारी ने स्वास्थ्य सुविधा जैसी महत्वपूर्ण विभाग की जमीनी हकीकत की सरप्राइज विजिट किया हैं । यदि कोई विपक्ष सरकार के अस्प्ताल सुविधा पर सवाल उठाता तो डिप्टी सीएम सुशील मोदी से लेकर वजीरे - ए - आला बिहार नीतीश कुमार तक चीख - चीख कर मीडिया के सामने कोई कसर नहीं छोड़ते कि विपक्ष राजनीतिक भावना से दुष्प्रेरित होकर सरकार को बदनाम कर रही हैं....अस्पताल सेवायें बीते शासनकाल से वर्तमान शासनकाल में बेहतर तरीके से काम कर रही हैं .....। अब देखना दिलचस्प होगा कि अधिकारियों के इस खुलासे के बाद राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिये क्या कदम उठाती हैं ......।
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