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बाढ़ से बचाव के लिये महानंदा बेसिन में 882 करोड़ की लागत से बनेगा नया बांध, CM ने दी मंजूरी

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Published : Aug 20, 2019, 3:56 PM IST

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मानचित्र के जरिये नये तटबन्ध निर्माण का जायजा लेते हुए

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बाढ़ प्रभावित कटिहार जिले के कदवा प्रखंड में सामुदायिक किचेन का निरीक्षण करने पहुंचे थे. निरीक्षण के दौरान नीतीश कुमार ने जलसंसाधन विभाग के साथ मिलकर नये तटबंध निर्माण पर अपनी मुहर लगा दी है.

कटिहार: महानंदा नदी में आयी बाढ़ के प्रकोप से बचाव के लिए बारह सौ किलोमीटर बांध का निर्माण किया जा रहा. राज्य सरकार ने महानंदा नदी बाढ़ प्रबंधन पुनरीक्षित योजना को मंजूरी दी है. कटिहार समेत सीमांचल के चार जिलों को इसका लाभ मिलेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तटबंध निर्माण को बनाने की मंजूरी दी है.

CM नीतीश कुमार ने नए बांध निर्माण पर लगाई मुहर

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया निरीक्षण
21 जुलाई को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बाढ़ प्रभावित कटिहार जिले के कदवा प्रखंड में सामुदायिक किचेन का निरीक्षण करने पहुंचे थे. निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री के साथ जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों की उच्च स्तरीय कमेटी भी आई थी. जो सीमांचल में सैलाब से तबाही मचाने वाली महानंदा नदी के उपाय के उद्देश्य से पहुंची थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद मानचित्र के जरिये एक- एक कर नये तटबन्ध निर्माण, बाढ़ से आबादी को बचाने के तरीके का बारीकी से निरीक्षण किया था.

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मानचित्र के जरिये नये तटबन्ध निर्माण का जायजा लेते हुए

तटबंध निर्माण पर लगी मुहर
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पटना लौटने के चन्द दिनों बाद जलसंसाधन विभाग ने नये तटबंध निर्माण पर अपनी मुहर लगा दी. 1200 किलोमीटर बनने वाले इस नए तटबन्ध के लिये फिलहाल जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. जमीन अधिग्रहित होते ही निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी. योजना के तहत पहले चरण में बनने वाले इस बांध से रतवा और नागर नदी से भी सुरक्षा मिलेगी. यह बांध कटिहार, पूर्णिया, अररिया और किशनगंज जिलों के लगभग पचास लाख से अधिक की आबादी को सैलाब से महफूज रखा जा सकेगा.

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निरीक्षण के दौरान नीतीश कुमार

882 करोड़ रुपये खर्च करेगी राज्य सरकार
200 किलोमीटर बांध निर्माण पर राज्य सरकार 882 करोड़ रुपये खर्च करेगी. महानन्दा नदी पर यह बांध निर्माण महानन्दा के बाएं तट पर किशनगंज जिले के कुट्टीघाट से कटिहार जिले के बागडोव तक 46.02 किलोमीटर तक बांध बनेगा. इसके साथ ही दाएं तट पर कुट्टीघाट से कटिहार के झौआ तक 66.23 किलोमीटर तक लंबा बांध बनेगा. इसके अलावा योजना में नागर नदी के दायें तट पर 20.10 किलोमीटर और तरवा नदी के बायें और दायें दोनों तटों पर 66.02 किलोमीटर लम्बा बांध बनेगा. योजना के अनुसार पूरे बांध पर दस सलुइस गेट भी बनाए जाएंगे.

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सांसद दुलाल चन्द्र गोस्वामी

1200 किलोमीटर बनेगा बांध
सांसद दुलाल चन्द्र गोस्वामी ने कहा बिहार सरकार के इस महत्वकांक्षी योजना की नींव सीएम के बीते महीने कटिहार दौरे के दौरान ही पड़ गयी थी. जिसकी रजामंदी राज्य सरकार ने भी अब दे दी है. 1200 किलोमीटर बनने वाले इस बांध से सीमांचल इलाके में बाढ़ के समय या नेपाल से पानी छोड़े जाने पर जो सैलाब का मंजर होता है, उससे अब निजात मिल सकेगा. गौरतलब है कि हिमालय से उदगम होने वाली महानन्दा नदी पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग होते हुए किशनगंज से बिहार में प्रवेश करती है और कटिहार जिले के बारसोई, आजमनगर, अमदाबाद होते हुए आगे गंगा नदी में मिल जाती है.

Intro:......महानंदा नदी की बाढ़ से तबाही से जनजीवन बचाव के लिये बारह सौ किलोमीटर होगा बाँध का निर्माण ....। राज्य सरकार ने महानंदा नदी बाढ़ प्रबंधन पुनरीक्षित योजना को दी मंजूरी .....।कटिहार समेत सीमाँचल के चार जिलों को होगा फायदा .....। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते महीने बाढ़ प्रभावित कटिहार जिले के कदवा प्रखंड के दौरे के मौके पर साल - दर - साल सैलाब से होने वाले जान - माल की तबाही के बाद तटबंध निर्माण को दी थी रजामंदी .....। महानन्दा के साथ दूसरी अन्य नदियों से भी होगा बचाव .......।


Body:यह तस्वीर बीते इक्कीस जुलाई की हैं जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बाढ़ प्रभावित कटिहार जिले के कदवा प्रखंड में सामुदायिक किचेन का निरीक्षण करने पहुंचे थे ......। निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री के साथ जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों का एक उच्च स्तरीय कमिटी भी आई थी जो सीमांचल में सैलाब से तबाही मचाने वाली महानंदा नदी के फन को कुचलने के लिये , उपाय के अध्ययन को पहुँची थी .....। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद अपने से मानचित्र के जरिये एक - एक कर नये तटबन्ध निर्माण , बाढ़ से आबादी को बचाने के अन्य तरीके के फायदे - नुकसान का बारीकी से अध्ययन किया था .....। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पटना लौटने के चन्द दिनों बाद जलसंसाधन विभाग ने नये तटबंध निर्माण पर अपनी मुहर लगा दी ....। बारह सौ किलोमीटर बनने वाले इस नये तटबन्ध के लिये फिलहाल जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी हैं ....। जमीन अधिग्रहित होते ही निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी .....। योजना के तहत पहले चरण में बनने वाले इस बाँध से रतवा और नागर नदी से भी सुरक्षा मिलेगी । यह बाँध कटिहार , पुर्णिया , अररिया और किशनगंज ज़िलों के लगभग पचास लाख से अधिक की आबादी को सैलाब के जलजले से महफूज रख सकेगा .....। दो सौ किलोमीटर बाँध निर्माण पर राज्य सरकार 882 करोड़ रुपये खर्च करेगी ....। महानन्दा नदी पर यह बाँध निर्माण महानन्दा के बांये तट पर किशनगंज जिले के कुट्टीघाट से कटिहार जिले के बागडोव तक 46.02 किलोमीटर तक बाँध बनेगा ...। इसी के साथ दाएं तट पर कुट्टीघाट से कटिहार के झौआ तक 66.23 किलोमीटर तक लंबा बाँध बनेगा ....। इसके अलावा योजना में नागर नदी के दायें तट पर 20.10 किलोमीटर और तरवा नदी के बायें और दायें दोनों तटों पर 66.02 किलोमीटर लम्बा बाँध बनेगा ....। योजना के अनुसार पूरे बाँध पर दस सलुइस गेट भी होगा .....।


Conclusion:मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कटिहार लौटे साँसद दुलाल चन्द्र गोस्वामी ने बताया बिहार सरकार के इस महत्वकांक्षी योजना की नींव सीएम के बीते महीने कटिहार दौरे के दौरान ही पड़ गयी थी जिसकी रजामंदी राज्य सरकार ने अब दे दी हैं ....। बारह सौ किलोमीटर बनने वाले इस बाँध से सीमांचल इलाके में बाढ़ के समय या नेपाल से पानी छोड़े जाने पर जो सैलाब का मंजर उत्पन्न हो जाता हैं , उससे निजात मिल सकेगा ....। सीमांचल इलाके में महानन्दा , रतवा , नागर सरीखे नदियाँ बाढ़ के समय अभिशाप बन जाती हैं और उस समय इस नदी के पानी के साथ रतवा और नागर नदी का पानी भी मिल जाता हैं और कोसी के लोगों की परेशानी बढ़ जाती हैं .....। ग़ौरतलब हैं कि हिमालय से उदगम होने वाली महानन्दा नदी पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग होते हुए किशनगंज से बिहार में प्रवेश करती हैं और कटिहार जिले के बारसोई , आजमनगर , अमदाबाद होते हुए आगे गंगा नदी में मिल जाती हैं हर यह आगे बढ़ते हुए पश्चिम बंगाल के फरक्का में बढ़ जाती हैं ......।
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