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Kaimur News: नहर ओवरफ्लो होने से सैकड़ों एकड़ खेत में घुसा पानी, धान के बिचड़े हुए बर्बाद

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Published : Jun 23, 2021, 10:24 AM IST

खेत में पानी जमा होने के धान से बिचड़े बर्बाद
खेत में पानी जमा होने के धान से बिचड़े बर्बाद

कैमूर ( Kaimur ) जिले में नहर ओवरफ्लो होने के कारण किसानों के खेत तालाब बन गये हैं. किसानों ने बताया कि नहर की सफाई नहीं होने से पानी के दबाव में चाट टूट गया. जिस वजह से खेत में पानी जमा हो गया और धान के बिचड़े बर्बाद हो गये हैं.

कैमूर: चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के ग्राम मदुरना से होकर गुजरने वाली नहर का बांध नहर जाम रहने के कारण पानी के दवाब से टूट गया. जिस कारण नहर से भारी मात्रा में पानी खेतों की घुस गया और सैकड़ों एकड़ खेत पानी में जलमग्न (Water Logging) हो गए. इससे स्थानीय किसानों के द्वारा खेतों में डाले गए धान के बिचड़े भी डूब गए.

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नहर की सफाई नहीं होने से डूबे खेत
चैनपुर प्रखंड के किसानों ने बताया गया कि मदुरना से अवंखरा की तरफ जाने वाली नहर में कई वर्षों से साफ सफाई नहीं हुई है. जिस कारण से नहर में भारी मात्रा में झाड़ और पेड़ उग गए हैं. इसी वजह से नहर का पानी आगे नहीं पाता है. पहाड़ों में अत्यधिक बारिश होने के कारण नहर के रास्ते आने वाला पानी नहर के चाट को तोड़कर मदुरना गांव के बगल में सैकड़ों एकड़ खेत में प्रवेश कर गया. सभी किसानों के खेत डूब चुके हैं. यहां तक कि स्थानीय किसानों के द्वारा खेतों में जो बिचड़े डाले गए थे. वह भी डूब गया है.

खेत में पानी जमा होने के धान से बिचड़े बर्बाद
खेत में पानी जमा होने के धान से बिचड़े बर्बाद

'बरसात के पहले नहरों की सफाई नहीं होने के कारण यह समस्या उत्पन्न हो रही है. कई वर्षों से नहर की सफाई नहीं हुई है. अगर बरसात शुरू होने के पहले ही नहर का निरीक्षण करके जहां-जहां नहर का चाट टूटा हैंऔर जहां जाम की स्थिति है, उसे दुरुस्त करा लिया जाता तो ऐसी समस्या उत्पन्न नहीं होती.' :- शिव शंकर सिंह, किसान

धान के बिचड़े हो गये बर्बाद
किसानों का कहना है कि ज्यादा पानी रहने के कारण बिचड़ा पूरी तरह से डूबे हुए हैं, पूरा बिचड़ा बर्बाद हो रहा है. दोबारा फिर किसी दूसरे स्थान पर बिचड़ा डालने और उगाने के कारण ससमय फसल की बुआई नहीं हो पाएगी. स्थानीय किसान मुकेश तिवारी ने बताया गया कि इनके द्वारा नहर प्रमंडल के जेई को फोन के माध्यम से सूचना देकर इस समस्या से अवगत करवा है. लेकिन जेई ने कहा कि विभाग के पास फंड नहीं है. जिस वजह से सफाई करवाना मुश्किल है.

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विभाग से स्वीकृति मिलने के बाद होगी सफाई
पूरे मामले पर सोन उच्च स्तरीय नहर प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता अरविंद कुमार ने बताया कि नहर की सफाई बरसात शुरू होने के पहले करवाई गई थी. नहरों में हल्की फुल्की अगर कहीं झाड़ियां या कुछ उगे हुए तो उसे साफ सफाई करवा दी जाती है. विशेष जाम रहने पर इसका प्रस्ताव बनाकर भेजा जाता है. स्वीकृति मिलने के उपरांत सफाई होती है.

'वर्तमान में नहर जाम की समस्या एवं चाट तोड़कर खेतों में बह रहे पानी का निरीक्षण करवाकर अगर थोड़ा बहुत कार्य होगा तो उसे करवा दिया जाएगा. ज्यादा दूरी तक अगर कार्य किया जाना होगा तो इसका प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा जिसके उपरांत उस कार्य को किया जाएगा.' :- अरविंद कुमार, कार्यपालक अभियंता

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