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कैमूर में बच्चा चोरी मामले में अस्पताल की रिपोर्ट से उड़े परिजनों के होश, अश्विनी चौबे ने दिए जांच के आदेश

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Published : Feb 23, 2022, 3:19 PM IST

Ashwini Choubey orders probe into child theft case from Chainpur PHC
Ashwini Choubey orders probe into child theft case from Chainpur PHC

कैमूर का एक मामला लोगों को हैरान कर रहा है. एक महिला का आरोप है कि डिलीवरी के बाद उसके बच्चे की चोरी कर ली गई. वहीं अस्पताल प्रशासन का कहना है कि महिला का गर्भाशय ही नहीं है तो मां बनने का सवाल ही नहीं उठता है. अब केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे (Chainpur PHC Child Theft Case ) ने जिला प्रशासन से एक हफ्ते के अंदर जांच कर रिपोर्ट मांगा है. पढ़ें पूरी खबर..

कैमूर(भभुआ): कैमूर में स्वास्थ्य विभाग का एक बार फिर कारनामा उजागर हुआ है. एक महिला ने चैनपुर पीएचसी (Child Theft Case From Chainpur PHC ) में एक बच्चे का जन्म दिया था. जन्म के बाद अस्पताल से बच्चा चोरी हो गया. इसके बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया और सड़क जाम कर दिया था. लेकिन अब अस्पताल प्रशासन पूरे मामले की लीपापोती में लगा है. अस्पताल की तरफ से महिला को बच्चा नहीं होने का प्रमाण देते हुए बताया गया है कि महिला का गर्भाशय ही नहीं है. मामला चैनपुर थाना के ककड़ी कुंडी गांव (kakdi Kundi village of Chainpur ) का है.

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क्या है पूरा मामला: वहीं महिला (Kaimur child theft case) के पास इस बात के कई प्रमाण हैं कि, वह गर्भवती थी और उसने बच्चे को जन्म दिया था. गर्भवती महिला ने आंगनवाड़ी से लेकर पीएचसी तक का टीकाकरण का प्रमाण दिखाया है. महिला और उसके परिजन लगातार अपने बच्चे की मांग कर रहे हैं. वहीं अस्पताल प्रशासन यह साबित करने में जुटा है कि, बिना गर्भाशय के महिला गर्भवती कैसे हो गई, ऐसा संभव ही नहीं है. जबकि आंगनवाड़ी के गर्भवती पंजी में भी अनीता देवी का नाम दर्ज है,जहां उसकी गोदभराई की रस्म की गई थी.

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महिला ने दिए गर्भवती होने के प्रमाण: गर्भधारण करने के साथ ही अनीता देवी ने अस्पताल के गाइडलाइन का पालन करते हुए समय-समय पर टीकाकरण लिया था, जिसके प्रमाण भी वो दिखा चुकी है. सवाल उठ रहे हैं कि, अगर महिला का गर्भाशय ही नहीं है तो फिर आंगनबाड़ी से लेकर उप स्वास्थ्य केंद्र में लगातार टीकाकरण क्यों किया गया? क्या कैमूर स्वास्थ्य विभाग बिना गर्भवती महिला को भी गर्भावस्था में सुई देता है? यह जांच का विषय है कि इस कांड में दोषी कौन है? अब पीड़ित महिला थाने से लेकर जिला तक गुहार लगा रही है कि उसका बच्चा उसे वापस दिलवाया जाए और दोषियों पर कार्रवाई की जाए.

क्या कहना है पीड़ित महिला का: पीड़ित महिला अनीता देवी का कहना है कि, '5 फरवरी को चैनपुर पीएचसी में मैंने बच्चे का जन्म दिया था. जन्म के बाद मेरा बच्चा चोरी हो गया. प्रशासन से बच्चा मांग रही हूं तो प्रशासन का कहना है कोई बच्चा नहीं है. तुम्हारा बच्चादानी ही नहीं तो बच्चे को जन्म कैसे दी. जबकि मैं गर्भवती थी तभी तो अस्पताल में डिलेवरी के लिए गई थी, मेरा बच्चा दिलाया जाए.'

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"दोबारा जांच मैंने भभुआ में कराया. चैनपुर के दारोगा लेकर गए थे. जांच में झूठ बताया जा रहा है. जांच के बाद कहा गया कि बच्चेदानी (गर्भाशय) नहीं है. मुझे शक है कि कंचन ने मेरा बच्चा चुराया है."- अनीता देवी,पीड़ित

वहीं सीमा देवी आशा कर्मी का कहना है कि, मैं इसी गाँव की हूं. जब अनीता देवी गर्भवती हुई तब से आंगनवाड़ी से लेकर उप स्वास्थ्य केंद्र तक से समय समय पर उसने टीका लिया था. महिला ने बच्चे को जन्म भी दिया पर अधिकारी बोल रहे है कि महिला मां बन नहीं सकती क्योंकि उसका गर्भाशय नहीं है.

"इस बारे में मैंने सुना है. मुझे अनीता ने बताया था कि वो मां बनने वाली है, डिलीवरी होने वाली है. 20 अगस्त को उनको पहला टीका लगा था. दूसरा टीका भी समय पर लगाया गया था. उसके बाद उन्होंने कहां जांच करायी मुझे पता नहीं है."- सीमा देवी,आशा कार्यकर्ता

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क्या बोले पीएचसी प्रभारी: राज नारायण प्रसाद पीएचसी चैनपुर प्रभारी का कहना है कि, महिला का गर्भाशय नहीं है तो फिर बच्चा चोरी कैसे सम्भव है. भभुआ सदर अस्पताल के मेडिकल टीम ने जांच के बाद रिपोर्ट दिया है कि, महिला का गर्भाशय नहीं है. महिला कभी मां नहीं बन सकती है. अनीता देवी का प्रसव हुआ ही नहीं है. मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार अनीता देवी गर्भ धारण नहीं कर सकती है. बच्चे को जन्म देने का सवाल ही नहीं उठता है. यह घटना चैनपुर सरकारी अस्पताल (ANM accused of child theft in Kaimur) को बदनाम करने की घृणित चाल है. जब बच्चा पैदा ही नहीं हुआ है तो चोरी का सवाल ही नहीं है. निजी क्लीनिक की हमने जांच कराई है, अवैध रूप से चल रहे क्लिनिक पर भी कार्रवाई की जाएगी.

वहीं केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे (Ashwini Choubey Orders Probe Into Child Theft Case ) ने मामले को गंभीरता से लेने की बात करते हुए कहा कि, कैमूर में महिला का बच्चा चोरी का मामला है तो उसकी जांच होगी. जो भी दोषी होगा उसपर सख्त कार्रवाई की जाएगी. उसपर जिला प्रशासन से एक हफ्ते में जांच कर रिपोर्ट मांगा गया है.

अब सवाल है कि, जब महिला का गर्भाशय नहीं था और वह मां नहीं बन सकती थी तो, गर्भवती टीकाकरण हर माह क्यों दिया गया? आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 3 बरडीहा चैनपुर तो कभी उप स्वास्थ्य केंद्र पर्वत पुर ककड़ी कुंडी में टीकाकरण कैसे महिला का हुआ? मामला काफी उलझा हुआ है. अब जांच के बाद ही साफ हो पाएगा कि कौन सच्चा है और कौन झूठ बोल रहा है. फिलहाल जिले में चर्चा का बाजार गर्म है.

बता दें कि चैनपुर प्रखंड मुख्यालय स्थित सीएचसी में बच्चा जन्म होने के बाद उसे मरा हुआ बताकर गायब करने के इस मामले को लेकर लगातार हंगामा किया जा रहा है. आरोप हाटा गांव में संचालित एक निजी क्लीनिक की एनएनएम (ANM accused of child theft in Kaimur) पर लगा है. इस बात से आक्रोशित ग्रामीणों ने भभुआ चैनपुर रोड पर सारंगपुर के पास जाम लगा दिया और विरोध भी किया था. भभुआ थाने की पुलिस ने आरोपी निजी क्लीनिक की एक महिला को कस्टडी में लेकर पूछताछ भी की थी.

वहीं ग्रामीणों ने बताया कि सारंगपुर की लड़की की शादी चैनपुर थाने के ककरी कुंडी में हुई थी. उसे पेट में दर्द होने पर चैनपुर थाना क्षेत्र के हाटा के निजी क्लीनिक में ले जाया गया. यहां जांच के बाद महिला डॉक्टर ने डिलीवरी होने की बात कही. इसके बाद उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चैनपुर ले जाने को कहा. ग्रामीणों का कहना है कि डिलीवरी के बाद बच्चे को मृत बताकर गायब कर दिया गया.

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