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रोजे रखकर मुस्लिम युवकों ने की छठ घाट की सफाई, कहा- दोनों पवित्र पर्व का एक साथ पड़ना सौभाग्य की बात

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Published : Apr 6, 2022, 2:12 PM IST

जहानाबाद में संगम घाट की सफाई में जुटे मुस्लिम युवकों ने कहा कि कोई जरूरी नहीं कि छठ घाट की सफाई सिर्फ हिन्दू भाई ही करें, हम लोग भी कर सकते हैं. ये तो बहुत सौभाग्य की बात है कि रमजान के महीने में छठ पर्व का आयोजन हो रहा है. हम हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल (Example of Ganga Jamuni Tehzeeb) पेश करना चाहते हैं, ताकि हमारे तन के साथ मन भी पवित्र हो जाए.

मुस्लिम युवकों ने की संगम घाट की सफाई
मुस्लिम युवकों ने की संगम घाट की सफाई

जहानाबादः पूरे बिहार में चार दिनों के लोक आस्था का महापर्व चैती छठ (Chaiti Chhath Pooja 2022) पूजा शुरू हो गई है. आज इसका दूसरा दिन है. इस पर्व में पूरी पवित्रता का ख्याल रखा जाता है. इधर मुस्लिम समुदाय के लोगों का पवित्र रमजान भी चल रहा है. जिसका आज चौथा दिन है. जहानाबाद में चैती छठ पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. जिले के सबसे प्रसिद्ध स्थान संगम घाट पर दूरदराज से लोग सूर्य भगवान की उपासना करने के लिए लोग आते हैं. इस बार इस घाट की सफाई (Muslim Youth Cleaned Sangam Ghat In Jehanabad) का जिम्मा मुस्लिम समुदाय के लोगों ने लिया है. इनका कहना है कि रमजान के पवित्र महीने में हिन्दू भाईयों का पवित्र त्यौहार छठ का ख्याल आया और घाट पर पहुंच गए सफाई करने. इस काम को करके उन्हें बहुत खुशी मिल रही है.

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जग गई हिंदू मुस्लिम एकता की भावनाः दरअसल इस साल रमजान का महीना और छठ पर्व एक साथ पड़ गया है. आज मंगलवार को छठ के दूसरे दिन बहुत से मुस्लिम भाइयों ने संगम घाट की सफाई की. इन लोगों ने छठ पर्व को देखते हुए साफ सफाई का बीड़ा उठाया और सभी लोग हाथ में झाड़ू लिए संगम घाट पहुंच गए. हाथों में झाड़ू लेकर कई मुस्लिम युवक हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश देते नजर आए. इस दृश्य को देखकर लोगों के मन हिंदू मुस्लिम एकता की भावना जग गई.

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धर्म में भेदभाव करने का अधिकार नहींः संगम घाट पर सफाई करने पहुंचे मोहम्मद शाहनवाज ने कहा कि धर्म जो भी हो कभी भी भेदभाव करने का अधिकार नहीं देता. हिंदू भाई भी मुस्लिम के पर्व में बढ़ चढ़ के हिस्सा लेते हैं, इसलिए हिंदुओं का सबसे बड़ा पर्व छठ है, इसमें हम लोगों को भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि बहुत सौभाग्य की बात है कि रमजान के महीने में छठ पर्व का आयोजन हो रहा है. जिस तरह से हिंदू भाई छठ पर्व को लेकर शुद्ध रूप से रह रहे हैं, उसी तरह रमजान को लेकर वो लोग भी शुद्ध रूप से जीवन व्यतीत कर रहे हैं.

'घाट की सफाई करके बहुत खुशी मिल रही है. वजह ये है कि दोनों की पर्व में पवित्रता को अहम बताया गया है, और दोनों एक समय पर आया है. इसलिए हमलोग इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं, कोई जरूरी नहीं कि छठ घाट की सफाई सिर्फ हिन्दू भाई ही करें, हम लोग भी कर सकते हैं. इसी बात का ख्याल आया और पहुंच गए घाट की सफाई करने रोजा रखकर हमलोग घाट की सफाई में लगे हैं, ताकि हिंदू भाई अर्घ्य देने यहां आएं तो उन्हें परेशानी ना हो'- मोहम्मद अख्तर, स्थानीय

अमन चैन और शांति की दुआः मोहम्मद अख्तर ने कहा कि एक तरफ जहां लोग हिंदू मुस्लिम अलग-अलग समुदाय मानकर आपस में द्वेष पैदा कर रहे हैं. वहीं हमलोग इस तरह के कार्यक्रम में शामिल होकर लोगों को यह संदेश देना चाहते हैं कि हिंदू मुस्लिम भाई-भाई हैं. इस पृथ्वी पर दो ही समुदाय है. पुरुष और महिला बाकी जो भी लोग धर्म के नाम पर बांटने का काम कर रहे हैं, वह हमारे समाज को विखंडित करने का काम कर रहे हैं. इसलिए हम लोग लोगों को संदेश देना चाहते हैं कि हिंदू का पर्व हो या मुसलमान का सभी मिलजुल कर पर्व को मनाएं और भगवान से अमन चैन और शांति की दुआ मांगे.

बता दें कि लोक आस्था का महापर्व चैती छठ पूजा का आज दूसरा दिन है. जिसे खरना कहते हैं. खरना के दिन जो प्रसाद बनता है, उसे नए चूल्हे पर बनाया जाता है. व्रती खीर अपने हाथों से पकाते हैं. शाम को प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है. पर्व के तीसरे और चौथे दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ लोक आस्था का ये पर्व समाप्त होगा. वहीं, मुसलमान भाईयों के रोजे का आज चौथा दिन है, जो एक महीने बाद ईद का चांद देखकर 3 मई को समाप्त होगा.

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