जमुई: बिहार के जमुई में किसान यूरिया (खाद) की (Shortage Of Urea Fertilizer) किल्लत से परेशान हैं, किसान सरकारी दाम पर यूरिया लेने के लिए सुबह 5 बजे से ही बिस्कोमान भवन पहुंचकर लाइन में लग जाते हैं. दिनभर यूरिया के लिए लाइन में लगने के बावजूद किसानों को खाद नहीं मिलने से काफी परेशानी होती है.
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किसानों ने यूरिया की कालाबाजारी का आरोप लगाते हुए ईटीवी भारत को बताया कि, बाजार में खुलेआम 1500 से 1800 रुपये तक यूरिया की ब्रिकी हो रही है. जब किसान सरकारी दाम में यूरिया लेने बिस्कोमान भवन पहुंचता है, तो उन्हें बहाना बनाकर लौटा दिया जाता है. सरकारी बाबू लोग ये कहकर लौटा देते हैं, कल फिर से आना, आज मशीन खराब हो गई है, बैट्री डिस्चार्ज हो गई है, लिंक चला गया. जैसे कई तरह के बहाने बनाए जाते हैं.
जिले के सिमेरिया, सिकेरिया, अंबा, दौलतपूर, राजपुरा, लोहरा, विजुआही, सनकुढ़ा आदि दर्जनों गांवों के किसान बैजनाथ, प्रमिला, रंजीत यादव, नरेश महतो, गणेश महतो दिवाकर, पप्पू कुमार, मालती आदि ने बताया कि सुबह से ही लाइन में यूरिया लेने की आस में खड़े रहते हैं पर कुछ लोगों को ही यूरिया मिल पाता है. बाकी को खाली हाथ लौटना पड़ता है. किसानों की कोई सुनवाई नहीं है.
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वहीं, किसानों को मजबूर होकर वापस घर लौटना पड़ता है. किसानों ने बताया कि, दिनभर लाइन में लगने के बाद भी खेत सूख रहा है. ऐसे में खेत में काम करें या यूरिया के लिए लाइन में लगे रोजाना आने जाने में 100-200 रुपये भी किराया खर्च हो जाता है. एक तरह से किसानों को ब्लैक से यूरिया खरीदने के लिए मजबूर किया जाता है.
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