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जमुई: सदर अस्पताल में प्रसव के दौरान नवजात की मौत, परिजनों ने लापरवाही का लगाया आरोप

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Published : Aug 30, 2019, 3:55 PM IST

सदर अस्पताल के डीएस सैयद नौशाद अहमद का कहना है कि लापरवाही हुई है. लेकिन स्टाफ जो जानकारी दे रहा है उसपर भी विश्वास करना पड़ेगा. अगर लापरवाही हुई है तो जांच होगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी.

पुलिस को घटना की जानकारी देते हुए परिजन

जमुई: जिले के सदर अस्पताल में प्रसव के दौरान नवजात की मौत हो गयी. घटना के बाद परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया. पूरी घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और सदर अस्पताल के डीएस मौके पर पहुंचे. वहीं, पीड़ित समरजीत सिंह ने अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की बात कही है.

सदर अस्पताल में प्रसव के दौरान नवजात की मौत

'अस्पताल प्रंबधन की लापरवाही के कारण गई जान'
प्रसूति के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि नवजात बच्चे की मौत का जिम्मेदार डॉक्टर और अस्पताल के कर्मचारी हैं. प्रसूति के पति समरजीत ने बताया कि डॉक्टर रीता ने जब प्रसूति का चेकअप किया तो बताया कि प्रसव दो दिन के बाद होगा. दो दिन बाद डॉक्टर कविता ने देख पर बताया कि 2-4 घंटे में प्रसव हो जाएगा. लेकिन 4 घंटे बाद प्रसव के दौरान नवजात की मौत हो गयी.

जमुई
रोते- बिलखते परिजन

'सरकारी अस्पताल में देने पड़ते हैं दवाई के पैसे'
समरजीत ने डॉक्टर कविता पर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि डॉ. कविता के कहने पर सरकारी अस्पताल में भी दवा के लिए पैसे देने पड़े. रात के एक बजे प्रसव पीड़ा होने पर उन्होंने कहा कि प्रसव 2 घंटे बाद होगा. 2 घंटे के बाद जाने पर प्रसूति को भर्ती कर लिया गया. अचानक 4 बजकर 40 मिनट पर नर्स ने बाहर आकर बताया कि बच्चा मृत पैदा हुआ है.

जमुई
सदर अस्पताल

डीएस ने दिया जांच का आश्वासन
सदर अस्पताल के डीएस सैयद नौशाद अहमद का कहना है कि लापरवाही हुई है. लेकिन स्टाफ जो जानकारी दे रहा है उसपर भी विश्वास करना पड़ेगा. अगर लापरवाही हुई है तो जांच होगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी. बता दें कि पिछले दो से तीन दिनों में सदर अस्पताल में प्रसव के दौरान तीन नवजात की जान जा चुकी है.

Intro:जमुई " सदर अस्पताल नर्स और फोर्थ ग्रेड कर्मी के भरोसे चलता है डयूटी के समय डॉ0 रहते है नदारत अपने निजी क्लीनिक में मरीजों का इलाज करते है " जांच और दवाओं के लिए मरीज के परिजन दलाल , आशा , नर्स के चक्कर में पड़कर एक का चार खर्चना पड़ता है उपर से नजराना अलग बीते दो से तीन दिन के अंदर 3 नवजात की मौत हो चुकी है हरेक मौत के बाद परिजन के हंगामे के बाद जांच और कारवाई का अस्वाशन मिल जाता है


Body:जमुई " सदर अस्पताल में नवजात की मौत के बाद परिजन का हंगामा पहुंची पुलिस पीड़ित परिजन का आरोप लापरवाही से गई नवजात की जान नवजात को लेकर s n c u का दरवाजा खटखटाते रहे लेकिन न तो दरबाजा खुला और न ही डॉ0 मिले "

मिल रही जानकारी के अनुसार बीते दो से तीन दिन के अंदर इसी प्रकार तीन बच्चे की मौत हो चुकी है हर नवजात के मौत के बाद परिजन का हंगामा फिर अस्पताल प्रशासन पीड़ित परिजन को देता है अस्वाशन देता है जांच होगी दोषी पर कारवाई होगी

जानकारी देते हुए पीड़ित परिजन ने बताया दो दिन पहले भी प्रसूता सोनू कुमारी पति विकाश कुमार गांव विंदवारा साफियाबाद मुंगेर जो अपने रिश्तेदार के पास जमुई में रह रहे थे कल रात अचानक प्रसव पीड़ा होने पर सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया नर्स के कहने पर हमने दवाई आदि के लिए पैसे दिए हमलोगों को अंदर जाने नहीं दिया जाता था बाहर से जानकारी लेते रहते थे चेकअप के बाद बताया गया था की देर रात या अहले सुबह तक प्रसव हो सकता है

अचानक सुबह नर्स आई और बताया प्रसव हो गया है लेकिन नवजात की मौत हो गई है हमलोगों ने पुछा ये सब कैसे हो गया तो फिर नर्स बोली लगता है सांस चल रहा है आपलोग ले जाइऐ और s n c u में भर्ती करिऐ नवजात को लेकर परिजन सदर अस्पताल परिसर में स्थित s n c u का दरवाजा खटखटाते रहे लेकिन किसी ने दरवाजा नहीं खोला और न ही डॉ0 मिले नवजात की मौत हो चुकी थी

बाद में परिजन के हंगामें के बाद सदर अस्पताल के डीएस और पुलिस भी पहुंची

सदर अस्पताल के डीएस सैयद नौशाद अहमद का कहना है जानकारी मिली है कहीं न कहीं लापरवाही हुई है लेकिन स्टॉफ जो जानकारी दे रहा है तो उसपर भी विश्वास करना पड़ेगा फिर भी अगर लापरवाही हुई है तो जांच होगी दोषी पर कारवाई होगी

वाइट ------- परिजन

वाइट ------ सदर अस्पताल डीएस सैयद नौशाद अहमद


राजेश जमुई


Conclusion:जमुई " सदर अस्पताल नर्स और फोर्थ ग्रेड कर्मी के भरोसे चलता है डयूटी के समय डॉ0 रहते है नदारत अपने निजी क्लीनिक में मरीजों का इलाज करते है " जांच और दवाओं के लिए मरीज के परिजन दलाल , आशा , नर्स के चक्कर में पड़कर एक का चार खर्चना पड़ता है उपर से नजराना अलग बीते दो से तीन दिन के अंदर 3 नवजात की मौत हो चुकी है हरेक मौत के बाद परिजन के हंगामे के बाद जांच और कारवाई का अस्वाशन मिल जाता है
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