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नाबालिग से दुष्कर्म मामले में दोषी को 20 साल की सजा, पीड़ित को 5 लाख मुआवजा देने का आदेश

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Published : Nov 19, 2022, 7:37 AM IST

नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले को 20 साल की सजा
नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले को 20 साल की सजा

जमुई में चार साल पहले एक नाबालिग के साथ हुए दुष्कर्म (Rape with minor in Jamui) मामले में सजा का ऐलान हो गया है. पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एडीजे प्रथम अनंत सिंह ने इस मामले में 45 वर्षीय शीतल मांझी को दोषी पाया है और आरोपी को 20 साल की सजा सुनाई है. इसके अतिरिक्त उसपर 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है.

जमुई: जमुई के पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एडीजे प्रथम अनंत सिंह (Special Judge of POCSO Court ADJ Anant Singh) ने वर्ष 2019 में 13 साल की नाबालिग के साथ हुए दुष्कर्म (rape with minor in Jamui) मामले में अभियुक्त 45 वर्षीय शीतल मांझी को 20 साल की सजा सुनाई है. इसके अलावा न्यायाधीश ने आरोपी पर 20,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है. यदि आरोपी जुर्माना की राशि नहीं चुका पाता है तो उसे 4 महीने अतिरिक्त सजा काटनी होगी.

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2019 में नाबालिग के साथ हुआ था दुष्कर्म : वर्ष 2019 में मलयपुर महसोनिया मुसहरी के रहने वाले एक परिवार की 13 साल की बच्ची को उसके पड़ोसी शीतल मांझी ने जंगल में लकड़ी लाने के नाम पर नरसौता जंगल ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया था. जिसके बाद नााबालिग बच्ची ने सारी घटना अपनी नानी को बताया था. बाद में बच्ची की नानी ने आरोपी के खिलाफ मलयपुर थाने में एफ आई आर दर्ज कराया था. मामले में पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायालय में ट्रायल के दौरान दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद एडीजे प्रथम अनंत सिंह ने सजा के ऐलान के किया और आरोपी पर जुर्माना भी लगाया. फैसले के दौरान स्पेशल पीपी मनोज कुमार शर्मा और बचाव पक्ष के अधिवक्ता गोपाल प्रसाद की दलीलें सुनने के बाद फैसला लिया गया.

पीड़ित को 5 लाख मुआवजा देने का आदेश: पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एडीजे प्रथम अनंत सिंह ने नाबालिग के दुष्कर्म मामले में सजा सुनाने के बाद कहा कि नाबालिग बच्ची के साथ इस तरह की घटनाओं से मानसिक पीड़ा होती है. इस तरह के मामले में पीड़ित की भरपाई कर पाना मुमकिन नहीं है. फिर भी एडीजे प्रथम अनंत सिंह ने पीड़ित के लिए 5 लाख के मुआवजे का आदेश दिया है. एडीजे प्रथम अनंत सिंह ने अपने 20 पेज के फैसले में दोनों पक्षों के गवाहों के बयान फॉरेंसिक लैब की जांच रिपोर्ट डॉक्टर की रिपोर्ट और गवाही एवं अन्य कागजातों को अवलोकन करने के बाद शीतल मांझी को 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाया है.
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