जमुई: शनिवार को भाकपा-माले ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत को लेकर प्रतिरोध दिवस मनाया. इस दौरान सभी केंद्र सरकार के विरोध में नारेबाजी करते हुए शहर के कचहरी चौक पर पहुंचे और पीएम का पुतला जलाया. भाकपा-माले के जिला सचिव शंभू शरण सिंह ने कहा कि पेट्रोल-डीजल के बढ़े हुए दाम को मोदी सरकार वापस ले.
किसानों पर पड़ रहा असर
आइसा के प्रदेश उपाध्यक्ष बाबू साहब ने कहा कि इसका असर देश के किसानों पर पड़ रहा है. इतिहास में पहली बार डीजल की कीमत पेट्रोल से ज्यादा है. इसी को लेकर जिला सचिव के नेतृत्व में पीएम का पुतला दहन किया गया. भाकपा जिला सचिव और आइसा प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल सस्ता हो रहा है. इसके बावजूद देश में 20 दिनों से तेल की कीमत बढ़ते क्रम में रिकॉर्ड बना रही है.
मजदूरों का छिन गया रोजगार
आइसा प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि देश के किसान और मजदूर ऐसे ही परेशान हैं. उनका रोजगार छिन गया था. सभी घर लौट चुके हैं. खेती कर गुजारा करना चाहते थे, लेकिन अब डीजल की कीमत बढ़ने से इसका असर किसान और खेती पर असर पड़ेगा. अभी खरीफ बुआई का समय है. किसानों को प्रति एकड़ एक हजार रुपये ज्यादा खर्च वहन करना पड़ेगा.
आंदोलन करने की चेतावनी
बाबू साहब ने कहा कि कोरोना ने पहले ही कमर तोड़ दी थी. इसके बाद रही-सही कसर अब सरकार तेल के दामों को बढ़ाकर कर रही है. उन्होंने कहा कि शनिवार को भाकपा-माले के अखिल भारतीय राष्ट्रीय आह्वान के तहत देश व्यापी प्रतिरोध दिवस मनाया गया. अगर सरकार जल्द नहीं सचेत हुई और तेल के बढ़ी कीमत को सरकार वापस नहीं लेती है तो चरणबद्ध आंदोलन होगा.