गोपालगंज :10 दिनों से बुखार से पीड़ित 11 वर्षीय बच्चे ने तोड़ा दम, चमकी बुखार से मौत की आशंका

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Published : Sep 9, 2021, 1:08 AM IST

RAWगोपालगंज :10 दिनों से बुखार से पीड़ित 11 वर्षीय बच्चे ने तोड़ा दम
RAWगोपालगंज :10 दिनों से बुखार से पीड़ित 11 वर्षीय बच्चे ने तोड़ा दम ()

जिले में 10 दिनों से बुखार से पीड़ित बच्चे की सदर अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. हांलाकि सिविल सर्जन ने एईएस (AES) से मौत की पुष्टि नहीं की है.

गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज ( Gopalganj) में जिले में सितंबर माह में चमकी बुखार के नये मामले आ रहे हैं. दरअसल कुचायकोट प्रखंड के नया टोला गांव निवासी एक 11 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई. परिजनों के मुताबिक वह पिछले 10 दिनों से बुखार से ग्रसित था. फिलहाल बच्चे के मौत के कारण परिजनों में कोहराम मच गया है. हालांकि जिला स्वास्थ्य महकमे ने एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (Acute Encephalitis Syndrome) यानी एईएस (AES) से मौत की पुष्टि नहीं की है.

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जानकारी के मुताबिक कुचायकोट प्रखंड के नया टोला गांव निवासी जवाहर लाल मिश्र का 11 वर्षीय पुत्र रविषेक कुमार पिछले 10 दिनों से बुखार से पीड़िता था. उसका इलाज निजी अस्पतालों में चल रहा था. परिजनों के माने तो बच्चे का बुखार होने के बाद स्थानीय निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां से डॉक्टर ने कुचायकोट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेफर कर दिया. वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से बच्चे को सदर अस्पताल रेफर किया गया. यहां इमरजेंसी वार्ड में पहुंचते ही बच्चे की मौत हो गई. बच्चे की मौत होते ही परिजनों में कोहराम मच गया. पूरे अस्पताल परिसर में चीख पुकार की आवाज गुजने लगी.

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इस मामले में परिजनों ने बताया कि बच्चे को तेज बुखार थी और मुंह से झाग निकल रहा था. इस संदर्भ में सिविल सर्जन डॉ योगेन्द्र महतो से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अब तक जिले में पांच केस आये हैं. जिसमे तीन लोगों को एसकेएमसीएच रेफर किया गया है. लेकिन दो लोगों जिनकी स्थिति नाजुक थी कि उपचार करने के दौरान उसकी मौत हो गई. जिससे यह पता नहीं चल सका है कि मौत चमकी बुखा से या फिर कोई अन्य बीमारी से हुई है. उन्होंने बताया कि चमकी बुखार को देखते हुए सभी व्यवस्था की गई है. पीडियाट्रिक वार्ड के अलावे एएनएम को बहाल किया गया है. सदर अस्पताल मेंऑक्सीजन के अलावा पर्याप्त दवाइयां मौजूद हैं.

सेफेलाइटिस सिंड्रोम को आम भाषा में दिमागी बुखार कहा जाता है. इसकी वजह वायरस को माना जाता है. इस वायरस का नाम इंसेफेलाइटिस वायरस है. इस बीमारी के चलते शरीर में दूसरे कई संक्रमण हो जाते हैं. एईएस होने पर तेज बुखार के साथ मस्तिष्क में सूजन आ जाती है. इसके चलते शरीर का तंत्रिका तंत्र निष्क्रिय हो जाता है और रोगी की मौत तक हो जाती है.

गर्मी और आद्रता बढ़ने पर यह बीमारी तेजी से फैलती है. इस बीमारी के वायरस खून में मिलने पर प्रजनन शुरू कर तेजी से बढ़ने लगते हैं. खून के साथ ये वायरस मरीज के मस्तिष्क में पहुंच जाते हैं. मस्तिष्क में पहुंचने पर ये वायरस वहां की कोशिकाओं में सूजन कर देते हैं. दिमाग में सूजन आने पर शरीर का तंत्रिका तंत्र काम करना बंद कर देता है, जो मरीज की मौत का कारण बनता है.

बता दें कि मुजफ्फरपुर में दिमागी बुखार का पहला मामला 1995 में सामने आया था. वहीं, पूर्वी यूपी में भी ऐसे मामले अक्सर सामने आते रहते हैं. इस बीमारी के फैलने का कोई खास पैमाना तो नहीं है, लेकिन अत्यधिक गर्मी और बारिश की कमी के कारण अक्सर ऐसे मामले में बढ़ोतरी देखी गई है.

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