ETV Bharat / state

बड़ी लापरवाही : गोपालगंज में 15 दिन पहले मिले थे 5 कोरोना पॉजिटिव, जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए अब भेजे सैंपल

author img

By

Published : Dec 5, 2021, 10:40 PM IST

Updated : Dec 5, 2021, 11:00 PM IST

गोपालगंज में 15 दिन पहले मिले थे 5 कोरोना पॉजिटिव
गोपालगंज में 15 दिन पहले मिले थे 5 कोरोना पॉजिटिव

ओमीक्रॉन वैरिएंट पर बिहार सरकार अलर्ट (Bihar government alert on Omicron variant) है. लगातार जिलों को सावधान रहने के निर्देश दे रही है. ऐसे में गोपालगंज स्वास्थ्य विभाग लापरवाही पर उतारू है. 15 दिन पहले टर्की और दूसरे राज्यों से आए 5 संक्रमित मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने बाहरी मरीजों की जीनोम सिक्वेंसिंग का सेंपल देर से भेजा. पढ़ें पूरी रिपोर्ट-

गोपालगंज: देश में ओमीक्रोन के मामले (Omicron Coronavirus Variant ) बढ़ते जा रहे हैं. लगातार केंद्र सरकार एडवाइजरी जारी कर रही है. लेकिन बिहार के गोपालगंज का स्वास्थ्य विभाग इसकी जरा भी परवाह नहीं करता. गोपालगंज जिले में 5 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले थे, जिनके जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए सेंपल 15 दिन बाद भेजे गए. ये स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लावरवाही मानी जा रही है. बता दें कि टर्की समेत अन्य जगहों से आए पांचों कोरोना पॉजिटिव मरीजों के सेंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए WHO के माध्यम से हाल में भेजे गए हैं.

ये भी पढ़ें- देश में ओमीक्रोन की दस्तक: मास्क नहीं लगाने पर कई राज्यों में जुर्माना, बिहार के विधायकों ने जताया विरोध

फ़िलहाल गोपालगंज के स्वास्थ्य विभाग को जीनोम रिपोर्ट के आने का इंतजार है. जिन लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे गये हैं, उनमें मर्चेंट नेवी के कर्मी के अलावा महाराष्ट्र से आये यात्री भी शामिल हैं. आरटीपीसीआर जांच में इन सभी यात्रियों की रिपोर्ट पॉजिटिव पायी गयी थी. जीनोम सीक्वेंसिंग जांच रिपोर्ट बतायेगी कि इन पॉजिटिव लोगों में ओमिक्रोन है या नहीं.

मुंबई से आए एक युवक ने 3 अक्टूबर को अपनी कोविड जाँच के लिए सेम्पल दिया जिसमें वह पॉजिटिव पाया गया था. दूसरा युवक जो बेंगलुरु से आया था. उसने 18 अक्टूबर को अपना सेम्पल दिया था, जिसमें वह पॉजिटिव पाया गया था. टर्की से आये एक युवक व उसकी पत्नी ने अपनी कोविड जाँच 6 नवंबर को कराया. रिपोर्ट में दोनों पॉजिटिव पाए गए थे. जबकि एक अन्य युवक मुंबई से आया था और उसने अपना सेंपल 25 नवंबर को दिया था. बावजूद इतने दिनों के बाद जीनोम सीक्वेंसिंग जांच के लिए सेंपल भेजना स्वास्थ्य विभाग द्वारा किये गए घोर लापरवाही साफ नजर आती है.

स्वास्थ्य विभाग के कोविड-19 के नोडल पदाधिकारी कैप्टन डॉ एसके झा ने बताया कि कोरोना के नये वैरिएंट को लेकर पूरी तरह से सतर्कता बरती जा रही है. हाल में विदेशों एवं जोखिम वाले जगहों से पहुंचे पांच लोगों में कोरोना का संक्रमण पाया गया था. जिसके बाद इन सभी लोगों का सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग जांच के लिए IGIMS पटना भेजा गया है. जीनोम सीक्वेंसिंग की जांच के लिए जिन लोगों के सैंपल भेजे गये हैं, उन्हें स्वास्थ्य विभाग की ओर से ऑब्जर्वेशन में रखा गया है. रिपोर्ट आने तक सभी यात्रियों को होम आइसोलेशन में रहने को कहा गया है. साथ ही परिवार के सदस्यों को भी सावधानी बरतने को कहा गया है. स्वास्थ्य विभाग की टीम सभी पांच यात्रियों पर कड़ी नजर रखे हुए है.


जीनोम सीक्वेंसिंग क्या है? इसके बारे में बताते हुए डॉ एसके झा ने कहा कि ये एक तरह से किसी वायरस का बायोडाटा होता है. कोई वायरस कैसा है, किस तरह दिखता है, इसकी जानकारी जीनोम से मिलती है. इसी वायरस के विशाल समूह को जीनोम कहा जाता है. और इस विधि को जीनोम सीक्वेंसिंग कहते हैं. इससे ही कोरोना के नये स्ट्रेन के बारे में पता चलता है. फिलहाल बिहार में ओमीक्रोन के मामले अभी तक सामने नहीं आए हैं.

यह भी पढ़ें- आनंद मोहन और अनंत सिंह के मुद्दे पर बोले तेजस्वी- बदले की भावना से काम कर रही है सरकार

ऐसी ही विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

Last Updated :Dec 5, 2021, 11:00 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.