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12 साल में 31 बार रक्तदान, जरूरतमंदों की मदद के लिए खोल दी 'रक्तदाता मेडिकल कैंटीन'

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Published : Jan 5, 2023, 10:08 AM IST

Updated : Jan 5, 2023, 12:59 PM IST

बिहार के गया में रक्तदान (Blood Donation in Gaya) के प्रति युवक का जुनून ऐसा हुआ कि उसने खुद 12 साल में 31 बार ब्लड डोनेट किया. वहीं रक्तदान के प्रति लोग ज्यादा से ज्यादा जागरूक हों, इसके लिए रक्तदाता मेडिकल कैंटीन खोला गया है. इस दुकान में खाने का सामान मिलता है. यहां ब्लड डोनेट करने वालों के लिए कई सुविधाएं मुफ्त दी गई है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

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गया में रक्तदाता मेडिकल कैंटीन की पहल

गया: बिहार के गया स्थित मानपुर के रहने वाले सोनी कुमार वर्मा ने रक्तदाता मेडिकल कैंटीन (Raktdata Medical Canteen) हल की है. इसका नाम रक्तदाता मेडिकर कैंटीन जरूर है, लेकिन यहां खाने की सामग्री मिलती है. इसमें खास यह है कि ब्लड के जरूरतमंद को यहां मदद पहुंचाई जाती है. इमरजेंसी व्यवस्था में ब्लड डोनर की तलाश कर मरीज की जान बचाने की कोशिश की जाती है. अब तक करीब 1000 मरीजों की इस तरह से जान सोनी कुमार वर्मा ने इस पहल के जरिए बचाई है.

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क्यों रखा गया ये नाम: रक्तदान के प्रति ज्यादा से ज्यादा लोग जागरूक हो, इसे लेकर इस तरह का नाम रखा गया है, जो कि रक्तदाता मेडिकल कैंटीन के रूप में है. जिस मरीज को ब्लड की जरूरत होती है और उनके परिजन ब्लड डोनेट नहीं करते हैं, तो ऐसे में सोनी कुमार वर्मा एक बड़े विकल्प के रूप में सामने आते हैं. ब्लड डोनेटर की व्यवस्था कर मरीज की जान बचाते हैं. वहीं रक्तदाता मेडिकल कैंटीन नाम देने का कारण बताते हुए कतहे हैं कि वह मरीज के साथ आने वाले परिजन को इससे जागरूक करना चाहते हैं. वह किसी की जान बचाने के लिए अवश्य रक्तदान करें. लोगों में रक्तदान के प्रति जागरूकता आए, इसे लेकर इस तरह के नाम का चयन किया गया है.


कई व्यवस्था है निशुल्क: सोनी कुमार वर्मा बताते हैं कि रक्तदाता मेडिकल कैंटीन में ब्लड डोनेट करने वालों के लिए गरम पानी खिचड़ी की निशुल्क व्यवस्था दी जाती है. वहीं अगर और कोई समस्या होती है, तो उनकी हर संभव मदद की जाती है. रक्तदाता मेडिकल कैंटीन मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पास खोला गया है. इसमें बड़ी बात यह भी है कि अगर कोई गरीब मरीज आता है और उसके पास पैसे नहीं होते हैं, तो उन्हें भी निशुल्क कैंटीन में उपलब्ध सामग्री उपलब्ध कराई जाती है. रक्तदान से शरीर का कोई नुकसान नहीं होता. रक्तदान के महत्व को समझाने के लिए रक्तदाता मेडिकल कैंटीन नाम इस छोटे से होटल को दिया गया है.

12 साल में 31 बार किया ब्लड डोनेट: सोनी बताते हैं कि उन्होंने रक्तदान के क्षेत्र में वर्ष 2010 से काम करना शुरू किया है. वह खुद भी 12 साल में 31 बार रक्तदान कर चुके हैं. उनका लक्ष्य है कि वह सौ बार अपने जीवन में रक्तदान करें. 1000 से अधिक मरीजों की उनके माध्यम से रक्तदान की व्यवस्था कर जान बचाई जा चुकी है. वह शहीद भगत सिंह यूथ ब्रिगेड से जुड़े हुए हैं और इसमें शामिल युवाओं की मदद से लगातार लोगों की जानें बचाई जाती है. दिन हो या रात वह हर समय इस तरह के मरीजों की मदद के लिए तत्पर रहते हैं.

"रक्तदान के क्षेत्र में वर्ष 2010 से काम करना शुरू किया है. मैं खुद भी 12 साल में 31 बार रक्तदान कर चुका हूं. मेरा लक्ष्य है कि 100 बार अपने जीवन में रक्तदान करूं. 1000 से अधिक मरीजों के लिए रक्तदान की व्यवस्था कर जान बचाई जा चुकी है. मैं शहीद भगत सिंह यूथ ब्रिगेड से जुड़ा हुआ हूं और इसमें शामिल युवाओं की मदद से लगातार लोगों की जानें बचाई जाती है."- सोनी कुमार वर्मा, संचालक, रक्तदाता मेडिकल कैंटीन

अपना शरीर भी किया समर्पित: सोनी ने अपना जीवन पूरी तरह से रक्तदान पर समर्पित कर दिया है. वहीं अपना शरीर भी दधिचि देहदान समिति को समर्पित किया है. रक्तदाता मेडिकल कैंटीन नाम से अपने होटल को संचालित कर ज्यादा से ज्यादा मदद का प्रयास कर रहे हैं. यहां रोजाना ब्लड डोनेट करने वालों से लेकर तमाम मरीजों की मदद का प्रयास किया जाता है.

Last Updated : Jan 5, 2023, 12:59 PM IST
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