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बोधगया में निकली शांति ज्ञान पद यात्रा, हजारों की संख्या में बौद्ध भिक्षु हुए शामिल

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Published : Jan 28, 2020, 11:09 AM IST

Updated : Jan 28, 2020, 11:31 AM IST

जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने कहा की सिद्धार्थ गौतम ने भी ढुगेश्वरी पहाड़ी पर तपस्या किया था. उसके बाद यही सुगम मार्ग से शांति के खोज के लिये निकल पड़े थे. जो बकरौर के सुजाता गढ़ होते हुए बोधगया पहुंचे थे. जहां उन्हें मुहाने नदी के तट पर स्थित पवित्र बोधि वृक्ष के नीचे कड़ी तपस्या के बाद ज्ञान की प्रप्ति हुई थी.

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शांति ज्ञान पद यात्रा निकाली गई

गया: बोधगया के ढुगेश्वरी पहाड़ी के तलहटी से शांति ज्ञान पद यात्रा का शुभारंभ बौद्ध भिक्षुओं ने बौद्धिक मंत्रोच्चार के साथ किया. बोधगया के दुगेश्वरी पहाड़ी के तराई से हजारों की संख्या में बौद्ध भिक्षु, समाज सेवी, बच्चे और अधिकारी शामिल हुए.

बता दें कि शांति ज्ञान पद यात्रा गया बोधगया के ढुगेश्वरी पहाड़ी के तलहटी से शुरु होकर मुहाने नदी से होते हुए बकरौर सुजाता गढ़ से बोधगया महाबोधी मंदिर तक जाती है. वहीं, शांति ज्ञान पद यात्रा के साथ तीन दिवसीय बौद्ध महोत्सव का आयोजन किया जाएगा. जिसका उद्घाटन 29 जनवरी को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगें.

ढुगेश्वरी पहाड़ी पर किए थे तपस्या
जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने कहा की सिद्धार्थ गौतम ने भी ढुगेश्वरी पहाड़ी पर तपस्या किया था. उसके बाद यही सुगम मार्ग से शांति के खोज के लिये निकल पड़े थे. जो बकरौर के सुजाता गढ़ होते हुए बोधगया पहुंचे थे. जहां उन्हें मुहाने नदी के तट पर स्थित पवित्र बोधि वृक्ष के नीचे कड़ी तपस्या के बाद ज्ञान की प्रप्ति हुई थी.

शांति ज्ञान पद यात्रा निकली

2014 से की गई शांति ज्ञान पद यात्रा की शुरुआत
शांति ज्ञान पद यात्रा की लगभग वर्ष 2014 से शुरुआत की गई है. इस यात्रा के लिए प्रशासनिक स्तर पर भी तैयारियां की जाती है, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाते है. गया के कई अधिकारी ज्ञान पद यात्रा में शामिल होकर सफल बनाते हैं.

Intro:गया बोधगया में शांति ज्ञान पद यात्रा निकाली गई। जिसमें हजरों की संख्या में बौद्ध भिक्षु समाज सेवी लोग अधिकारी हुये शामिल।Body:गया बोधगया के ढुगेश्वरी पहाड़ी के तलहटी से शांति ज्ञान पद यात्रा का सुभ आरंभ बौद्ध भिक्षुओं ने बौद्धिक मंत्रोउचार के साथ आरम्भ किया गया। गया बोधगया के दुगेश्वरी पहाड़ी के तराई से हजारों की संख्या मे बौद्ध भिक्षु समाज सेवी बच्चे अधिकारी होते हैं शामिल। शांति ज्ञान पद यात्रा गया बोधगया के के ढुगेश्वरी पहाड़ी के तलहटी से सुरु की जाती है और मुहाने नदी से होते हुये। बकरौर सुजाता गढ़ से बोधगया महाबोधी मंदिर तक जाते हैं।
गया जिला पदाधिकारी अभिषेक सिंह ने अपने संबोधन में कहा की सिद्धार्थ गौतम ने भी ढुगेश्वरी पहाड़ी पर भी तपस्या किये थे।
उसके बाद यही सुगम मार्ग से शांति के खोज के लिये निकल पड़े थे।जो बकरौर के सुजाता गढ़ होते हुये।बोधगया पहुचे जहा मुहाने नदी के तट पर एस्थित पवित्र बोधि वृक्ष के नीचे कड़ी तपस्या के बाद ज्ञान की प्रप्ति हुई थी।और वह गौतम बुद्ध कहलाये।
शांति ज्ञान पद यात्रा लगभग वर्ष 2014 से सुरुआत की गई है। गया के प्रशानिक व्यवस्था भी काफी की जाती है गया के तमाम अधिकारी ज्ञान पद यात्रा में शामिल होते हैं।और सफल बनाते हैं।
शांति ज्ञान पद यात्रा के साथ तिन दिवसीय बौद्ध महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।
29 जनवरी को बौद्ध महोत्सव का उद्घाटन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी करेंगें । जो 31 जनवरी तक चलेगी।Conclusion:बरहाल आपको बता दें कि गया के ढुगेश्वरी पहाड़ी के तराई से शांति ज्ञान पद यात्रा निकली गई जिसमें गया जिला प्रशासन के अलावे हजारों की संख्या बम बौद्ध भिक्षु हुये सामिल।जिला अधिकारी ने बताया कि सिद्धार्थ गौतम ने भी इस पहाड़ी पर भी आये थे।यहा के बाद ही इसी रास्ते से शांति की खोज में बोधगया पहुचे थे।
Last Updated : Jan 28, 2020, 11:31 AM IST
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