गया: लोक जनशक्ति पार्टी (Lok Janshakti Party) में हुई बगावत पर गया के कार्यकर्ताओं ने अपनी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है. कार्यकर्ता सांसद पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) पर भीतरघात करने का आरोप लगा रहे हैं. साथ ही उन्होंने चिराग पासवान (Chirag Paswan) के साथ होने की बात कही.
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गया (Gaya) जिले के टिकारी विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी कमलेश शर्मा ने कहा कि हम पार्टी में विश्वास करते हैं. यह पार्टी स्वर्गीय रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) ने बनाई थी. उनके निधन के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) बने थे. उन्हीं के नेतृत्व में बिहार विधानसभा चुनाव लड़ा गया था.
'पशुपति पारस ने किया भीतरघात'
विधानसभा चुनाव में पार्टी ने जोरदार प्रदर्शन किया था. एनडीए के सहयोगी दल को भी इससे खासा नुकसान हुआ था. तभी से जदयू ने लोजपा (LJP) को निशाने पर रखा था.
पिछले 10 दिनों से चिराग पासवान की तबीयत खराब चल रही थी. इसी का फायदा उठाते हुए लोजपा सांसद पशुपति कुमार पारस ने भीतरघात किया है. उन्होंने कहा कि आज भी हम लोग चिराग पासवान में विश्वास करते हैं और आगे भी करते रहेंगे.
''जिले के सभी कार्यकर्ता चिराग पासवान के साथ हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में लोजपा के कारण जदयू को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था. तभी से जदयू लोजपा को लगातार टारगेट कर रही थी. आज उन्हें मौका मिल गया है. आज पार्टी में जो टूट हुई है, उसके लिए जदयू जिम्मेदार है.''- कमलेश शर्मा, पूर्व विधानसभा प्रत्याशी, टिकारी विधानसभा, गया
'सभी कार्यकर्ता चिराग पासवान के साथ'
इस तरह की घटनाएं पार्टी में लगी रहती हैं. आज भी गया (Gaya) जिले के सभी कार्यकर्ता चिराग पासवान के साथ हैं. हम उन्हें ही पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष मानते हैं. चिराग पासवान के नेतृत्व में ही पार्टी चलती रहेगी.
6 में से 5 सांसदों की बगावत
बता दें कि एलजेपी (LJP) के 6 में से 5 सांसदों ने पशुपति पारस के नेतृत्व में अलग गुट बना लिया है. सभी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात कर अपना पक्ष पेश कर दिया है. जिन लोगों ने बगावत की है, उनमें हाजीपुर से पशुपति पारस, वैशाली से वीणा देवी, नवादा से चंदन कुमार सिंह, समस्तीपुर से प्रिंस राज और खगड़िया से महबूब अली कैसर शामिल हैं. हालांकि इन्हें मनाने के लिए चिराग पासवान अपने चाचा पशुपति पारस से मिलने उनके आवास भी गए थे, लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई थी.
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पार्टी तोड़ी नहीं बल्कि बचाई है : पारस
वहीं, अब एलजेपी में बगावत के बाद पशुपति कुमार पारस ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि हमारी पार्टी में 6 सांसद हैं. 5 सांसदों की इच्छा थी कि पार्टी का अस्तित्व खत्म हो रहा है, ऐसे में नेतृत्व को परिवर्तित किया जाए.
इस दौरान उन्होंने कहा कि हम तीनों भाइयों में बहुत बनती थी लेकिन राम विलास के निधन के बाद मैं अकेला महसूस कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि हमने पार्टी तोड़ी नहीं बल्कि बचाई है.
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