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गया: यहां सरकारी कागजों में है ODF घोषित, 'गांव में काम के हैं सिर्फ15 शौचालय'

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Published : Nov 27, 2019, 12:15 PM IST

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ग्रामीणों ने बताया कि मुखिया के प्रतिनिधि ने बैंक ले जाकर 12 हजार रुपये का निकासी करवाया और सिर्फ 500 रुपये दे दिया. शौचालय जिस गुणवत्ता और मानक से बनाना चाहिए था. उसका कुछ भी पालन नहीं किया गया है.

गया: जिले के एक प्रखंड के सभी पंचायतों को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है. लेकिन वहां हकीकत कुछ और ही है. आज भी लोग यहां खेतों में जा रहे हैं. सरकार की दावे सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गई है. वहीं, शौचालय निर्माण में ग्रामीण अनियमितता का आरोप लगा रहे हैं.

जिला मुख्यालय से सटे मानपुर प्रखंड के सभी पंचायतों को ओडीएफ घोषित कर दिया गया. सरकार की रिपोर्ट के अनुसार सभी के पास शौचालय है. लेकिन अब भी यहां लोग खेत में जाते हैं. यहां बने शौचायल की स्थिति यह है कि लोगों ने कहीं स्टोर रूम तो कही इसे जानवर के चारा रखने का घर बना दिया है.

ग्रामीण और बीडीओ उदय कुमार का बयान

'15 शौचालय ही काम के होंगे'
इस पंचायत के सिकहर गांव के महादलित टोला के निवासी संजय मांझी ने बताया कि इस टोला में 200 परिवार के लोग रहते हैं. यहां सभी के घर शौचालय बनाया गया. लेकिन कोई शौचालय काम के लायक नहीं है. पूरे टोला में मुश्किल से 15 शौचालय ही काम के होंगे. मुखिया के प्रतिनिधि 12 हजार लिया लेकिन शौचालय को 5 से 6 हजार रुपये में बना कर तैयार कर दिया. कई शौचालय तो अभी ही टूट कर ध्वस्त हो गया. इस स्थिति में बाहर जाने को हम लोग मजबूर हैं.

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टूटा शौचायल

'काम में हुआ है भ्रष्टाचार'
वहीं, इस गांव के निवासी टिंकू बताते हैं कि सभी शौचालय कम लागत में बनाया है. हमलोग से अकाउंट लेकर 12 हजार रुपये का निकासी किया गया. मुखिया के प्रतिनिधि ने बैंक में ले जाकर 12 हजार रुपये का निकासी करवाया और सिर्फ 500 रुपये दे दिया. शौचालय जिस गुणवत्ता और मानक से बनाना चाहिए था, उसका कुछ भी पालन नहीं किया गया है.

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बीडीओ उदय कुमार

शिकायत पर होगी कार्रवाई
इस संबंध में ईटीवी भारत के संवाददाता को पंचायत के मुखिया ने कुछ भी जवाब स्पष्ट नहीं दिया. वहीं, बीडीओ उदय कुमार ने बताया कि मानपुर प्रखण्ड के 12 पंचायत में ओडीएफ घोषित कर दिया गया है. जहां भी 65 प्रतिशत से ज्यादा घरों में शौचालय बन जाता है, उसे ओडीएफ घोषित कर दिया जाता है. सिकहर गांव में अगर ओडीएफ में घोटाले को लेकर लिखित शिकायत मिलती है, तो कार्रवाई की जाएगी.

Intro:सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी बीते शुक्रवार को प्रेस वार्ता कर जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हैं जिला प्रशासन ओडीएफ के नाम पर खानापूर्ति और घोटाला कर रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी का इस आरोप का पड़ताल करने मानपुर प्रखंड के बारागंधार पंचायत का सिकहर गावँ के महादलित टोला में पड़ताल करने ईटीवी पहुचा। बिना कुछ कहे तस्वीर सब कुछ बयां कर रहा था शौचालय बना था पर सभी शौचालय भ्र्ष्टाचार के भेंट चढ़ गया। घोटाला का ऐसा सफेद कारनामा हुआ जो आप भी जानकर हैरान हो जाये गए।


Body:सरकार के मुखिया भ्र्ष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस का बात करते हैं लेकिन करप्शन करने वाला सुशासन के सरकार में सफेदपोश बनकर सफेद तरीके से करता है। ये बाते यू ही शब्दों में नही गढ़ा गया है , सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री का आरोप और ईटीवी के कैमेरा ने ओडीएफ के नाम पर किये गए घोटाला का हकीकत आपके सामने ला रहा है।

जिला मुख्यालय से सटे मानपुर प्रखंड के सभी पंचायतों को ओडीएफ घोषित कर दिया गया। कागजी दावा है सभी के पास शौचालय है और ये सभी पंचायत खुले में शौच मुक्त हो गया है। लेकिन जमींनी हकीकत ये है अभी भी लोग खेत मे हो शौच करने जाते हैं और शौचालय कही स्टोर रूम बन गया तो कही जानवर का चारा रखने का जगह बना दिया गया है।

ईटीवी मानपुर प्रखण्ड के सिकहर गांव के वार्ड नं 10 के महादलित टोला में ओडीएफ का सच जाने निकला। महादलित समाज का ये टोला मुखिया के दंबगई से डरा था कैमरा के सामने कुछ भी बोलने से बच रहा था इस टोला का कुछ नवयुवक ने आकर सारा सच्चाई सामने रखा।

ग्रामीण संजय मांझी ने बताया महादलित का ये टोला 200 परिवार का है। यहां सभी के घर शौचालय बनाया गया पर कोई शौचालय काम लायक नही है। मुश्किल से पूरे बस्ती में 15 शौचालय काम करता है बाकी सब ढांचा बना हुआ है। शौचालय बनाने के लिए हम लोग मुखिया के प्रतिनिधि 12 हजार लिया लेकिन शौचालय मुश्किल से 5 से 6 हजार के लागत से बनाया गया है। कई शौचालय तो टूटकर ध्वस्त होगया , कम गड्ढा और अच्छा से नही बंनाने के कारण कोई शौचालय कारगर नही है। मजबूरी बस हमलोग शौच के लिए खुले में जाते हैं।

ग्रामीण छोटू मांझी ने बताया शौचालय तो एक दिन में दर्जनों घर मे बन गया हमलोग भी खुश होंगे लेकिन मुखिया के आदमी द्वारा बनाया गया शौचालय का उपयोग एक दिन भी नही कर सके। शौचालय गन्दगी का एक स्थान बन गया , मुखिया के आदमी टिंकू ने सभी का शौचालय कम लागत में बनाया है और हमलोग से एकाउंट नंबर लेकर 12 हजार का निकासी किया है। मेरे पत्नी को बैंक में ले जाकर 12 हजार निकासी करवाया मेरे पत्नी के हाथ मे 500 से थामा दिया बाकी रुपया लेकर चला गया। शौचालय जिस गुणवत्ता और मानक से बनाना चाहिए था उसका कुछ पालन नही किया गया।

इस बाबत जब मुखिया से जानकारी लेने का प्रयास किया तो मुखिया भागते रहे उन्होंने कहा प्रखण्ड कार्यालय में है वहां जाने पर भी वो नही आये। इस घोटाला के बारे में जब जानकारी लेने प्रखण्ड विकास पदाधिकारी के पास गए तो मुखिया प्रकाश कुमार अपनी दंबगई दिखाते हुए बीडीओ के ऑफिस में घुस गए। इतना ही नही बीडीओ के सामने ईटीवी के संवददाता के पीछे खड़े रहे , ईटीवी के संवददाता ने ओडीएफ कितने पंचायत में हुआ है क्या इसके मानक है और सिकहर गांव में जो ओडीएफ के नाम पर महादलित से ठगी किया गया और घोटाला किया गया इन सवालों को पूछा।

उदय कुमार बीडीओ ने बताया मानपुर प्रखण्ड के 12 पंचायत में ओडीएफ घोषित कर दिया गया है। जहां 65 प्रतिशत से ज्यादा घरो में शौचालय बन जाता है वहा ओडीएफ घोषित कर दिया जाता है। जैसा आपने बताया सिकहर गांव में ओडीएफ के नाम घोटाला किया गया है लिखित आवेदन मिलेगा उस पर कारवाई करेगे। महादलित टोला में सामुहिक शौचालय बनाने का प्रस्ताव है जिनका शौचालय टूट गया उसका मरम्मत करवाया जाएगा जल्द ही उस टोला में सामुहिक शौचालय बनाया जाएगा।


Conclusion:ओडीएफ में करप्शन को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी बीते शुक्रवार को प्रेसवार्ता किये थे वो खबर अपने यहां लगा है इसी के संबंधित हैं उसे भी इसमें शामिल किया जाए।
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