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Black Potato: 300 रुपये किलो आलू, बिहार के किसान ने अमेरिका से मंगवाया था बीज, आखिर इसमें क्या है खास?

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 6, 2023, 2:45 PM IST

Updated : Nov 6, 2023, 11:08 PM IST

Black Potato Cultivation अब तक आपने लाल और उजला (सफेद) आलू ही देखा होगा, लेकिन क्या आपने काले आलू के बारे में सुना है, नहीं तो जल्द ही बाजार में आपको काला आलू भी मिलेगा. दरअसल, खेती-किसानी में नए-नए फसलों का रंग और रूप बदला जाने लगा है. ऐसे में बिहार के गया जिले के किसान काले आलू की खेती कर रहे है. काला आलू एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जो सेहद के लिए गुणकारी होते हैं.

बिहार के गया में काले आलू की खेती
बिहार के गया में काले आलू की खेती

काला आलू उपजाने वाले किसान

गया: बिहार के गया जिले के किसान आशीष कुमार ने काला आलू यानी ब्लैक पोटैटो की खेती शुरू की है. आशीष ने अमेरिका से काले आलू के बीज मंगवाएं और इसकी खेती शुरू की. ट्रायल सफल रहा, तो इस बार 2024 के नवंबर महीने में इन्होंने काला आलू की खेती को बढ़ावा दिया और इस बार कई कटठों में काले आलू की खेती लगानी शुरू कर दी है.

बिहार के गया में काले आलू की खेती : गया जिले के टिकारी प्रखंड क्षेत्र के गुलरियाचक गांव के किसान आशीष ने अपने साथ कई दूसरे प्रदेश के किसानों को भी जोड़ा हैं. मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र तक के किसानों को उनकी मांगों पर बीज भेजे हैं, ताकि वे भी अपने राज्यों में कल आलू की खेती कर सकें. काले आलू में एंथोसाइएनिन की मात्रा ज्यादा होती है. वही, शर्करा की मात्रा इसमें कम होती है. सेहद के लिए काला आलू फायदेमंद माना जाता है. काला आलू को बैगनी आलू भी कहा जाता है.

भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान की रिपोर्ट
भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान की रिपोर्ट

अमेरिका से मंगवाया बीज, ट्रायल सफल रहा : गया के किसान आशीष कुमार सिंह ने पहली दफा पिछले साल अमेरिका से काले आलू के बीज मंगाए थे. उन्होंने ट्रायल के तौर पर मात्र 14 किलो बीज मंगवा कर इसकी खेती लगाई थी. ट्रायल सफल रहा 1000 किलोग्राम से अधिक आलू का सफल उत्पादन कर लिया गया. इसके बाद अगले साल के लिए इन्होंने कोल्ड स्टोरेज में बीज सुरक्षित रख दिए थे.

इस आलू की कीमत जान रह जाएंगे हैरान : इस बार जब सीजन आया तो एक बार फिर से किसान आशीष कुमार सिंह ने काले आलू की खेती शुरू की है. इस बार खेती का रकवा काफी बढ़ा दिया है. कई कट्टों में काले आलू की फसल लगाई गई है. पिछली बार 14 किलोग्राम में इन्होंने तकरीबन हजार किलो काले आलू का उत्पादन किया था. यह काला आलू 200 से 300 किलो प्रति किलोग्राम के हिसाब से बाजारों में बेचे गए थे. आशीष बताते हैं कि कभी-कभी तो इसका भाव 500 रुपये प्रति किलो तक पहुंच जाता हैं.

ईटीवी भारत GFX.
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अमेरिका के बाजार में 3-4 डालर प्रति किलो : बीज मंगवाने में करीब 15 सौ रुपए खर्च हुए थे, पर आमद काफी ज्यादा रही थी. अमेरिका के बाजार में काले आलू की बीज की कीमत करीब तीन से 4 डलर प्रति किलो है. इस बार वर्ष 2023 में भी इन्होंने काले आलू की फसल लगाने की ठानी और इस वर्ष नवंबर महीने में इन्होंने काले आलू की फसल लगाने की शुरुआत कर दी है. ब्लैक पोटैटो यानी काला आलू को बैगनी आलू भी कहा जाता है.

सफेद-लाल आलू से काफी बेहतर है काला आलू : किसान आशीष कुमार सिंह बताते हैं कि इन्होंने इस बार टिकारी के गुलरिया चक में काले आलू की खेती लगाई है. खेती लगाने का काम जारी है. इसकी शुरुआत कर दी गई है. लाल आलू और सफेद आलू की तुलना में काला आलू स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से बेहतर है. सबसे बड़ी बात यह है कि काले आलू में एंथोसाइएनिन काफी मात्रा में पाए जाते हैं. वहीं दूसरी ओर शर्करा कम पाया जाता है.

''काले आलू में शर्करा की मात्रा 77 है, लेकिन लाल आलू में शर्करा की मात्रा जीआई 83 है. वही, सफेद आलू में यह मात्रा काफी ज्यादा 93 है. हालांकि 70 जीआई से ऊपर को उच्च माना जाता है, लेकिन फिर भी काले आलू में मात्र 77 जीआई है, तो इस पैरामीटर में काला आलू बेहतर है.'' - आशीष कुमार सिंह, किसान

सेहत के लिए फायदेमंद काला आलू : एक्सपर्ट की माने तो काला आलू सेहत के लिए रामबाण है. वैसे तो मधुमेह (डायबिटीज) के मरीजों के लिए सफेद आलू नुकसानदायक है, लेकिन काला आलू उनके लिए कम नुकसान करता है. काले आलू में फ्लोरिक एसिड और ऑक्सीडेंट पाया जाता है, जो लीवर, फेफड़ा, कैंसर और हृदय रोग के लिए फायदेमंद है. साथ ही जिन मरीजों में खून की कमी होती है, उनके लिए भी यह रामबाण का काम करता है.

देश में कुछ ही जगहों पर काले आलू की खेती : गया के किसान आशीष कुमार सिंह का किसानों के साथ अच्छा नेटवर्क है. देश भर के किसानों से भी जुड़े रहते हैं. यही वजह है, कि उन्होंने नेटवर्क से ही काले आलू की खेती का आईडिया लिया था और फिर उसके बीज अमेरिका से बीच मंगाकर इसकी खेती ट्रायल के तौर पर शुरू की थी. इस बार कई कट्ठा में यह खेती लगा रहे हैं. सबसे बड़ी बात है कि देश में गिने-चुने स्थान पर ही काले आलू की खेती होती है.

महाराष्ट्र तक भेजा बीज : किसान आशीष के संपर्क में रहे मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र तक के किसानों को उन्होंने मांग पर काले आलू के बीज भेजे है, इसे कैसे लगाना है, यह भी बताया है. आशीष का कहना है कि काले आलू की खेती भी सफेद और लाल आलू की खेती की तरह ही होती है. इसमें कोई ज्यादा अलग से मेहनत करनी नहीं पड़ती है. दूसरे राज्यों के किसानों को उन्होंने 150 से 200 रुपए किलो काले आलू की बीज दिए हैं.

''अगले साल से पूरी संभावना है, कि काला आलू मार्केट में छा जाएगा. बिहार में सैकड़ो किसान इसके बीज की डिमांड कर रहे हैं और इसका उत्पादन करने की तैयारी हैं. बीज की मात्रा बढ़ाने के साथ ही वे इसका वितरण भी किया जा रहा हैं. अब काले आलू की खेती बिहार में कई स्थानों पर शुरू होगी.'' - आशीष कुमार सिंह, किसान

दक्षिण अमेरिका की खेती मानी जाती है काला आलू : काले आलू की खेती मुख्य तौर पर दक्षिण अमेरिका की खेती मानी जाती है. पहली बार आशीष ने अमेरिका से ही इसके बीज मंगाए थे और इसकी खेती का ट्रायल शुरू किया था. लेकिन अब वे व्यापक पैमाने पर इसकी खेती की तैयारी में जुटे हुए हैं. इस तरह से काले आलू की खेती को बढ़ावा देकर किसान आशीष कुमार न सिर्फ खुद की आमदनी को बढ़ा रहे हैं, बल्कि इसकी गुणवत्ता को देखते हुए अन्य किसान भी इसकी खेती करने की तैयारी में जुट गए हैं.

मणिपुर से काले चावल के बीज मंगवाए : वहीं, किसान आशीष कुमार सिंह बताते हैं, कि वह काले आलू के अलावा काले चावल की भी उपज करते हैं. काले चावल के बीज उन्होंने मणिपुर से मंगवाए थे. इसकी खपत अब ज्यादा है, इसकी डिमांड हैदराबाद तक से आ रही है, लेकिन भाव नहीं मिल रहा है, जिसके कारण इसकी बड़े पैमाने पर खेती नहीं कर रहे हैं. काला चावल शुगर फ्री है और डेढ़ सौ से दो सौ रुपए प्रति किलो के दर से बेचा जाता है.

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Last Updated : Nov 6, 2023, 11:08 PM IST
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