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गया: बाबा कोटेश्वर नाथ मंदिर में दर्शन से पूरी होती हैं मनोकामनाएं, सावन में जुटती है भारी भीड़

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Published : Aug 12, 2019, 8:01 PM IST

बाबा कोटेश्वर नाथ मंदिर का गर्भ गृह लाल पत्थर के टुकड़े में बनी हुई है. सावन महीने में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी रहती है.

बाबा कोटेश्वर नाथ धाम मंदिर

गया: सावन के महीने में बाबा कोटेश्वर नाथ धाम मंदिर भक्तों से भरी रहती है. इस धाम की मान्यता है कि यहां जो भी दर्शनार्थी दर्शन के लिए आते है. उनकी मनोकामनाएं पूरी होती है.

गया-जहानाबाद जिला के सीमावर्ती क्षेत्र में बाबा कोटेश्वर नाथ धाम मंदिर अपने प्राचीन होने के कारण काफी प्रसिद्ध है. इस धाम का गर्भ गृह लाल पत्थर के टुकड़े में बनी हुई है. इस महीने में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी रहती है. इस धाम पर दूर-दूर जगहों से लोग मंदिर की संरचना को देखने आते है.
मंदिर का है पुराना इतिहास

बाबा कोटेश्वर नाथ धाम मंदिर
दन्त कथा के अनुसार वाणासुर की बेटी उषा श्री कृष्ण के पोते से प्रेम करती थी. लेकिन वाणासुर श्री कृष्ण को दुश्मन मानता था. फिर उषा ने भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र अनिरुद्ध को पाने के लिए इस मंदिर का निर्माण कराया था. फिर श्री कृष्ण के पोते अनिरूद्ध से उषा की शादी भी हुई. उसके बाद से यहां पूजा करने की परंपरा शुरू हुई.स्थानीय लोगों ने बताया वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि भगवान शिव का यह मंदिर काफी पुराना है. जो लोग भी यहां पूजा करने आते हैं. उनकी प्रत्येक मनोकामना पूरी होती है. सावन के महीने में यहां पूजा पाठ करने का विशेष महत्व है. सावन के महीने में भक्त बहुत आते हैं. भगवान शिव की आराधना करते हैं. भगवान शिव भी भक्तों को सुख, समृद्धि और शांति प्रदान करते हैं.
Intro:सावन के महीने में बाबा कोटेश्वर नाथ धाम मंदिर में पूजा करने से होती है मनोकामना पूरी,
गया सहित कई जिलों से पूजा करने आते हैं शिव भक्त,
द्वापर युग में वाणासुर की पुत्री उषा ने कराया था मंदिर का निर्माण,
गया-जहानाबाद जिला के सीमावर्ती क्षेत्र मेन गांव में अवस्थित है बाबा कोटेश्वर नाथ धाम का मंदिर।


Body:गया: वैसे तो गया शहर में भगवान शिव के कई मंदिर हैं। लेकिन गया-जहानाबाद जिला के सीमा पर मेन गांव में अवस्थित है बाबा कोटेश्वर नाथ धाम का मंदिर। जहां दूर-दूर से भक्त बाबा का जलाभिषेक करने आते हैं और बाबा भी भक्तों की हर मनोकामना को पूरा करते हैं।
मंदिर के पुजारी अजीत तिवारी के अनुसार कोटेश्वर नाथ धाम का मंदिर द्वापर युग का बना हुआ है। उस समय गया क्षेत्र में वाणासुर राक्षस का साम्राज्य था। वाणासुर की पुत्री उषा ने भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र अनिरुद्ध को पाने के लिए इस मंदिर का निर्माण कराया था और उसे प्राप्ति भी हुई थी। जिसके बाद से यहां पूजा करने की परंपरा शुरू हो गई। पुजारी ने बताया कि सावन के महीने में गया, औरंगाबाद, पटना, जहानाबाद, नवादा, अरवल सहित कई जिलों से भक्त यहां आते हैं और विशेष रूप से पूजा-अर्चना करते हैं। मंदिर के गर्भगृह में भगवान शिव का शिवलिंग स्थापित है। जहां शिवभक्त जलाभिषेक एवं पूजा-पाठ करते हैं और उनकी मनोकामना बाबा कोटेश्वर नाथ पूरी करते हैं।
वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि भगवान शिव का यह मंदिर काफी पुराना है। जो लोग भी यहां पूजा करने आते हैं। उनकी प्रत्येक मनोकामना पूरी होती है। सावन के महीने में यहां पूजा पाठ करने का विशेष महत्व है। सावन के महीने में महिला-पुरुष, बच्चे, बूढ़े दूर-दूर से यहां आते हैं और भगवान शिव की आराधना करते हैं। भगवान शिव भी भक्तों को सुख, समृद्धि और शांति प्रदान करते हैं।

बाइट- विनोद कुमार सिंह, स्थानीय निवासी ।
बाइट- राहुल कुमार, स्थानीय निवासी ।
बाइट- अजीत तिवारी, मंदिर के पुजारी।

रिपोर्ट- प्रदीप कुमार सिंह
गया


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