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बौद्ध भिक्षुओं ने केक काटकर मनाया दलाई लामा का जन्मदिन, किया लंबी उम्र की कामना

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Published : Jul 6, 2020, 1:46 PM IST

14 वें दलाई लामा का जन्म 6 जुलाई 1935 को हुआ था. बचपन से ही उन्हें घर के बाहर निकलने की ज्यादा इजाजत नहीं थी. उनका जीवन साधारण बच्चों से अलग था. बचपन से वे तिब्बतियों की परेशानियों को समझने लगे थे और इसके खिलाफ आवाज भी उठाते थे.

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गयाः ज्ञान व मोक्ष की भूमि बोधगया में सोमवार को बौद्ध धर्मगुरु 14 वें दलाई लामा तेनजिंग ग्यात्सो का 85 वां जन्मदिन मनाया गया. इस मौके पर तिब्बती मंदिर में बौद्ध भिक्षुओं ने केक काटा और गर्भगृह में विशेष पूजा अर्चना की. साथ ही उनकी लंबी उम्र की कामना के लिये बौद्ध भिक्षुओं ने बौद्धिक मंत्रोच्चार और सुतपाठ भी किया.

लंबी उम्र की कामना
दलाई लामा के तस्वीर पर बौद्ध मठों से आए बौद्ध लामा और भिक्षुओं ने खादा चढ़ाया. तिब्बती मंदिर के सदस्य तेनजिंग कंग्यु ने बताया कि आज बौद्ध धर्म गुरु 14 वें दलाई लामा के जन्मदिन के अवसर पर हमने पूजा करके उनकी लंबी उम्र की कामना की.

बौद्ध भिक्षुओं ने मनाया दलाई लामा का जन्मदिन

टी पार्टी के साथ समारोह का समापन
तेनजिंग कंग्यु ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए ज्यादा भीड़ इकट्ठी नहीं करनी थी. उन्होंने बताया कि इसी वजह से हमने एक छोटी सी टी पार्टी के साथ समारोह का समापन कर दिया.

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बौद्धिक मंत्रोच्चार और सुतपाठ

साधारण बच्चों से अलग था दलाई लामा का जीवन
बता दें कि 14 वें दलाई लामा का जन्म 6 जुलाई 1935 को हुआ था. बचपन से ही उन्हें घर के बाहर निकलने की ज्यादा इजाजत नहीं थी. उनका जीवन साधारण बच्चों से अलग था. बचपन से वे तिब्बतियों की परेशानियों को समझने लगे थे और इसके खिलाफ आवाज भी उठाते थे.

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केक काटते बौद्ध भिक्षु

मिल चुका है नोबल पुरस्कार
दलाई लामा ने दुनिया को ज्ञान और प्रकाश से भर दिया. उन्होंने शांति और भाईचारे का संदेश देने के लिए कई किताबें भी लिखी हैं. बौद्ध धर्मगुरु को दुनिया में शांति का संदेश देने के लिए नोबल पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है.

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