ETV Bharat / state

Governor In Gaya: राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर बोधगया दौरे पर, चीवरदान समारोह में होंगे शरीक

author img

By

Published : May 16, 2023, 10:42 AM IST

बिहार राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर आज बोधगया दौरे पर हैं. चीवरदान समेत विभिन्न कार्यक्रमों में वह शिरकत करेंगे. उनके साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार भी होंगे.

राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर

गया: आज गया के बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर में चीवरदान समारोह का आयोजन किया जा रहा है. राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हैं. वह बोधगया महाबोधि मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना करेंगे. इसके बाद बोधगया महाबोधि मंदिर में आयोजित चीवरदान समारोह में शामिल होगें. करीब 300 बौद्ध भिक्षुओं के बीच चीवरदान किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: Gaya News: राज्यपाल ने विष्णुपद में पूर्वजों का किया पिंडदान, काशी की तर्ज पर कॉरिडोर बनाने की मांग

शंकराचार्य मठ भी जाएंगे राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर: इसके अलावे राज्यपाल पौराणिक शंकराचार्य मठ में भी जाएंगे. वहां संघदान कार्यक्रम में शामिल होंगे. चीवरदान कार्यक्रम के बाद पौराणिक ऐतिहासिक लाइब्रेरी का भी अवलोकन करेंगे. सुबह से लेकर संध्या तक के अलग-अलग कार्यक्रमों में वह शामिल होंगे.

आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक भी साथ होंगे: बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश भी रहेंगे. कई जगहों पर आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक साथ-साथ शिरकत करेंगे. पौराणिक शंकराचार्य मठ में राज्यपाल प्राचीन मूर्तियों समेत प्राचीन पुस्तकालय का भी अवलोकन करेंगे.

300 बौद्ध भिक्षुओं के बीच चीवरदान: बोधगया महाबोधि मंदिर में चीवरदान कार्यक्रम आयोजित है. करीब 300 बौद्ध भिक्षुओं के बीच चीवरदान किया जाएगा. वहीं राज्यपाल के कार्यक्रम को लेकर पर्याप्त व्यवस्था की गई है. सुरक्षा को लेकर जगह-जगह पर बलों की तैनाती रखी गई है.

क्या होता है चीवरदान?: दरअसल थेरवाद पंथ के मानने वाले बौद्ध भिक्षुओं और श्रद्धालुओं के बीच चीवरदान का विशेष महत्व है. यह बुद्धकालीन परंपरा है. कहा जाता है कि जब बारिश के दिनों में बौद्ध भिक्षु एक ही जगह पर निवास कर तीन महीने का समय ध्यान-साधना और पूजा-अर्चना में लगाते हैं, तब 3 माह के बाद श्रद्धालुओं के द्वारा दान दिया जाता है. इसे ही चावरदान कहते हैं. यह समारोह बोधगया में एक महीने तक चलता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.