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दरभंगा: प्रशासन की लापरवाही से मरीजों को नहीं मिल पा रहा ICU का लाभ

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Published : Dec 10, 2019, 10:41 AM IST

31 दिसंबर 2015 को तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने पूरे तामझाम के साथ इसका उद्घाटन किया था. इसके बाद कुछ दिनों तक कक्ष का लाभ मरीजों को मिलता रहा. लेकिन कुछ महीनों के बाद यह कक्ष सरकारी तंत्र की कुव्यवस्था का शिकार बनकर बेहाल हो गया.

condition of DMCH
प्रशासन की लापरवाही की वजह से मरीजों को नहीं मिल पा रहा ICU का लाभ

दरभंगा: उत्तर बिहार का सबसे बड़ा चिकित्सा संस्थान डीएमसीएच का गायनिक वार्ड का आईसीयू कक्ष बदहाल है. बदहाली का आलम यह है कि आईसीयू कक्ष के मॉनिटर, एसी के साथ ही जनउपयोगी मशीनें खराब पड़ी हैं. जिसकी वजह से अन्य जिले सहित पड़ोसी राष्ट्र नेपाल से यहां गंभीर अवस्था में पहुंचने वाली महिला मरीजों को काफी परेशानी होती है. वहीं आईसीयू कक्ष में लगा एसी महीनों से खराब पड़ा हुआ है और आईसीयू ऑक्सीजन पाइप नहीं होने के कारण प्लास्टिक पाइप के सहारे या फिर ऑक्सीजन सिलेन्डर के माध्यम से ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाती है.


जीतन राम मांझी ने किया था उद्घाटन
दरअसल 31 दिसंबर 2015 को तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने पूरे तामझाम के साथ इसका उद्घाटन किया था. इसके बाद कुछ दिनों तक कक्ष का लाभ मरीजों को मिलता रहा. लेकिन कुछ महीनों के बाद यह कक्ष सरकारी तंत्र की कुव्यवस्था का शिकार बनकर बेहाल हो गया. क्योंकि आधुनिक मशीन लगने के बाद भी तकनीकी विशेषज्ञ के अभाव में कई मशीनें बिना काम के शोभा बढ़ा रही है. बताया जाता है कि इन मशीनों को सुचारू रूप से चलाने के लिए किसी भी टेक्नीशियन की बहाली नहीं की गई. जरूरत पड़ने पर इन मशीनों का संचालन जानकारी के अभाव के बाद भी किसी तरह चतुर्थवर्गीय कर्मी करते हैं.

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डीएमसीएच का गायनिक वार्ड


मरीजों को होती है परेशानी
वहीं आईसीयू की डॉ. अपूर्वा ने कहा कि यहां की स्थिति अच्छी नहीं है. यहां पर मरीजों की देखभाल के लिए नर्स और डॉक्टर है. लेकिन आईसीयू में जिस प्रकार की व्यवस्था होनी चाहिए, उसकी घोर कमी है. उन्होंने बताया कि यहां के आईसीयू में हाइजीन बिल्कुल नहीं है. पानी की समुचित व्यवस्था नहीं होने के साथ ही वाशरूम भी नहीं है. व्यवस्था नहीं होने की वजह से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

जानकारी देतीं डॉक्टर

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क्या कहते हैं अधिकारी
अस्पताल अधीक्षक डॉ. राज रंजन प्रसाद ने कहा कि गायनिक विभाग के आईसीयू में सामानों की बहुत कमी है. जिसकी वजह से वहां पर कार्यरत कर्मियों को काफी परेशानी होती है. उन्होंने कहा कि इसके लिए टेंडर दिया गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि इसके अलावा जो वहां पर कमी है, उसका लिस्ट हमलोगों ने लिया है. जिसमें से कुछ सामान आ गया है और वहां पर लग रहा है. सब लग जाने के बाद गायनिक विभाग के आईसीयू में काफी सुधार होगा. बहरहाल सरकार ने बेहतर चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डीएमसीएच में आईसीयू की शुरुआत की थी. लेकिन अस्पताल प्रशासन की लापरवाही की वजह से मरीजों को इसका लाभ पूर्ण रूप से नहीं मिल पा रहा है.

Intro:उत्तर बिहार का सबसे बड़ा चिकित्सा संस्थान डीएमसीएच का गायनिक वार्ड का ICU कक्ष बदहाल है। बदहाली का आलम यह है कि ICU कक्ष के मॉनिटर, एसी के साथ ही जनउपयोगी मशीनें आदि खराब पड़े हैं। जिसके चलते आस-पड़ोस जिले सहित पड़ोसी राष्ट्र नेपाल से यहां गंभीर अवस्था में पहुंचने वाली महिला मरीजों को काफी परेशानी होती है। वही ICU कक्ष में लगा एसी महीनों से खराब पड़ा हुआ है तथा ICU ऑक्सीजन पाइप नही होने के कारण प्लास्टिक पाइप के सहारे या फिर ऑक्सीजन सिलेन्डर के मध्यम से ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाती है।


Body:दरअसल 31 दिसंबर 2015 को तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने पूरे तामझाम के साथ इसका उद्घाटन किया था। इसके बाद कुछ दिनों तक कक्ष का लाभ मरीजों को मिलता रहा, लेकिन कुछ महीनों के बाद यह कक्ष सरकारी तंत्र की कुव्यवस्था का शिकार बनकर बेहाल हो गया। क्योंकि आधुनिक मशीन लगने के बाद भी तकनीकी विशेषज्ञ के अभाव में कई मशीनें बिना काम के शोभा बढ़ा रही है। बताया जाता है कि इन मशीनों को सुचारू रूप से चलाने के लिए किसी भी टेक्नीशियन की बहाली नहीं की गई। जरूरत पड़ने पर इन मशीनों का संचालन जानकारी के अभाव के बाद भी किसी तरह चतुर्थवर्गीय कर्मी करते हैं।

वही ICU की डॉ अपूर्वा ने कहा कि यहां की स्थिति अच्छी नहीं है। ICU में मॉनिटर वगैरह की घोर कमी है। यहां पर मरीजों की देखभाल के लिए नर्स और डॉक्टर है। लेकिन आईसीयू में जिस प्रकार की व्यवस्था होनी चाहिए उसकी घोर कमी है। यहां का ICU हाइजीन बिल्कुल नहीं है, पानी की समुचित व्यवस्था नहीं होने के साथ ही ढंग का वासरूम भी नहीं है। वहीं उन्होंने कहा कि किसी प्रकार की ठोस व्यवस्था नहीं होने के चलते मरीज के परिजन के साथ ही चूहा का आना जाना लगा रहता है। जिससे इलाज करने के वक्त काफी परेशानी होती है।


Conclusion:वही अस्पताल अधीक्षक डॉ राज रंजन प्रसाद ने कहा कि गायनिक विभाग के ICU में वास्तव में सामानों की बहुत कमी है।जिसके कारण वहां पर कार्यरत कर्मियों को काफी दिक्कते होती है। जिसकी मरमती के लिए हमलोगों ने टेंडर किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि इसके अलावा जो वहां पर कमी है, उसका लिस्ट हमलोगों ने लिया है। जिसमें से कुछ सामान आ गया है, जो वहां पर लग रहा है और कुछ सामान अभी बांकी है। ये सब लग जाने से गायनिक विभाग के ICU में काफी सुधार होगा।

गौरतलब है कि सरकार ने बेहतर चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डीएमसीएच में ICU की शुरुआत की थी। लेकिन अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के चलते, किसी भी मरीजो का इलाज कोई लाभ पूर्ण रूप से नहीं मिल पा रहा है।


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डॉ अपूर्वा, ICU डॉक्टर
डॉ राज रंजन प्रसाद, अस्पताल अधीक्षक
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