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भगवान राम की कर्म भूमि बक्सर में हो रही राम से जुड़े स्थलों की उपेक्षा, सरकार नहीं दे रही ध्यान

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Published : Sep 3, 2020, 7:35 PM IST

राम के नाम पर राजनीति करने वाले राजनीतिक पार्टी के नेता बक्सर में राम से जुड़े धार्मिक स्थलों की उपेक्षा करते नजर आ रहे हैं. आश्वासन के बाद भी यहां अब तक सड़क नहीं बन पाई है.

बक्सर
बक्सर

बक्सर: जिला मुख्यालय से 2 किलोमीटर दूर औद्योगिक थाना क्षेत्र के अहिरौली गांव आज भी विकास से कोसों दूर है. उत्तरायणी गंगा नदी के तट पर बसा इस गांव का धार्मिक गर्न्थो में भी कई बार चर्चा की गई है. कहा जाता है कि त्रेता युग में गौतम ऋषि इसी गांव में गंगा नदी के तट पर आश्रम बनाकर रहते थे. जिनके श्राप से उनकी पत्नी अहिल्या पत्थर हो गई थी.

ऐसा कहा जाता है कि उद्धारप्राचीन काल में व्याघ्रसर के नाम से प्रसिद्ध बक्सर में जब ताड़का, सुबाहु, मारीच आदि राक्षसों का अत्याचार बढ़ गया, तब ऋषि विश्वामित्र अयोध्या पहुंचकर राम और लक्ष्मण को लेकर बक्सर आए. जंहा भगवान राम ने सभी राक्षसों का वध कर इस धार्मिक नगरी को राक्षस विहीन कर दिया.

विश्वामित्र मार्ग
विश्वामित्र मार्ग

अगहन मास में आते हैं श्रद्धालु
वहीं ताड़का राक्षस के वध के बाद नारी हत्या दोष से मुक्ति पाने के लिए भगवान राम ने ऋषि मुनियों के साथ पांच कोस का पैदल यात्रा किया. इस दौरान यात्रा के पहले पड़ाव में वह अहिल्या आश्रम पहुंचकर उनका उद्धार किया. उस समय से लेकर आज भी अगहन मास में प्रत्येक साल लाखों श्रद्धालु यंहा आते हैं.

प्रत्येक घर में 1 दिन बनता है पूड़ी-ठेकुआ
कहा जाता है कि पंचकोशी यात्रा के दौरान अपने पहले पड़ाव में अहिरौली गांव में पहुंचकर भाग राम ने पूड़ी और ठेकुआ खाया था. उसी समय से अगहन मास में एक दिन गरीब और अमीर सभी के घर मे यह पकवान बनता है. साथ ही यहां आने वाले क्षद्धालु भी रात भर विश्राम कर यह पकवान बनाते हैं और गंगा स्नान कर अगले पड़ाव की ओर बढ़ते है.

बाढ़ में डूब गया इलाका
बाढ़ में डूब गया इलाका

समस्या का है अम्बार
जिला मुख्यालय से सटा यह गांव आज भी विकास से कोसों दूर है. इस गांव के सड़कों की हलात ऐसी है कि 1 किलोमीटर की दूरी तय कर गांव से बाहर निकलने में घंटो समय बीत जाता है. सांसद और विधायक के आश्वासन के बाद भी ना तो सड़क बना और ना ही सात निश्चय योजना के तहत कोई विकास का काम हुआ है. जिससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश है.

'जनप्रतिनिधि देते हैं धमकी'
स्थानीय लोगों ने बताया कि सात निश्चय योजना के तहत जब नालियों का निर्माण करने के लिए स्थानीय पंचायत के मुखिया या वार्ड पार्षद से ग्रामीण शिकायत करते हैं. तब उन्हें हरिजन एक्ट में फंसाने की धमकी देकर चुप करा दिया जाता है. इसके अलाव कई बार डीएम से भी गुहार लगाया गया कि विदेशी पर्यटक यहां आते हैं, काफी निंदा हो रही है. उसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई.

बाढ़ में डूब गया इलाका
बाढ़ में डूब गया इलाका

विधायक मुन्ना तिवारी ने दी जानकारी
स्थानीय विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने फोन पर जानकारी देते हुए कहा कि रामायण सर्किट से जोड़कर उस गांव का विकास करने की घोषणा कई बार मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने किया. लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ. उन्होंने फोन पर कहा कि मैं मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना की राशि से जल्द ही उस गांव में पक्की सड़क का निर्माण कराने की कोशिश करूंगा.

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