ETV Bharat / state

जहरीली शराब से मौत का सिलसिला जारी, औरंगाबाद में मरने वालों की संख्या बढ़कर हुई 13

author img

By

Published : May 26, 2022, 12:01 PM IST

बिहार में जहरीली शराब से मौतों (Hooch Tragedy in bihar) का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. बीते 4 दिनों के अंदर तीन जिलों में अब तक 15 लोग जहरीली शराब पीकर अपनी जान गंवा चुके हैं. शराबबंदी की सख्ती के बावजूद लोगों की जहरीली शराब से मौत से हड़कंप मच गया है. पढ़ें पूरी खबर...

औरंगाबाद में जहरीली शराब से 13 मौत
औरंगाबाद में जहरीली शराब से 13 मौत

पटना/औरगंबाद: बिहार में जहरीली शराब (Spurious liquor in Bihar ) पीने से मौत का सिलसिला जारी है. बिहार के औरंगाबाद जिले में जहरीली शराब की संदिग्ध घटना में मरने वालों की संख्या 13 ( 13 died due to Spurious liquor in Aurangabad ) हो गई है. वहीं, कई अन्य अस्पतालों में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं. बताया जाता है कि सभी लोग आमस थाने के पथरा गांव में एक शादी समारोह में शामिल होने गए थे, जहां उन्होंने कथित तौर पर देसी शराब का सेवन किया था. अधिकांश पीड़ितों ने उल्टी, पेट दर्द और कम दृश्यता की शिकायत की. एक तरफ परिजन जहां शराब पीने से मौत की बात कबूल रहे हैं, तो वहीं मौतों के बाद पुलिस प्रशासन ने अवैध शराब के खिलाफ अभियान चलाया है और ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू की है.

ये भी पढ़ें: बिहार में थम नहीं रहा जहरीली शराब से मौत का सिलसिला, 3 दिन में 8 ने गंवाई जान

औरंगाबाद में जहरीली शराब से 13 मौत : औरंगाबाद में कथित जहरीली शराब से मंगलवार को तीन लोगों की हुई मौत के मामले (Aurangabad spurios liquor death) में एक सब इंस्पेक्टर और स्थानीय चौकीदार को निलंबित कर दिया गया है. इसके बाद आंकड़ा 13 तक पहुंच गया. मदनपुर प्रखंड के खिरियावां गांव में 24 घंटे के भीतर 7 लोगों की मौत हो गई. इनमें तीन लोगों की जहरीली शराब से मौत होने की पुष्टि खुद जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने की है. मृतकों की पहचान खिरियावा के पूर्व सरपंच विनोद पाल (55), सोनवा कुंवर (60), कामेश्वर कुमार (35), शिव साव, शंभू ठाकुर, अनिल शर्मा, विनय कुमार गुप्ता (30), मनोज यादव (65), रवींद्र के रूप में हुई है। सिंह और 4 अन्य। जबकि तीन अन्य, धनंजय चौधरी, मोहम्मद नेजाम और सुबोध सिंह की हालत गंभीर बताई जा रही है और उन्हें गया जिले के शेरघाटी के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

''मंगलवार को औरंगाबाद जिले में जहरीली शराब पीने की वजह से दो लोगों की मौत हो गई. इस मामले में 70 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिए 10 टीमों को लगाया गया है. शुरुआती जांच में इस बात की जानकारी मिली है कि जहरीली शराब को पड़ोसी राज्य झारखंड से लाया गया था. मामले में आगे की जांच की जा रही है.'' - सौरभ जोरवाल, जिलाधिकारी, औरंगाबाद

औरंगाबाद जहरीली शराबकांड पर क्या बोले मंत्री : इस बीच, औरंगाबाद में जहरीली शराब से मौत को लेकर मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार (Prohibition Minister Sunil Kumar) ने कहा कि वहां के पुलिस पदाधिकारियों से बात हुई है. पहले तीन और बाद में 2 यानी कुल 5 लोगों की संदिग्ध मौत हुई है. मामले को लेकर अब तक 11 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनसे पूछताछ चल रही है. सुनील कुमार ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हम लोग इंतजार कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें : औरंगाबाद जहरीली शराबकांड पर मंत्री बोले- 'अब तक 11 की हुई गिरफ्तारी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार'

''पुलिस पदाधिकारियों से भी औरंगाबाद में बात हुई. अभी तक वहां पर 5 लोगों की मौत की खबर आई है. इस केस में अब तक जैसा कि हमें पता चला है कि 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनसे पूछताछ जारी है. जो भी संदिग्ध मौतें हुई हैं हम उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं, जो कि फुलप्रुफ एविडेंस होगा. जो कि ये बताएगा कि मौत किस वजह से हुई है. पिछली जो लगातार कार्रवाई हुई हैं उनमें औरंगाबाद में करीब 60 से ज्यादा लोग पकड़े गए हैं, जो इस कारोबार से जुड़े हुए हैं.'' - सुनील कुमार मंत्री, मद्य निषेध विभाग

गया में जहरीली शराब से 4 की मौत : बिहार के गया में आमस के पथरा गांव में जहरीली शराब से हुई मौतों की संख्या बढ़कर चार (Dead due to poisonous liquor in Gaya) हो गई है. चौथे मृतक का नाम कैलाश यादव बताया जाता है. आधा दर्जन लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है. इस बीच, परिवार का कहना है कि सभी ने सोमवार शाम शराब पी थी, जिसके बाद सभी की तबीयत बिगड़ने लगी. सोमवार रात दो लोगों की मौत हो गई. कुछ लोगों को मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया गया है, और कुछ लोगों को आमस के ही सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया हैं.

ये भी पढ़ें: गया में 4 लोगों की संदिग्ध परिस्थिति में मौत, परिजन बोले- 'शराब पी थी'

मधेपुरा में जहरीली शराब से जीजा साले की मौत : मधेपुरा जिले के चौसा थाना क्षेत्र के घोषई में जहरीली शराब पीने (Dead due to poisonous liquor in Madhepura) से एक परिवार में साला-बहनोई की मौत हो गई. घटना रविवार की है. बताया जाता है कि रविवार की रात सुबोध झा के घर में हुई पार्टी में सरहसा निवासी दामाद आलोक झा ने साला के साथ जहरीली शराब पी थी. इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई. जिसके बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौसा ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. जबकि, शराब पीने के बाद बीमार सुबोध झा के पुत्र अभिनव कुमार उर्फ गोलू की मौत सोमवार को इलाज के दौरान हुई. वहीं एक की स्थिति नाजुक है.

ये भी पढ़ें: मधेपुरा में जीजा-साले की मौत, जहरीली शराब पीने की आशंका

बिहार में 2016 से शराबबंदी : बता दें कि बिहार सरकार ने 2016 में शराबबंदी कानून (Bihar Liquor Ban) लागू किया गया था। कानून के तहत शराब की बिक्री, पीने और बनाने पर प्रतिबंध है. शुरुआत में इस कानून के तहत संपत्ति कुर्क करने और उम्र कैद की सजा तक का प्रावधान था, लेकिन 2018 में संशोधन के बाद सजा में थोड़ी छूट दी गई थी. बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक मद्य निषेध कानून उल्लंघन से जुड़े करीब 3 लाख से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं.

अब जुर्माना देकर छूट जाएंगे शराबी : हालांकि, 6 साल बाद शराबबंदी कानून में बड़ा बदलाव (Changes In The Prohibition Law) किया गया है. जिसके बाद यदि को व्यक्ति पहली बार शराब पीते पकड़ा जाता है तो उसे जुर्माना लेकर छोड़ दिया जाएगा. लेकिन बार-बार पकड़ें जाने पर जेल और जुर्माना दोनों की सजा हो सकती है. पहली बार शराब पीते हुए पकड़े जाने वालों को कार्यकारी मजिस्ट्रेट के निर्णय के अनुसार 2,000 रुपये से 5,000 रुपये के बीच जुर्माना लेकर रिहा किया जाएगा. यदि पहली बार अपराध करने वाला व्यक्ति जुर्माना अदा करने में विफल रहता है तो उसे एक माह की कैद हो सकती है. अगर आप दूसरी बार शराब पीते पकड़े गए तो अनिवार्य रूप से एक वर्ष की जेल की सजा का प्रावधान किया गया है.

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को लगाई थी फटकार : दरअसल, पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर नीतीश सरकार को फटकार भी लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने अदालतों में शराब के मामलों, विशेष रूप से जमानत से संबंधित मामलों को लेकर राज्य को फटकार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से सवाल पूछा कि क्‍या शराबबंदी लागू करने से पहले और शराबबंदी कानून लाने से पहले बिहार में इसके लिए अदालती ढांचा तैयार किया गया है या नहीं? इस पर कोई अध्ययन किया कराया गया या नहीं? सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि, बिहार में शराबबंदी की वजह से लगातार जेलों में कैदियों की संख्‍या बढ़ रही है. जजों की संख्‍या कम है बावजूद इसे 26 में 16 जज केवल शराबबंदी से जुड़े मामलों में ही फंसे हुए हैं.

शराबबंदी को लेकर बैकफुट पर क्यों आए नीतीश: आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल 2016 से दिसंबर 2021 तक शराबबंदी कानून के तहत करीब 2.03 लाख मामले सामने आए. इनमें 3 लाख से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें से 1.08 लाख मामलों का ट्रायल शुरू किया गया. इनमें से 94 हजार 639 मामलों का ट्रायल पूरा हो चुका है. 1 हजार 19 मामलों में आरोपियों को सजा मिली. 610 मामलों में आरोपियों को बरी किया जा चुका है.

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP


ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.