भागलपुर: जिले के बरारी पुल घाट के समीप जीवन जागृति सोसायटी की ने डूबते हुए को बचाने के लिए वाटर हेलमेट के साथ मॉक ड्रिल किया. मॉक ड्रिल के जरिए डूबती हुई नाव से जान कैसे बचती है, इस बारे में दिखाया गया. मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य वाटर हेलमेट के महत्व को बताना था. लिहाजा, कुछ बिना हेलमेट पहने कुछ लोगों को जब नदी में उतारा गया तो वो डूबने लगे. वहीं, हेलमेट धारी बचकर बाहर निकल आए.
जीवन जागृति सोसायटी के चेयरमैन डॉ. विजय कुमार सिंह ने वाटर हेलमेट को संजीवनी बताया है. उन्होंने कहा कि वाटर हेलमेट यदि नाव पर सवार सभी लोग पहनकर यात्रा करें तो हमेशा अपनी जान को सुरक्षित कर पाएंगे. अजय कुमार ने कहा कि जिस तरह से सड़क पर चलने के दौरान मोटरसाइकिल सवार को हेलमेट पहनना जरूरी है, उसी तरह नदी पार करते समय नाव या स्ट्रीमर में इसे पहनना जरूरी हो जाता है.
मॉक ड्रिल के दौरान नाव पर सवार कुछ लोगों ने वाटर हेलमेट पहना हुआ था और कुछ लोगों ने वाटर हेलमेट नहीं पहना था. नाव चलने के दौरान अनियंत्रित हो गयी और पलटने लगी, जिस वजह से नाव पर सवार लोगों ने पानी में छलांग लगा दी. जिन्होंने वाटर हेलमेट पहना था, वह खुद से तैरकर बाहर निकल गए. लेकिन जिन्होंने वाटर हेलमेट नहीं पहना था, वे डूबने लगे थे. जिन्हें गोताखोरों ने बचाया.
![बिना हेलमेट वालों को बचाया गया (मॉक ड्रिल )](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/br-bgp-04-whaterhelmet2020-visual-byte-pkg-bh10034_30112020222012_3011f_03344_159.jpg)
क्या है वाटर हेलमेट
ये एक लोगों को पानी में डूबने से बचाता है. वाटर हेलमेट एक हवा भरे डिब्बे और रस्सी का बना हुआ होता है.