ETV Bharat / state

श्रावणी मेले में श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है उत्तर वाहिनी गंगा तट पर गंगा आरती

author img

By

Published : Jun 23, 2022, 7:51 PM IST

श्रावणी मेला 2022
श्रावणी मेला 2022

दो साल बाद बाबा वैद्यनाथ के दरबार में भक्त फिर से हाजिरी लगाएंगे. इसके लिए तैयारी पूर जोर शोर से चल रही है. कोरोना के कारण पिछले दो साल से देवघर स्थित बाबा वैद्यनाथ धाम (Babadham Deogarh) में श्रावणी मेला का आयोजन का आयोजन नहीं हो सका था. वहीं, सुल्तानगंज के अजगैबीधाम में भी गंगा आरती को लेकर जोर शोर से तैयारी चल रही है. पढ़ें पूरी

भागलपुर: बिहार के सुल्तानगंज के अजगैबीधाम में उत्तर वाहिनी गंगा तट पर मां गंगा की महाआरती (Maha Aarti of Ajgaibidham) की भव्यता सबको आकर्षित (Ganga attracts devotees in the Shravani fair) करती है. सावन महीने में भगवा रंग में हजारों कांवड़ियों की उपस्थिति में इसकी भव्यता और बढ़ जाती है. बनारस के दशाश्वमेध घाट पर होने वाली भव्य आरती की तर्ज पर अजगैबीनाथ में उत्तर वाहिनी गंगा तट पर पूरे एक माह तक की जाने वाली मां गंगा की महाआरती सावन महीने में प्रतिदिन की जाती है.

ये भी पढ़ें: श्रावणी मेला 2022: 14 जुलाई से विश्व प्रसिद्ध मेला, कांवड़ियों के लिए मोबाइल एप्प, मिलेगी ये जानकारी

अजगैबीधाम में मां गंगा की महाआरती : गंगा तट पर कांवड़ियों का हुजूम, कृत्रिम रोशनी के बीच पांच पंडितों के मंत्रोच्चार के बीच गंगा आरती के आकर्षण का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसे देखने के लिए हजारों कांवड़िए उस समय का इंतजार करते हैं. जाह्नवी गंगा महाआरती सभा द्वारा आयोजित गंगा आरती अन्य महीनों में तो साप्ताहिक होती है, लेकिन भगवान भोले के पसंदीदा महीने सावन में आरती का प्रतिदिन आयोजन किया जाता है. सभा के महामंत्री पंडित संजीव झा बताते हैं कि स्थानीय पंडा समाज द्वारा वर्ष 2000 से गंगा महाआरती कार्यक्रम की शुरुआत की गई. बाद में 2010 से इसे बनारस की तर्ज पर भव्य तरीके से किया जा रहा है.

''वर्ष 2012 में सभा गठित की गई. वर्ष 2010 से बनारस की तर्ज पर जब गंगा महाआरती का शुभारंभ किया गया तो उस समय श्रावणी मेला में बनारस से ही नौ सदस्यीय पंडितों एवं उनके सहयोगियों की टीम को यहां एक महीने के लिए आमंत्रित करते थे. मेला समापन के बाद उन्हें विदा कर दिया जाता था. लेकिन जाह्नवी गंगा महाआरती सभा के गठन के बाद 15 सदस्यीय एक टीम बनाई गई, जिसमें पंडितों को भी शामिल किया गया. सावन महीने में प्रत्येक संध्या गंगा आरती का आयोजन किया जाता है.'' - पंडित संजीव झा, महामंत्री, जाह्नवी गंगा महाआरती सभा

105 किमी की पैदल यात्रा : देवघर में बाबा वैद्यनाथ को जो जल अर्पित किया जाता है, उसे शिव भक्त भागलपुर जिले के सुल्तानगंज में बहने वाली उत्तर वाहिनी गंगा से भरकर 105 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर बाबा वैद्यनाथ को अर्पित करते हैं. कांवरिया बोल बम का मंत्र जाप करते हुए 86 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर सबसे पहले झारखंड की सीमा दुम्मा में प्रवेश करते हैं. यहां से दस किमी शिवगंगा और नौ करीब नौ किमी की रूट लाइन. इस तरह कुछ 105 किमी की दूरी तय कर कांवरिया बाबा पर जल अर्पण करते हैं.

14 जुलाई से 12 अगस्त तक लगेगा मेला: बता दें कि इस बार श्रावणी मेला 14 जुलाई से 12 अगस्त तक लगेगा. 2019 में आखिरी बार श्रावणी मेला लगा था. 2019 के श्रावणी मेले में एक माह के दौरान करीब 55 लाख श्रद्धालु सुल्तानगंज से उत्तरवाहिनी गंगा का जल लेकर पैदल बाबाधाम गए थे. ऐसे में इस बार हर साल की तुलना डेढ़ गुना से अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ लगने की उम्मीद है. इस कारण दोनों राज्यों के प्रशासन को तैयारी दोगुनी रखनी होगी.

ये भी पढ़ें: बाबा बैद्यनाथ धाम : मोर के मुकुट से होता है भोले का श्रृंगार, इस गांव में होता है तैयार

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.