ETV Bharat / state

नवगछिया का जगतपुर झील विदेशी मेहमानों से गुलजार, पर्यटकों का बन रहा नया स्पॉट

author img

By

Published : Jan 1, 2023, 9:15 PM IST

Updated : Jan 1, 2023, 9:20 PM IST

नवगछिया का जगतपुर झील
नवगछिया का जगतपुर झील

नवगछिया के जगतपुर झील में इन दिनों रूस और मंगोलिया सहित कई देशों से विदेशी पक्षियों का झुंड (Exotic Birds in Bhagalpur) लोगों को आकर्षित कर रहा है. पढ़ें पूरी खबर..

नवगछिया का जगतपुर झील

भागलपुरः बिहार का भागलपुर जिला अन्तर्गत जगतपुर झील (Jagatpur Lake of Bhagalpur) विदेशी पक्षियों के कलरव से इन दिनों से गुलजार है. नवगछिया को भागलपुर जिला मुख्यालय से जोड़ने वाले विक्रमशिला पहुंच पथ के किनारे 70 हेक्टेयर का वेट लैंड है, जिसे स्थानीय भाषा में झील कहा जाता है. जगतपुर झील कहें या नवगछिया झील विदेशी पक्षियों और कई प्रकार की तितलियों से इन दिनों गुलजार है. ठंड के मौसम में झील में प्रवासी प्रक्षियों को कलरव का आनंद लेने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटकों और पक्षी प्रेमियों से गुलजार है.

ये भी पढ़ें- कटिहार: किताब के पन्नों तक सिमट कर रह गया गोगाबिल झील, डिप्टी सीएम ने दिया आश्वासन जल्द होगा विकास

"अभी 170 से अधिक प्रजातियां झील में डॉक्यूमेंट किये गए हैं। ये सभी सेंट्रल एशियन फ्लाइवेज से आते हैं।इस फ्लाइवेज मे हवा के बहाव पक्षियों के अनुकुल होता है। झील को सँवारा जाए तो और बेहतर होगा, जल कुंभी से पक्षियों को ज्यादा परेशानियां होती है। हालाँकि वो प्राइवेट लैंड है तो अभी उस पर काम नहीं हो रहा है."- भरत चिंतापल्ली डीएफओ, भागलपुर

200-300 देशी-विदेशी पक्षी पहुंचते हैं जगतपुरः भागलपुर का जगतपुर झील में इन दिनों में विदेशी पक्षियों की कलरव सुनाई पड़ रही है. कई वर्ष बाद लगभग 200-300 की संख्या में विदेशी प्रजाति के पक्षियों का झुंड पहुंचा है. ये पक्षी ठंडे मुल्कों से यहां आकर विभिन्न हिस्सों में फैल जातें हैं और तीन-चार महीनों तक यहां रह कर मार्च के अंत में अपने देश लौटने लगते हैं.

170 पक्षियों का हो चुका है डाक्यूमेंटेशनः डीएफओ भरत चिंतापल्ली (Bhagalpur DFO Bharat Chintapalli) ने बताया कि अभी 170 से अधिक प्रजातियां झील में डॉक्यूमेंट किये गए हैं. ये सभी सेंट्रल एशियन फ्लाइवेज से आते हैं. इस फ्लाइवेज में हवा के बहाव पक्षियों के अनुकुल होता है. झील को संवारा जाए तो और बेहतर होगा, जल कुंभी से पक्षियों को ज्यादा परेशानियां होती है. हालांकि जगतपुर-झील में सरकारी और निजी जमीन होने के कारण कुछ योजनाओं को जमीन पर उतारने में बाधाएं हैं.

सेंट्रल एशिया जैसे ठंडे मुल्कों से भागलपुर में जुटते हैं पक्षीः ये प्रवासी पक्षी रूस, अलास्का, मंगोलिया, तिब्बत, सेंट्रल एशिया जैसे ठंडे मुल्कों से यहां आकर विभिन्न हिस्सों में फैल जातें हैं और तीन-चार महीनों तक यहां रह कर फिर मार्च के अंत में अपने देश लौटने लगते हैं. पानी में विदेशी मेहमानों को अठखेलियां देखने के लिए पर्यटक, पर्यावरण के विशेषज्ञ, जन्तु वैज्ञानिक सहित कई लोग मौके पर पहुंचते हैं.

कई दुर्लभ विदेशी पक्षियां का झील में है जमावड़ाः यहां में कामन कूट, पिनटेल डक, लालसर, वीजन डक, ह्वाइट आइ पोचार्ड, नारदर्न सोभलर, गडवाल डक, कामन पोचार्ड, कामन टील, पिनटेल डक, कॉमन डक, कॉमन टिल, बत्तख की दर्जनों प्रजातियां, जल क्रीड़ा करते देखे जा रहे हैं. ये प्रजातियां हर साल हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर जगतपुर झील पहुंचते हैं.

नवंबर में आते हैं, मार्च में वापस लौट जाती हैं पक्षियांः पक्षियों पर रिसर्च करने वाले भागलपुर के वन्य जीव संरक्षक अरविंद मिश्रा ने बताया कि नवंबर में ये सभी पक्षियां इस लिए पहुंचते हैं, क्योंकि यहां का वातावरण इन पक्षियों के लिए अनुकूल रहता है. मार्च तक झील और आसपास के इलाके में विचरण करने के बाद वापस नये ठिकानों के लिए निकल जाते हैं. झील का पक्षियों के आते ही स्थानीय लोग और पर्यवारणविद अपने कैमरे में तस्वीरों को कैद करते हैं.

"शीतकाल में जब इन पक्षियों का मूल प्रवास बर्फ से पूरी तरह ढंक जाता है, बर्फीले तूफान चलते हैं तो वहां इनका जिंदा रहना मुश्किल हो जाता है. भोजन, आवास, सुरक्षा कुछ नहीं मिल पाता है तब ये सभी पक्षियां सेंट्रल एशियन फ्लाइवेज से यहां आते है. पक्षियों के जगतपुर झील पहुंचते ही वन विभाग चौकस रहता है. अधिकारी लगातार झील जाकर निरीक्षण भी करते हैं ताकि स्थानीय लोग या शिकारी किसी भी तरह का नुकसान इन्हें नहीं पहुंचाए."-अरविंद मिश्रा, पक्षी विशेषज्ञ

Last Updated :Jan 1, 2023, 9:20 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.