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भागलपुर में गंगा और कोसी उफान पर, बाढ़ के पानी में डूबे 459 स्कूल, अब कैसे होगी पढ़ाई?

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Published : Aug 28, 2021, 11:14 AM IST

Updated : Aug 28, 2021, 12:46 PM IST

About 459 schools affected by floods in Bhagalpur
About 459 schools affected by floods in Bhagalpur

गंगा और कोसी नदियों का जलस्तर बढ़ने से भागलपुर में करीब 459 स्कूल बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. वहीं, पीरपैंती और सबौर में दो स्कूल गंगा के कटाव में समा गया है. पढ़ें पूरी खबर..

भागलपुर: बिहार में गंगा सहित कई प्रमुख नदियों के जलस्तर (Water Level Of Rivers) में हुई वृद्धि के बाद सूबे के सैकड़ों स्कूल के भवन बाढ़ के पानी (Flood Water In School) में गिर गए हैं. भागलपुर में करीब 459 स्कूल बाढ़ से प्रभावित (School Affected By Flood) हुए हैं. जिसके कारण 1 लाख से अधिक छात्रों की शिक्षा को लेकर मुश्किलें बढ़ गई हैं. वहीं, जिले के पीरपैंती और सबौर के दो स्कूल गंगा के कटाव में समा गए हैं.

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वहीं, बाढ़ के कारण दर्जनों की संख्या में स्मार्ट क्लास की कक्षाओं में भी पानी चला गया. जिससे कंप्यूटर, बैटरी सहित यूपीएस खराब हो गया है. पानी निकलने के बाद स्कूलों में हुई क्षति का आंकलन किया जाएगा. कई स्कूलों के दस्तावेज पानी में डूबने के कारण खराब हो गया.

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बता दें कि करीब 3 सप्ताह पहले भागलपुर में गंगा और कोसी के किनारे स्कूलों में बाढ़ का पानी प्रवेश करना शुरू हो गया था. पानी बढ़ने के कारण स्कूल को बंद किया गया. बीते करीब 2 सप्ताह से 459 स्कूलों में पानी होने से पढ़ाई और अन्य कामकाज ठप पड़े हैं. जिले में गंगा और कोसी में धीरे-धीरे जलस्तर कम होने के कारण 3 से 4 दिनों में स्कूलों से पानी निकलने की संभावना है. जिसके बाद स्कूलों की साफ-सफाई के बाद पठन-पाठन शुरू किया जाएगा.

"बाढ़ के कारण 12 प्रखंड में करीब 459 स्कूल प्रभावित हुए. जिस कारण से अभी भी पठन-पाठन बंद है. उन्होंने कहा कि बच्चों के जानमाल को नुकसान न पहुंचे इस को ध्यान में रखकर विद्यालय को बंद रखा गया है. जिन स्कूलों में ज्यादा पानी है. वहां के शिक्षक को नजदीक के स्कूलों में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है."- संजय कुमार, शिक्षा पदाधिकारी, भागलपुर

शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि जिले के दो स्कूल सबौर और पीरपैंती में पूरी तरह से गंगा के कटाव में समा गया है. जो शतप्रतिशत नुकसान है. उन्होंने बताया कि दर्जनों की संख्या में स्मार्ट क्लास भी प्रभावित हुआ है. कई स्कूलों के स्मार्ट क्लास में लगे यूपीएस, बैट्री, कंप्यूटर खराब होने की सूचना है. साथ ही कुछ स्कूलों के दस्तावेज को भी नुकसान पहुंचा है और कई स्कूलों के आधारभूत संरचना को भी नुकसान पहुंचा है.

शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि बाढ़ का पानी अब धीरे-धीरे कम हो रही है. ऐसे में बाढ़ के कारण किस विद्यालय को कितना नुकसान हुआ है, पानी निकलने के बाद ही आकलन किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए इंजीनियर को भी सर्वे के लिए लगा दिया गया है. 1 सप्ताह में रिपोर्ट भी आ जाएगा. उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के जिस बच्चे कि पठन-पाठन अभी बाधित हैं. उनके लिए 2 महीने का स्पेशल क्लास लिया चलाया जाएगा.

बता दें कि पहले कोरोना के कारण डेढ़ साल तक पढ़ाई बाधित रही और अब बाढ़ के कारण स्कूल बंद है. पानी निकलने के बाद भी करीब 1 सप्ताह साफ-सफाई में लगेंगे. ऐसे में अभी अगले कुछ दिनों तक बाढ़ प्रभावित इलाकों के स्कूलों में पढ़ाई नहीं हो सकेगी. जिन स्कूलों में ज्यादा पानी है. वहां के शिक्षक को नजदीक के स्कूलों में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है.

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Last Updated :Aug 28, 2021, 12:46 PM IST
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