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225 करोड़ से बनने वाले जलापूर्ति योजना का रास्ता साफ, एक साल करना पड़ेगा इंतजार

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Published : Jan 2, 2021, 5:02 PM IST

फेज-1 28.3 करोड़ की लागत से काम शुरू हो गया है. इसके तहत अधूरे भवन को पूरा करने का काम चल रहा है. वहीं, फेज-2 में 20.43 करोड़ की लागत से हाउसिंग बोर्ड परिसर, मिरजानहाट, ठाकुरबाड़ी और टीएमबीयू परिसर में निर्मित जलमीनार से जलापूर्ति पाइप जोड़ने का काम शुरू किया जा रहा है.

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भागलपुर: 2021 के अंत तक भागलपुर में एशियन डेवलपमेंट बैंक के सहयोग से शहर में चल रही सभी जलापूर्ति योजना का काम पूरा किया जाएगा. पैन इंडिया के अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए बुडको ने 225 करोड़ रुपए का टेंडर निकाला था, जो बीते 2020 के फरवरी में एशियन डेवलपमेंट बैंक ने टेंडर को लिया है.

इससे पहले पैनइंडिया को 318 करोड़ रुपए की लागत से काम करना था. लेकिन 90 करोड रुपये का ही काम हो सका था. अब नए टेंडर में 285 किलोमीटर जलापूर्ति पाइप बिछाने की योजना है. नए टेंडर के माध्यम से करीब 70 हजार घरों में पानी का कनेक्शन दिया जाएगा. इसको लेकर कार्य तेजी से किया जा रहा है. इसी योजना के तहत शहर में 19 जल मीनार में डीप बोरिंग किया जा रहा है.

देखें रिपोर्ट...

तीसरे चरण में होगा जल मीनार का निर्माण
फेज-1 28.3 करोड़ की लागत से काम शुरू हो गया है. इसके तहत अधूरे भवन को पूरा करने का काम चल रहा है. वहीं, फेज-2 में 20.43 करोड़ की लागत से हाउसिंग बोर्ड परिसर, मिरजानहाट, ठाकुरबाड़ी और टीएमबीयू परिसर में निर्मित जलमीनार से जलापूर्ति पाइप जोड़ने का काम शुरू किया जा रहा है. अधूरे पाइप लाइन का कार्य डीप बोरिंग और जलापूर्ति कनेक्शन देने का काम होगा. तीसरे चरण में 88.26 करोड़ की लागत से जल मीनार का निर्माण होना है. इसमें सुरखीकल, आनंदगढ़ कॉलोनी, पथ निर्माण विभाग, लाजपत पार्क व नगर निगम गोदाम परिसर में जलमीनार का काम पूरा करना है. चौथे चरण में 83.5 की लागत से 6 जलमीनार का निर्माण और पुराने जलमीनार का जीर्णोद्धार का काम किया जाएगा.

लोगों को नहीं मिल रहा सप्लाई वाटर का लाभ
नगर निगम क्षेत्र के कुल होल्डिंग धारकों की संख्या 70 हजार के लगभग है और निगम में इतने होल्डिंग धारकों में मात्र 16000 लोगों के पास ही सप्लाई वाटर का कनेक्शन है. निगम के 51 वार्ड की जनसंख्या लगभग 8 लाख है. इसमें एक बड़ी आबादी को सप्लाई वाटर का लाभ नहीं मिल रहा है, सबसे बड़ी बात यह है कि जिन होल्डिंग धारकों ने कनेक्शन लिया है, उन्हें भी सही से पानी नहीं मिल पाता है, जो पानी मिलता है, उससे होल्डिंग धारक मोटर लगाकर अपनी टंकी में पानी भर लेते हैं. इस कारण उपभोक्ता को सही रूप से पानी नहीं मिल पाता है. शहर की लगभग 8 लाख की आबादी को मात्र 38 लाख गैलन की पानी की आपूर्ति हो रही है.

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