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बेगूसराय: कावर झील में बेधड़क हो रहा विदेशी पक्षियों का शिकार, DM बोले- हमें नहीं थी जानकारी

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Published : Jan 1, 2021, 9:24 AM IST

सोशल मीडिया पर विगत कुछ दिनों से एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. वायरल होते वीडियो में जिले के काबर झील में साइबेरियन पक्षियों का शिकार होता दिखाई दे रहा है.

बेगूसराय में पक्षियों के शिकार का वीडियो  वायरल
पक्षियों के शिकार का वीडियो वायरल

बेगूसराय: एक तरह जहां सरकार कावर झील को एशिया के बड़े पक्षी अभयारण्य के रूप में स्थापित करने का दावा कर रही है. वहीं, यहां देश विदेश से आने वाले पक्षियों की सुरक्षा राम भरोसे है. मीठे पानी के इस झील में साइबेरिया और दूसरे देश से आने वाले पक्षी इस स्थान को रमणीक बनाने का काम करती है. वहीं, दूसरी तरह यहां पक्षियों का शिकार भी तेजी से हो रहा है. जिले में एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें इन विदेशी पक्षियों का शिकार होता दिखाई दे रहा है.

विदेशी पक्षियों का बढ़ा शिकार
एशिया फेमस मीठे पानी के झील बेगूसराय में स्थित काबर को रामसर साइट में शामिल कर केंद्र सरकार ने इसे अंतरराष्ट्रीय पहचान दिला दिया. रामसर साइट में शामिल किए जाने से आशा जगी थी कि अब यहां साइबेरिया समेत विभिन्न देशों से आने वाले प्रवासी पक्षी के शिकार पर रोक लग जाएगी. लेकिन पक्षियों के शिकार की संख्या तेजी से बढ़ गई है.

देखें रिपोर्ट

नए साल 2021 के आगमन की खुशी में बिक्री के लिए यहां के शिकारियों ने बीते कई दिनों के अंदर एक हजार से अधिक पक्षियों को पकड़ लिया है. पकड़े गए लालसर, दिधौंच, सरायर, कारण, डुमरी, अधंग्गी, बोदइन एवं कोइरा आदि को बेगूसराय ही नहीं आसपास के कई जिलों में खुदरा व्यापारी और ग्राहकों को उपलब्ध कराया जा रहा है. लेकिन इस अवैध धंधे को पुलिस और वन विभाग पूरी तरह से रोकने में नाकाम साबित हो रहे हैं.

डीएम ने कहा कि मामले की नहीं थी जानकारी
मिली जानकारी के अनुसार पांच सौ से अधिक शिकारी रोज पक्षियों की शिकारमाही में लगे हुए हैं. विदेशी पक्षियों की डिमांड इतनी ज्यादा है कि लालसर दो हजार से पच्चीस सौ रुपए तक में बिक रहा है. सोशल मीडिया पर वायरल होते वीडियो पर डीएम अरविन्द कुमार वर्मा ने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं था. अब जानकारी मिली है, जांच कर दोषी के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

देखें रिपोर्ट

काबर झील में नहीं मनेगा नए साल का जश्न
वहीं, बेगूसराय के लोग नए साल के अवसर पर कांवर झील में इस वार पर्यटक नौकायन का मजा नहीं ले पाएंगे. चेरिया बरियारपुर प्रशासन ने 1 जनवरी से नौकायान पर रोक लगा दिया है. वहीं, प्रशासन ने सख्त हिदायत दी है कि इसका पालन नहीं करने पर नाविक के उपर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

वहीं, पर्यटकों के इस आदेश से काफी निराशा हाथ लगी है. नए साल के अवसर पर बड़े तादात में लोग काबर झील में नौकायान का लुत्फ उठाते थे. इस बाबत नाविक प्रशासन के इस आदेश से काफी नाराज हैं. उनका कहना है कि रोजी रोटी का यही एक मात्र जरिया है. कोरोना ने पहले से ही उनकी आर्थिक कमर तोड़कर रख दी है. अब प्रशासन के इस फैसले के कारण उनकी दाल रोटी पर बन आई है. नए साल के अवसर पर उम्मीद जगी थी कि सैलानियों और पर्यटकों के आने से थोड़ी बहुत कमाई हो पाएगी. लेकिन अब कोई उम्मीद नहीं बची है.

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