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बेगूसराय: अपनी मांगों को लेकर अनशन पर बैठे किसान, प्रशासन को दी आत्मदाह की चेतावनी

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Published : Sep 22, 2019, 12:24 PM IST

सरकार ने यह सूचना जारी किया है कि जिस पंचायत में किसान का घर होगा, वहीं के खेतों का विवरण क्षतिपूर्ति राशि के लिए दी जाएगी. तभी उनकी मांगों को माना जाएगा वरना उनको राशि नहीं मिलेगी. इसी को लेकर किसान अनशन कर रहे हैं.

बेगूसराय में किसान अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर हैं

बेगूसराय: जिले के किसान अपनी मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठ गए हैं. किसानों का अनशन लगातार दो दिनों से जारी है. अबतक कोई भी प्रशासनिक पदाधिकारी अनशन स्थल पर नहीं आया है. इससे किसानों का गुस्सा और भी बढ़ गया है.

अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे किसान

किसान कर रहें हैं आमरण अनशन
दरअसल, जिले के बछवारा प्रखंड के किसान फसल क्षतिपूर्ति की राशि की मांग को लेकर अनशन पर बैठे हैं. उनकी मांग है कि प्रखंड को सूखाग्रस्त और बाढ़ ग्रस्त घोषित किया जाए. किसानों का आरोप है कि पहले किसानों को डीजल अनुदान की राशि दी जाती थी और उन्हें फसल क्षतिपूर्ति का लाभ भी मिलता था. लेकिन प्रशासनिक लापरवाही की वजह से अब किसानों के साथ दोहरा व्यवहार किया जा रहा है.

Farmers on hunger strike,  hunger strike
प्रशासन से नाराज हैं किसान

प्रशासन से नाराज हैं किसान
आपको बता दें कि सरकार ने यह सूचना जारी किया है कि जिस पंचायत में किसान का घर होगा, वहीं के खेतों का विवरण क्षतिपूर्ति राशि के लिए दी जाएगी. तभी उनकी मांगों को माना जाएगा वरना उनको राशि नहीं मिलेगी. इसी को लेकर किसान अनशन कर रहे हैं. किसानों ने कहा कि किसानों के फसल की क्षतिपूर्ति के लिए राशि दी जाएगी तो घर से सरकार को क्या मतलब है. वहीं किसानों ने मांग पूरी ना होने पर प्रशासन को आत्मदाह करने की चेतावनी भी दी है.

Intro:एंकर-बेगूसराय के बछवारा में अपनी मांगों को लेकर किसान आमरण अनशन पर बैठ गए हैं । किसानों का आमरण अनशन आज दूसरे दिन भी जारी रहा ,लेकिन कोई भी प्रशासनिक पदाधिकारी अनशन स्थल पर नहीं आए । Body:दरअसल बछवारा प्रखंड के किसान फसल क्षतिपूर्ति राशि की मांग को लेकर तथा प्रखंड को सूखाग्रस्त तथा बाढ़ ग्रस्त घोषित करने की मांग कर रहे हैं । किसानों का आरोप है कि जिस किसान को डीजल अनुदान की राशि दी जाती थी और पूर्व में उन्हें फसल छती पूर्ति का लाभ भी मिला है। लेकिन प्रशासनिक लापरवाही की वजह से अब किसानों के साथ दोहरी नीति की जा रही है और बोला जा रहा है कि जिस पंचायत में किसान का घर होगा अगर वही के खेतों का विवरण छति पूर्ति के लिए दिया जाएगा तो उनकी मांगें मानी जाएंगी अन्यथा नहीं। किसानों ने सीधा सीधा आरोप लगाया है कि सरकार के द्वारा किसानों के फसल की क्षतिपूर्ति की राशि दी जाएगी तो फिर घर से सरकार को कोई मतलब नहीं होनी चाहिए । यहां तक कि किसानों ने मांग पूरी नहीं होने की स्थिति में आत्मदाह तक करने की धमकी दी है।
बाईट- राहुल कुमार -किसान
बाईट- नवल कुँवर- किसानConclusion:।।
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