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कुछ निजी अस्पताल पेश कर रहे सेवा की मिसाल, तो कुछ कर रहे मानवता को शर्मसार : ABVP

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Published : May 11, 2021, 3:42 PM IST

डीएम को सौंपा ज्ञापन
डीएम को सौंपा ज्ञापन

जिले में अस्पताल की दयनीय स्थिति को देखते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का एक प्रतिनिधि मंडल डीएम को ज्ञापन सौंपा है. जिसमें कहा गया है कि अस्पताल पर मरीजों की स्थिति पर जल्द से जल्द संज्ञान लिया जाए.

बेगूसराय: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का एक प्रतिनिधि मंडल जिले के डीएम और आईएमए के सचिव डॉक्टर रंजन चौधरी से मिलकर एक ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन सौंपते हुए एबीवीपी के पूर्व राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अजीत चौधरी ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जिला प्रशासन और चिकित्सा संघ से यह मांग करती है कि सभी निजी अस्पताल सरकार के माध्यम से तय किए गए दर की लिस्ट अपने हॉस्पिटल पर चिपकाए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अधिक राशि किसी भी स्थिति में न वसूला जाए.

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अस्पतालों में मनमाने ढंग से वसूले जा रहे पैसे
अजीत चौधरी ने कहा कि विभिन्न चिकित्सालय के माध्यम से मनमाने ढंग से पैसे की उगाही बंद नहीं किया गया तो अस्पताल में ताला लगाने का कार्य विद्यार्थी परिषद करेगा. विद्यार्थी परिषद इस प्रकार के गतिविधियों का कड़े शब्दों में निंदा करता है. क्योंकि यह त्रासदी के समय मानवता को शर्मसार करने वाली घटना है.

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विद्यार्थी परिषद की मांग जायज
इस संबंध में आईएमए के सचिव डॉ रंजन चौधरी ने कहा कि विद्यार्थी परिषद की मांग बिल्कुल जायज है. उन्होंने पूर्व में भी सभी अस्पताल को यह कहा है कि आप निर्धारित दर से अधिक राशि न वसूले. नगर मंत्री पुरुषोत्तम कुमार ने कहा कि विगत दिनों एक निजी चिकित्सालय के माध्यम से एक रोगी से पैसा वसूलने में हद पार कर दिया गया. अपने बेटी की शादी के लिए खरीदे गए कुछ जेवर को बेचकर अस्पताल का पैसा चुकता करवाया गया. वहीं, कुछ निजी अस्पताल एक रात के लिए मृत मरीज के परिजन से 45,000 वसूल लिए. ग्लोकल जैसे अस्पताल के माध्यम से एंटीजन कीट की ब्लैक मार्केटिंग 500 रुपये से लेकर 1000 में की जा रही है. यदि जिलाधिकारी महोदय इस प्रकार के अस्पतालों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं करते हैं तो, विद्यार्थी परिषद अस्पताल के समक्ष प्रदर्शन करने को बाध्य होगा.

दवाई और जांच के न लिए जाए पैसे
असहाय लोगों के साथ बर्बरता बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. वहीं नगर सह मंत्री अंशु कुमार और कार्यालय मंत्री विवेक कुमार ने मांग किया है कि मरीज की मृत्यु हो जाने की स्थिति में कोई भी अस्पताल केवल दवाई और जांच का पैसा ही परिजनों से न लें. अन्य शुल्क को माफ कर दिया जाए. साथ ही जिलास्तर पर दो हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाए जिसपर किसी भी निजी अस्पताल के माध्यम से मनमानी के खिलाफ शिकायत दर्ज किया जा सके. इसके साथ ही उस पर त्वरित कार्रवाई भी हो सके.

मृत मरीज को पहुंचाने के लिए वसूले जा रहे पैसे
विद्यार्थी परिषद ऐसे समय में सरकारी सिस्टम को मानवता की भलाई के लिए समर्पित मानता है. लेकिन वर्तमान में बेगूसराय का आलम यह है कि बार-बार मानवता शर्मसार हो रही है. कुछ अस्पतालों के माध्यम से 25 किलोमीटर तक कोरोना वायरस मृत मरीज को पहुंचाने के लिए परिजनों से 12000 रुपये तक किराया लिया गया, लेकिन आज उनका सुनने वाला कोई नहीं है. बता दें कि उक्त ज्ञापन की एक-एक प्रतिलिपि सिविल सर्जन बेगूसराय और बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री को भी दिया गया है. जिससे ऐसे अस्पतालों की मनमानी पर शीघ्र रोक लग सके.

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